ओडिशा सेक्सुअल हैरेसमेंट केस, पीड़ित 95% झुलसी:वेंटिलेटर पर, CM बोले- जरूरत पड़ी तो एयरलिफ्ट भी करेंगे; HOD से परेशान होकर खुद को आग लगाई थी

ओडिशा के सीएम ने रविवार को भुवनेश्वर AIIMS पहुंचकर आग लगाकर सुसाइड की कोशिश करने वाली फकीर मोहन कॉलेज की छात्रा से मुलाकात की। वो 90-95 फीसदी झुलसी है। वो ICU वार्ड में वेंटिलेटर पर है। CM मोहन चरण माझी ने कहा- अगले 24 घंटे बहुत अहम हैं। दिल्ली AIIMS के डॉक्टरों से भी मीटिंग की है। जरूरत पढ़ने पर छात्रा को एयरलिफ्ट किया जाएगा। इलाज का पूरा खर्चा सरकार उठाएगी। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने ओडिशा डीजीपी को मामले में खिलाफ सख्त एक्शन लेने का निर्देश दिया है। दरअसल, बीएड डिपार्टमेंट के एचओडी समीर कुमार साहू पर पीड़ित छात्रा समेत दूसरी छात्राओं के मानसिक और शारीरिक शोषण के आरोप हैं। पुलिस ने साहू को गिरफ्तार किया है। वो छात्राओं से सेक्सुअल फेवर मांगता था। छात्रा आरोपी के खिलाफ कॉलेज प्रशासन के एक्शन नहीं लेने से नाराज थी। उसने खुद को आग लगाने से पहले कॉलेज प्रिंसिपल से भी चर्चा की थी। 5 तस्वीरों में पूरी घटना... मामले की जांच के लिए कमेटी गठित ओडिशा के शिक्षा मंत्री सूर्यबंशी सूरज ने कहा- पीड़ित छात्रा के इलाज का पूरा खर्चा राज्य सरकार उठाएगी। मामले की जांच के लिए हाई लेवल कमेटी का गठन किया गया है। टीम बालासोर के लिए रवाना हुआ है। पीड़ित परिवार से भी मुलाकात की है। उन्होंने कहा कि आरोपी टीचर को गिरफ्तार किया गया। उसे आज कोर्ट में पेश किया गया है। नवीन पटनायक बोले- शिकायत के बाद छात्रा को न्याय नहीं मिला मामले पर ओडिशा के पूर्व CM नवीन पटनायक ने X पोस्ट में कहा- घटना से ये बात सामने आई है कि बार-बार शिकायत के बाद छात्रा को न्याय नहीं मिला। 1 जुलाई को पीड़ित ने सोशल मीडिया पर भी अपने शिकायत रखी थी, लेकिन एक्शन नहीं लिया गया। वो महीने से पीड़ित थी। कॉलेज प्रिंसिपल, केंद्रीय मंत्री, ओडिशा CM से शिकायत के बाद उसे न्याय नहीं मिला। राज्यपाल हरि बाबू कभमपति छात्रा को न्याय दिलाएं। प्रिंसिपल से शिकायत की, कार्रवाई नहीं हुई दरअसल, फकीर मोहन कॉलेज में बीएड सेकेंड ईयर की कुछ छात्राओं ने इंटीग्रेटेड बीएड डिपार्टमेंट के एचओडी समीर कुमार साहू के खिलाफ प्रिंसिपल से शिकायत की थी। कहा था कि एचओडी उनका मानसिक शोषण करता है। एक छात्रा ने यहां तक कहा कि एचओडी ने उससे फिजिकल होने काे भी कहा था। एचओडी के खिलाफ पहले भी शिकायत की जा चुकी थी, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया था। प्रिंसिपल बोले- छात्रा मिलने आई, फिर उसने आग लगा ली घटना पर कॉलेज प्रिंसिपल दिलीप कुमार घोष ने कहा- ​​​​​ 30 जून को मेरे पास एचओडी समीर कुमार साहू के खिलाफ शिकायत आई थी। कुछ छात्राओं ने बताया कि समीर कुमार साहू उनका मानसिक उत्पीड़न कर रहा है। एक लड़की ने यहां तक कहा था कि गार्डन के पास शिक्षक ने शारीरिक संबंध बनाने की मांग की थी। उसी दिन छात्रों ने घेराव किया था और पुलिस को बुलाया गया था। प्रिंसिपल ने कहा कि छात्रों की मांग पर हमने इंटरनल कम्प्लेंट कमेटी बनाई थी। इसमें सीनियर महिला टीचर, प्रतिनिधि और कुछ बाहरी सदस्य थे। कमेटी ने 7 दिन में रिपोर्ट दी थी। हालांकि कुछ छात्र तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे थे। आज छात्रा मुझसे मिलने आई, मैंने 20 मिनट तक उसे समझाया, लेकिन वह कहने लगी कि अब और इंतजार नहीं कर सकती और यहां से चली गई। करीब 15-20 मिनट बाद पता चला कि उसने खुद को आग लगा ली है। सरकार ने प्रिंसिपल को सस्पेंड किया मामला सामने आने के बाद ओडिशा सरकार ने इस मामले में कॉलेज प्रशासन की गंभीर लापरवाही मानते हुए प्रिंसिपल घोष को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। सरकार के जारी आदेश में कहा गया है कि प्रिंसिपल घोष बिना अनुमति शहर नहीं छोड़ सकते हैं। ................... रेप केस से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... अरुणाचल में रेप-छेड़छाड़ के आरोपी को भीड़ ने मार डाला: थाने से बाहर लाकर मर्डर, इलाके में कर्फ्यू; लड़कियों के पेट दर्द की शिकायत से खुलासा अरुणाचल प्रदेश की लोअर दिबांग घाटी में 11 जुलाई को असम के युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। घटना के बाद रोइंग कस्बे में कर्फ्यू लगाया गया है। युवक पर हॉस्टल में रह रहीं नाबालिग लड़कियों के रेप और यौन शोषण का आरोप था। पूरी खबर पढ़ें...

