भारतीय सेना के जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शनिवार को रीवा के टीआरएस कॉलेज में आयोजित एक सभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भविष्य के युद्ध की जटिलताओं, तकनीकी खतरों और बदलते वैश्विक परिदृश्यों पर विस्तृत रूप से चर्चा की। साथ ही उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अप्रत्याशित बयानों और भारत-पाकिस्तान के बीच हुए “ऑपरेशन सिंदूर” पर की जा रही चर्चाओं पर भी कटाक्ष किया। जनरल द्विवेदी ने कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य केवल एक था। आतंकवाद के ढांचे को ध्वस्त करना और पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश देना कि भारत निर्दोषों पर नहीं, बल्कि आतंकवाद पर प्रहार करता है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की कार्रवाई हमेशा आत्मरक्षा और आतंकवाद के उन्मूलन के लिए होती है। अब युद्ध की परिभाषा बदल जाएगी
छात्रों को संबोधित करते हुए जनरल द्विवेदी ने कहा कि आने वाले समय में युद्ध की परिभाषा पूरी तरह बदल जाएगी। उन्होंने कहा, “भविष्य के खतरे अस्थिरता, अनिश्चितता, जटिलता और धुंधलेपन से भरे होंगे। आज जो चुनौती है, कल उससे बड़ी चुनौती सामने आ जाएगी, चाहे वह सीमा सुरक्षा हो, आतंकवाद, प्राकृतिक आपदा, या साइबर युद्ध।” उन्होंने कहा कि अब युद्ध केवल जमीन, पानी और आसमान तक सीमित नहीं रहा। बल्कि इसमें स्पेस वॉरफेयर, सैटेलाइट अटैक, केमिकल और बायोलॉजिकल वारफेयर, और इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर (अफवाहों का युद्ध) भी शामिल हो चुका है। आज ट्रंप क्या कर रहे, उन्हें भी नहीं पता
डोनाल्ड ट्रंप के अप्रत्याशित बयानों पर तंज कसते हुए जनरल द्विवेदी ने कहा, “आज ट्रंप क्या कर रहे हैं, शायद खुद ट्रंप भी नहीं जानते कि कल क्या करने वाले हैं। यही आज की दुनिया की सबसे बड़ी चुनौती है- अनिश्चितता।” उन्होंने बताया कि आज के समय में झूठी खबरें और अफवाहें भी युद्ध का हथियार बन चुकी हैं। उन्होंने कहा, 'नई चीजें शुरू हो चुकी हैं- अंतरिक्ष युद्ध, उपग्रह, रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और सूचना युद्ध अफवाहें किस तरह फैलाई जा रही हैं। जैसा कि आपने ऑपरेशन सिंदूर में सुना,कराची पर हमला हो गया। इतनी सारी ऐसी खबरें आईं जो हमें भी खबर लगीं। कहां से आईं, किसने की? इन सभी चुनौतियों के दायरे में आपको जमीन, आसमान, पानी और तीनों पर काम करना होगा।