'सनातन के आयोजन को भव्यता से करना कोई अपराध है? अगर है तो हमने किया'-बोले सीएम योगी

विधानसभा के बजट सत्र में सीएम योगी ने महाकुंभ को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सनातन का आयोजन भव्यता से करना अगर अपराध है तो ये अपराध मेरी सरकार ने किया है। जानें और क्या बोले योगी?

Feb 19, 2025 - 14:33
 122  501.8k
'सनातन के आयोजन को भव्यता से करना कोई अपराध है? अगर है तो हमने किया'-बोले सीएम योगी
'सनातन के आयोजन को भव्यता से करना कोई अपराध है? अगर है तो हमने किया'-बोले सीएम योगी

‘सनातन के आयोजन को भव्यता से करना कोई अपराध है? अगर है तो हमने किया’- बोले सीएम योगी

AVP Ganga

लेखक: अंजलि वर्मा, टीम नेटानगरी

परिचय

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक समारोह के दौरान यह बयान दिया कि सनातन धर्म के आयोजनों को भव्यता से करना कोई अपराध नहीं है। उनके इस बयान ने न केवल राजनीति में हलचल मचाई है, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों के बीच भी चर्चाएं बढ़ा दी हैं। इस लेख में हम उनके बयान के पीछे के दृष्टिकोण और सनातन धर्म के आयोजनों की महत्वता पर चर्चा करेंगे।

भव्यता का संदर्भ

सीएम योगी ने कहा कि यदि सनातन के आयोजनों में भव्यता लाना अपराध है, तो वे इसे अपने कार्यकाल में करते रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि धार्मिक आयोजनों का उद्देश्य समाज को एकजुट करना और सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देना है। उनके अनुसार, ये आयोजन न केवल आस्था के प्रतीक हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति के उत्थान में भी सहायक हैं।

राजनीतिक दृष्टिकोण

योगी आदित्यनाथ के इस बयान का राजनीतिक दृष्टिकोण से भी गहरा मतलब है। उत्तर प्रदेश में चुनावों को देखते हुए, धार्मिक भावनाओं को सही तरीके से संबोधित करना हमेशा से एक संवेदनशील मामला रहा है। ऐसे में सीएम का यह बयान अनेक राजनीतिक समीक्षकों के लिए चिंता का विषय बन गया है।

समाज में प्रतिक्रिया

बयान के बाद समाज के विभिन्न वर्गों से मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ आई हैं। कुछ लोगों का तर्क है कि आयोजनों में भव्यता लाना सांस्कृतिक गर्व को बढ़ाता है, जबकि कुछ अन्य इसे राजनीतिक लाभ के नजरिए से देखते हैं। इस मामले में लोगों की राय विभाजित है, जो इस बात का प्रमाण है कि धार्मिक आयोजनों के प्रति लोगों की धारणा में विविधता है।

संस्कृति का संरक्षण

सनातन धर्म के आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि संस्कृति के संरक्षण का कार्य भी करते हैं। भारतीय संस्कृति में वर्षों पुराने त्योहार और पर्व न केवल आस्था का प्रतीक हैं, बल्कि वे हमारी सामाजिक एकता को भी दर्शाते हैं। इसलिए, राजनीतिक दृष्टिकोण से भले ही कुछ इसे विवादास्पद मानें, परंतु परंपरा और संस्कृति को बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष

सीएम योगी का बयान इस बात को दर्शाता है कि भारत में धार्मिक संवेदनाएँ हमेशा से विभिन्न राजनीतिक दृष्टिकोणों के बीच बनी रहती हैं। यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर सामान्य जनता की भी पर्यवेक्षण रहता है। हमें विचार करना चाहिए कि धार्मिक आयोजनों का उद्देश्य क्या है और उनका समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है। इसलिए, भव्यता का आकांक्षा रखना या नहीं, यह एक ऐसा प्रश्न है जिसका उत्तर हम सभी को सामूहिक रूप से मिलकर खोजने की आवश्यकता है।

अंत में, यदि हम संक्षेप में कहें, तो योगी आदित्यनाथ का यह बयान इस बात को रेखांकित करता है कि भारतीय संस्कृति और परंपरा को सम्मान देना हमारा कर्तव्य है। इसके साथ ही, हमें यह भी देखना चाहिए कि यह भव्यता समाज में किस तरह की भावना उत्पन्न करती है।

Keywords

religious events, UP politics, Yogi Adityanath, Hindu heritage, cultural unity, Indian traditions, social sentiments, Hindu festivals, festival celebrations, Indian culture

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow