'मन की बात' में PM मोदी ने समर वेकेशन और जल संचय को लेकर दिया खास संदेश, जानें और क्या कहा
पीएम मोदी आज 'मन की बात' के 120वें एपिसोड के जरिए लोगों से रूबरू हुए। इस मौके पर उन्होंने कई विषयों पर भी विस्तार से बात की। जानिए पीएम ने क्या कहा-

‘मन की बात’ में PM मोदी ने समर वेकेशन और जल संचय को लेकर दिया खास संदेश, जानें और क्या कहा
AVP Ganga
लेखक: साक्षी शर्मा, टीम नेतानागरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में समर वेकेशन और जल संचय के महत्व पर विशेष रूप से चर्चा की। यह कार्यक्रम भारतीय संस्कृति, पर्यावरण और सामाजिक मुद्दों पर उनके विचारों का प्रतिनिधित्व करता है। पीएम मोदी ने न केवल बच्चों के समर वेकेशन को लेकर सलाह दी, बल्कि जल संचय की आवश्यकता को भी उजागर किया।
समर वेकेशन: नए अनुभवों की ओर
पीएम मोदी ने बच्चों को समर वेकेशन के दौरान नये अनुभव प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि इस समय का सदुपयोग करते हुए बच्चों को प्रकृति के करीब जाकर नयी चीज़ें सीखनी चाहिए। बच्चों के लिए यह समय अपने टैलेंट को विकसित करने और नई स्किल्स हासिल करने का बेहतरीन मौका है। उन्होंने माता-पिता से भी अपील की कि वे अपने बच्चों को नये-नये तरीकों से शिक्षित करने की कोशिश करें।
जल संचय का महत्वपूर्ण संदेश
जल संकट एक गंभीर समस्या है जिसे पीएम मोदी ने अपने संबोधन में रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हमारे आसपास पानी की महत्ता को समझने की जरूरत है। हर भारतीय को जल संचय के प्रति जागरूक होना चाहिए। जल के उचित इस्तेमाल और संचयन से अपने पर्यावरण को सुरक्षित रख सकते हैं। उन्होंने गांवों में जल संरक्षण के लिए चलाए जा रहे अभियानों की सराहना की और सभी से जल बचाने की अपील की।
जनता की भागीदारी अनिवार्य
प्रधानमंत्री ने इस विषय में जनता की सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि केवल सरकारी नीतियों से नहीं, बल्कि जनता की जागरूकता और सहभागिता से ही हम जल संचय की चुनौती को पार कर सकते हैं। इस संदर्भ में उन्होंने कुछ सफल सामुदायिक अभियानों के उदाहरण दिए जिनमें स्थानीय लोगों ने मिलकर जल संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
निष्कर्ष
PM मोदी का यह संदेश स्पष्ट है कि समर वेकेशन का उपयोग केवल आराम करने के लिए नहीं, बल्कि ज्ञान और अनुभव प्राप्त करने के लिए होना चाहिए। इसके साथ ही, जल संचय जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर जागरूकता फैलाना हम सभी की जिम्मेदारी है। हमें अपने दैनिक जीवन में जल के प्रति जागरूक रहना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए जल संसाधन सुरक्षित रह सकें।
‘मन की बात’ कार्यक्रम ने हमें एक बार फिर यह एहसास दिलाया कि हम सब का एक सामूहिक दायित्व है कि अपने देश और पर्यावरण का ध्यान रखें। आगे बढ़ें और जल के संरक्षण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। नए अनुभवों को अपनाने में कभी पीछे मत हटिए।
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