'तमिल जिंदाबाद, हिंदी थोपना बंद करो, AI युग में स्कूलों में तीसरी भाषा को लागू करना अनावश्यक', NEP विवाद पर बोले स्टालिन

तमिलनाडु में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत स्कूलों में तीसरी भाषा को पढ़ाए जाने का मुद्दा गरम है। राज्य में बीजेपी के नेता और सीएम स्टालिन के बीच तीखी नोंकझोंक चल रही है।

Feb 28, 2025 - 23:33
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'तमिल जिंदाबाद, हिंदी थोपना बंद करो, AI युग में स्कूलों में तीसरी भाषा को लागू करना अनावश्यक', NEP विवाद पर बोले स्टालिन
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तमिल जिंदाबाद, हिंदी थोपना बंद करो, AI युग में स्कूलों में तीसरी भाषा को लागू करना अनावश्यक, NEP विवाद पर बोले स्टालिन

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लेखक: सुष्मिता शर्मा, टीम नीतानगरी

परिचय

हाल के दिनों में शिक्षा प्रणाली को लेकर उठे विवाद के बीच, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने एक बार फिर से अपनी मजबूत राय व्यक्त की है। उनका कहना है कि NEP (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) के तहत स्कूलों में तीसरी भाषा के रूप में हिंदी को अनिवार्य करना आवश्यक नहीं है। स्टालिन ने इस संदर्भ में स्पष्ट शब्दों में कहा कि हमें AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) युग में भारतीय भाषाओं की अस्मिता को बचाने की आवश्यकता है।

हिंदी थोपने का विरोध

स्टालिन ने अपने ताजा बयान में कहा, “हम तमिल को हमारा मूल भाषा मानते हैं और हम हिंदी को थोपना नहीं चाहते।” उनका यह वक्तव्य तमिल प्रेमियों के लिए एक मजबूत संदेश है कि जो लोग हिंदी को तमिलनाडु में एक अनिवार्य भाषा के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं, वे आधिकारिक भाषा के अधिकारों के खिलाफ जा रहे हैं। उनके अनुसार, शिक्षा में मातृभाषा का महत्व हमेशा सर्वोपरि रहना चाहिए।

AI युग और शिक्षा

मुख्यमंत्री स्टालिन ने यह भी कहा कि वर्तमान AI युग में स्कूली शिक्षा की जरूरतों को समझना महत्वपूर्ण है। प्रौद्योगिकी के इस युग में, हमें भाषा के मामले में विविधता को बढ़ावा देना चाहिए, ताकि बच्चे नई तकनीकों का बेहतर प्रयोग कर सकें। उनका मानना है कि केवल तीन भाषाएँ सिखाना - तमिल, अंग्रेज़ी, और अन्य क्षेत्रीय भाषाएँ - बच्चों के भविष्य को संवारा जा सकता है।

शिक्षा नीति पर बहस

NEP को लेकर बढ़ते विवादों के बीच, स्टालिन ने कहा कि यह समय है कि सत्ताधारी पक्ष यह समझे कि स्थानीय भाषाओं को नकारना एक गलत सोच है। उनके अनुसार, शिक्षा नीति का उद्देश्य केवल ज्ञान देना नहीं है, बल्कि बच्चों की सांस्कृतिक पहचान को भी सुरक्षित रखना है।

समापन विचार

स्टालिन के इस बयान से स्पष्ट है कि तमिलनाडु में भाषा का मुद्दा केवल शैक्षणिक रहा है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक मुद्दा भी है। इस विषय पर आगे क्या कदम उठाए जाएंगे, यह देखना दिलचस्प होगा। हमें उम्मीद है कि सरकार इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाएगी जिससे हमारी भाषाओं और संस्कृति का संरक्षण हो सके।

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Keywords

Tamil Nadu, NEP controversy, MK Stalin, Hindi imposition, AI era, third language, education policy, regional languages, cultural identity, language preservation

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