Jul 13, 2025 - 18:33
 132  13.6k
ओडिशा सेक्सुअल हैरेसमेंट केस, पीड़ित 95% झुलसी:वेंटिलेटर पर, CM बोले- जरूरत पड़ी तो एयरलिफ्ट भी करेंगे; HOD से परेशान होकर खुद को आग लगाई थी
ओडिशा सेक्सुअल हैरेसमेंट केस, पीड़ित 95% झुलसी:वेंटिलेटर पर, CM बोले- जरूरत पड़ी तो एयरलिफ्ट भी करेंग

ओडिशा सेक्सुअल हैरेसमेंट केस, पीड़ित 95% झुलसी:वेंटिलेटर पर, CM बोले- जरूरत पड़ी तो एयरलिफ्ट भी करेंगे; HOD से परेशान होकर खुद को आग लगाई थी

Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - avpganga

ओडिशा में एक गंभीर सेक्सुअल हैरेसमेंट केस ने सभी को हिला कर रख दिया है। हाल ही में एक छात्रा ने आग लगा ली, जिससे वह 90 से 95 प्रतिशत झुलस गई है। भुवनेश्वर स्थित AIIMS में वर्तमान में वेंटिलेटर पर है। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शनिवार को पीड़िता से मिलने का समय निकाला और उसके इलाज के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। इस मामले में, छात्रा ने अपने मुख्यमंत्री से कहा कि उसने अपने विभाग के एचओडी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, और जब कॉलेज प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की, तो उसे आत्महत्या की कोशिश करनी पड़ी।

घटना का संक्षिप्त विवरण

यह घटना फकीर मोहन कॉलेज की छात्रा के साथ हुई, जिसने कथित रूप से कॉलेज के बीएड डिपार्टमेंट के एचओडी समीर कुमार साहू के खिलाफ कई बार शिकायत की थी। पीड़िता और अन्य छात्राओं द्वारा लगाए गए आरोपों के अनुसार, साहू ने मानसिक उत्पीड़न किया और यौन favours की मांग की। छात्रा को कॉलेज प्रशासन से न्याय नहीं मिलने के कारण बेहद निराशा हुई, जिसकी परिणति आत्मदाह के प्रयास में हुई।

मुख्यमंत्री का हस्तक्षेप

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले 24 घंटे बहुत महत्वपूर्ण हैं और जरूरत पड़ने पर छात्रा को एयरलिफ्ट किया जाएगा। उन्होंने इलाज का पूरा खर्चा सरकार द्वारा उठाने का आश्वासन दिया। इसके अलावा, राष्ट्रीय महिला आयोग ने ओडिशा के डीजीपी को मामले में सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है।

कॉलेज प्रशासन की लापरवाही

इस मामले की गहराई में जाने पर, यह स्पष्ट है कि कॉलेज प्रशासन ने कई बार छात्राओं की शिकायतों को नजरअंदाज किया। कॉलेज के प्रिंसिपल दिलीप कुमार घोष ने इस बात को स्वीकार किया कि उन्होंने छात्रा से मिलने के बाद भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने बताया कि उन्होंने छात्राओं की शिकायतों की जांच के लिए एक आंतरिक समिति का गठन किया था, लेकिन छात्राओं द्वारा तत्काल कार्रवाई की मांग के बावजूद उन्हें कोई समाधान नहीं मिला।

राज्य सरकार की प्रतिक्रिया

राज्य शिक्षा मंत्री सूर्यबंशी सूरज ने भी कहा कि पीड़िता के इलाज का पूरा खर्चा राज्य सरकार उठाएगी। इस घटना के बाद ओडिशा सरकार ने प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया है, और वह अब बिना अनुमति शहर नहीं छोड़ सकते हैं। इसके अलावा, मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है।

सामाजिक प्रभाव और न्याय की उम्मीद

यह घटना न केवल ओडिशा बल्कि पूरे भारत में महिलाओं के खिलाफ हो रहे यौन उत्पीड़न के मामलों को सामने लाती है। पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी इस पर चिंता व्यक्त की है, उन्होंने कहा कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद छात्रा को न्याय नहीं मिला। उन्होंने राज्यपाल से भी छात्रा को न्याय दिलाने का आग्रह किया है।

इस घटना ने यह दर्शाया है कि जब तक उचित कार्रवाई नहीं होती, तब तक महिलाओं की आवाजें दबाई जाती हैं। जब तक शिक्षण संस्थानों में सुरक्षा और विश्वास की भावना स्थापित नहीं की जाएगी, तब तक ऐसे मामले बढ़ते रहेंगे।

निष्कर्ष

आज के समाज में, यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी मिलकर यह सुनिश्चित करें कि महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के मामलों में उचित और त्वरित कार्रवाई की जाए। समाज का हर सदस्य, चाहे वह परिवार का हो या शिक्षण संस्थान का, महिला सुरक्षा के खिलाफ होने वाले किसी भी प्रकार के अपराध का विरोध करना चाहिए।

यह मामला अनेक सवाल उठाता है, लेकिन मुख्य सवाल यह है कि क्या हम सही मायने में महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की सुरक्षा कर पा रहे हैं?

Keywords:

Odisha sexual harassment case, student self-immolation, Odisha CM response, HOD arrested, women safety, college administration negligence, justice for women, academic misconduct

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow