प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में PM मोदी बोले- भविष्य युद्ध में नहीं, बल्कि बुद्ध में है; जानें और क्या कहा
प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सैंकड़ों वर्ष पहले भी ओडिशा से हमारे कारोबारी लंबा संमुद्री सफर कर बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानों पर जाते थे। इसी स्मृति में आज भी बाली यात्रा का आयोजन होता है।
प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में PM मोदी बोले- भविष्य युद्ध में नहीं, बल्कि बुद्ध में है; जानें और क्या कहा
AVP Ganga
작성자: सुषमा वर्मा, टीम नेतानागरी
परिचय
हर साल मनाए जाने वाले प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का इस बार का आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शक्ति मद्य नेतृत्व में किया गया। 9 जनवरी को होने वाले इस सम्मेलन में पीएम मोदी ने प्रवासी भारतीयों के समक्ष कई महत्वपूर्ण बातें साझा की हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य युद्ध में नहीं, बल्कि बुद्ध में है। आइए जानते हैं प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मेलन में और क्या-क्या कहा।
बुद्ध का महत्व
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में बुद्ध का जिक्र करते हुए बताया कि हमें सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से अपने अतीत को समझने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बुद्ध का ज्ञान और उनके विचार हमें एक नई दिशा प्रदान करते हैं। उनका कहना था कि वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें बुद्ध के विचारों को अपनाना होगा।
प्रवासी भारतीयों की भूमिका
प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय मूल के लोग विदेशों में भारतीय संस्कृति को फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ये प्रवासी भारतीय भारत के विकास में भी एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं और दुनियाभर में भारतीय संस्कृति का आधार बनते हैं।
विकास के नए अवसर
मोदी ने बताया कि भारत में कई विकास के नए अवसर हैं। उन्होंने प्रवासी भारतीयों से आग्रह किया कि वे भारत के विकास में सक्रिय रूप से भाग लें। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय सरकार दुनिया भर में भारतीयों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।
संस्कृति और एकता
प्रधानमंत्री ने भारतीय संस्कृति की अनमोल धरोहरों का जिक्र करते हुए कहा कि यह संस्कृति हमें एकजुट बनाती है। उन्होंने प्रवासी भारतीयों से कहा कि वे भारतीय संस्कृति को संरक्षित रखें और इसे अपने बच्चों को भी सिखाएं। यह सभी भारतीयों का कर्तव्य है कि वे अपनी संस्कृति को गर्व से जीयें।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस प्रेरणादायक भाषण ने प्रवासी भारतीयों के मन में एक नई ऊर्जा भरी है। उनके विचार हमें यह याद दिलाते हैं कि केवल युद्ध से नहीं, बल्कि बुद्ध के दृष्टिकोण से हम अपने भविष्य को संवार सकते हैं। भारतीय संस्कृति का महत्व और प्रवासी भारतीयों की भूमिका को समझना आवश्यक है। इस अवसर का लाभ उठाते हुए आइए हम सभी मिलकर अपने देश के विकास में योगदान दें।
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