रामलला प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर अयोध्या में उमड़े श्रद्धालु, हजारों लोगों ने की पूजा-अर्चना
राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने बताया कि पहली वर्षगांठ हिंदी कैलेंडर के अनुसार 11 जनवरी (द्वादशी) को मनाई गई, जबकि कई श्रद्धालु अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 22 जनवरी को मंदिर में पहुंचे। उन्होंने कहा कि सुबह से ही भीड़ जुटनी शुरू हो गई।

रामलला प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर अयोध्या में उमड़े श्रद्धालु, हजारों लोगों ने की पूजा-अर्चना
AVP Ganga
लेखक: नीतू शर्मा, टीम नेटानागरी
परिचय
अयोध्या के राम मंदिर में इस वर्ष प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ मनाने के लिए हजारों श्रद्धालु उमड़ पड़े। इस अवसर पर व्यापक धार्मिक उत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें भक्तों ने बड़े श्रद्धा भाव से पूजा-अर्चना की। रामलला के प्रति आस्था से भरे इस आयोजन ने city का धार्मिक वातावरण और भी पवित्र बना दिया।
पूजा-अर्चना का आयोजन
रामलला प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर विशेष रूप से आयोजित कार्यक्रम में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। विभिन्न पंडालों में सुबह से लेकर देर शाम तक भगवान राम की आरती और भजन-कीर्तन का सिलसिला जारी रहा। इस विशेष दिन को और भी खास बनाने के लिए आयोजकों ने भव्य सजावट और विस्तृत कार्यक्रमों की योजना बनाई थी।
श्रद्धालुओं का अपार जनसैलाब
इस दिव्य अवसर पर अयोध्या में श्रद्धालुओं का अपार जनसैलाब देखने को मिला। देशभर से आए भक्तों की संख्या हजारों में रही। श्रद्धालुओं ने रामजन्मभूमि पर विशेष पूजा-अर्चना की और वहाँ मौजूद झांकियों का अवलोकन किया। मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे अयोध्या फिर से जीवंत हो उठी हो।
धार्मिक भावनाओं का उमंग
इस आयोजन में भक्तों का जोश और उत्साह देखते ही बनता था। जूते-चप्पल उतारकर भक्तों ने संगमरमर की सीढ़ियों पर चढ़कर दर्शन किए। सभी ने एक स्वर में रामलला की जयकारे लगाई और श्रद्धा पूर्वक अपनी सामर्थ्यानुसार दान भी किया। भक्तों ने इस पावन अवसर को अपने परिवार के साथ मनाने का कोई अवसर नहीं छोड़ा।
सुरक्षा और सुविधाएँ
इस बड़े आयोजन को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था और अन्य सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा। सुरक्षा बलों को अयोध्या में तैनात किया गया था और जनसुविधाओं के लिए विभिन्न हेल्प डेस्क स्थापित की गईं। इससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ा।
निष्कर्ष
रामलला प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ ने एक बार फिर से अयोध्या की धार्मिक माहौल को प्रफुल्लित किया। यह आयोजन न केवल भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण था, बल्कि इसने पूरे देश के रामभक्तों को एकजुट होने और अपनी आस्था को दर्शाने का एक सुनहरा अवसर प्रदान किया। भविष्य में भी ऐसी धार्मिक गतिविधियों से जनमानस में एक नई ऊर्जा का संचार होगा।
इस प्रकार, अयोध्या में रामलला की पूजा-अर्चना का यह भव्य आयोजन सभी के लिए एक प्रेरणा बनकर रहा। आगे बढ़कर, यह समय आने वाले वर्षों में बड़ा धार्मिक पर्व बनेगा। ज्यादा अपडेट्स के लिए हमें avpganga.com पर अवश्य देखें।
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