मल्लिकार्जुन खरगे पर बरसे हिमंत बिस्वा सरमा, बोले- सोनिया गांधी ने खुद कुंभ में किया स्नान

महाकुंभ को लेकर बीते दिनों मल्लिकार्जुन खरगे ने बयान दिया था। इस बीच अब हिमंत बिस्वा सरमा ने मल्लिकार्जुन खरगे पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट शेयर किया है।

Jan 28, 2025 - 13:33
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मल्लिकार्जुन खरगे पर बरसे हिमंत बिस्वा सरमा, बोले- सोनिया गांधी ने खुद कुंभ में किया स्नान
मल्लिकार्जुन खरगे पर बरसे हिमंत बिस्वा सरमा, बोले- सोनिया गांधी ने खुद कुंभ में किया स्नान

मल्लिकार्जुन खरगे पर बरसे हिमंत बिस्वा सरमा, बोले- सोनिया गांधी ने खुद कुंभ में किया स्नान

छत्तीसगढ़ में पिछले हफ्ते हुए राजनीतिक विवाद ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि सोनिया गांधी ने स्वयं कुंभ मेले में स्नान किया था, जिसका राजनीतिक दोबारा उपयोग हो रहा है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस पार्टी चुनाव की तैयारियों में लगी हुई है।

हिमंत बिस्वा सरमा का बयान

खरगे के बयानों के जवाब में हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, "सोनिया गांधी ने श्रद्धा से कुंभ में स्नान किया और इसे लेकर मल्लिकार्जुन खरगे का बयान चिंता जनक है।" उन्होंने आगे कहा कि ऐसी बातें केवल राजनीतिक बोलचाल को गर्म करने के लिए की जाती हैं और यह समय की बर्बादी है। उन्होंने कहाकि कांग्रेस अध्यक्ष को इस तरह की बयानबाजी से बचना चाहिए।

सोनिया गांधी का कुंभ स्नान

असम के मुख्यमंत्री ने सोनिया गांधी के कुंभ स्नान की बात को जोड़ते हुए कहा, "यह एक धार्मिक क्रिया है और इसे राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जब बड़े नेता इस तरह की धार्मिक क्रियाओं में खुद को शामिल करते हैं, तो इसे एक सकारात्मक संकेत माना जाना चाहिए।

कांग्रेस पार्टी की प्रतिक्रिया

कांग्रेस पार्टी ने हिमंत बिस्वा सरमा के बयानों को तवज्जो नहीं दी। उनके सूत्रों का कहना है कि ये बयान चुराई गई राजनीति का हिस्सा है और इससे केवल असम के लोगों की भावनाओं को भड़काया जा रहा है। एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "हम ऐसे बयानों पर ध्यान नहीं देंगे। हमारी प्राथमिकता केवल विकास और लोगों की भलाई है।"

आगे की रणनीति

जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक वार-पलट तेज होने की उम्मीद है। हिमंत बिस्वा सरमा ने अपनी पार्टी के लिए एक नई रणनीति तैयार की है जिसमें धार्मिक मुद्दों को उपयोग करने का भी जिक्र किया गया है। इस बीच, मल्लिकार्जुन खरगे को अपने बयानों पर संयम बरतना होगा, नहीं तो कांग्रेस को इसका खामियाजा भोगना पड़ेगा।

निष्कर्ष

कांग्रेस और भाजपा के बीच चल रहे इस विवाद के बीच, यह महत्वपूर्ण हो गया है कि दोनों पार्टियां अपने राजनीतिक दृष्टिकोण को स्पष्ट करें। साथ ही, यह भी देखने की जरूरत है कि क्या यह विवाद अगले चुनाव में असर डाल सकेगा या नहीं। मल्लिकार्जुन खरगे और हिमंत बिस्वा सरमा दोनों को अब अपनी-अपनी राजनीति की दिशा में समझदारी रखते हुए आगे बढ़ना होगा।

बेशक, राजनीतिक नेतृत्व के इस तरह के विवादों का असर चुनावी नतीजों पर पड़ सकता है। जमीनी स्तर पर दोनों पार्टियों की लोकप्रियता और जनता की sentiments को समझना इसके लिए महत्वपूर्ण हो गया है।

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