'डॉ. हेडगेवार आने वाली चुनौतियों को समझते थे', RSS के 100 साल पूरे होने पर स्पेशल इंटरव्यू में बोले होसबाले
RSS के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने संघ की शताब्दी पर विक्रमा साप्ताहिक में दिए इंटरव्यू में संघ की स्थापना, शाखा व्यवस्था, डॉ. हेडगेवार की सोच, जाति से जुड़े मुद्दे, और हिंदुत्व पर विस्तृत चर्चा की।

डॉ. हेडगेवार आने वाली चुनौतियों को समझते थे, RSS के 100 साल पूरे होने पर स्पेशल इंटरव्यू में बोले होसबाले
राष्ट्र संघ सेवक (RSS) ने अपने 100 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाते हुए एक विशेष इंटरव्यू का आयोजन किया जिसमें संघ के कार्यवाहक सरसंघचालक दत्तात्रेय होसबाले ने कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने डॉ. हेडगेवार के दृष्टिकोण और उनके विचारों को साझा करते हुए बताया कि किस प्रकार उन्होंने भविष्य की चुनौतियों को समझा और संघ को मजबूत बनाने के लिए कई कदम उठाए।
डॉ. हेडगेवार का दृष्टिकोण
होसबाले ने कहा, "डॉ. हेडगेवार ने हमेशा समाज के उत्थान और एकता पर जोर दिया। उनकी सोच थी कि एक मजबूत समाज ही भविष्य में आने वाली चुनौतियों का सामना कर सकता है। उन्होंने हमें सिखाया कि हर समस्या का समाधान समाज में एकता और समर्पण से ही संभव है।"
संघ की भूमिका
संघ के 100 वर्ष पूरे होने पर होसबाले ने भी संघ की भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने कहा, "RSS ने हमेशा समाज के हर वर्ग की आवाज उठाई है और उनके अधिकारों की रक्षा करने के लिए काम किया है। आने वाले समय में हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है, खासकर जब हमें सांस्कृतिक और सामाजिक समरसता की आवश्यकता है।"
चुनौतियाँ और समाधान
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "आज की दुनिया में अनेक चुनौतिया हैं, जैसे सांप्रदायिकता, भ्रष्टाचार और सामाजिक असमानता। इन सभी मुद्दों पर संघ अपने कार्यकर्ताओं और समाज के सहयोग से ठोस कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।"
संघ के भविष्य की संभावनाएँ
होंसबाले के अनुसार, RSS का भविष्य उज्ज्वल है और यह आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शन करेगा। उन्होंने बताया, "हम सभी को मिलकर समाज को आगे बढ़ाने और उसे मजबूत बनाने की दिशा में काम करना होगा। केवल एकजुटता से ही हम इन चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।"
निष्कर्ष
आरएसएस के 100 साल पूरे होने का यह अवसर न केवल संगठन के लिए, बल्कि समस्त भारतीय समाज के लिए गर्व का पल है। डॉ. हेडगेवार के दृष्टिकोण को याद करते हुए, हम यह देख सकते हैं कि संघ ने किस प्रकार से समाज को एकजुट करने और विभिन्न चुनौतियों का सामना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
अंत में, होसबाले का यह बयान कि "डॉ. हेडगेवार आने वाली चुनौतियों को समझते थे" आज की दृष्टि से भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना कि वह तब था।
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