एयरलाइन पायलटों के संगठन एसोसिएशन ऑफ एयर लाइन पायलट्स (ALPA) इंडिया ने मंगलवार को फ्लाइट रेग्युलेटर डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) से मांग की कि वह पायलट्स के लिए बनाए गए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन और रेस्ट पीरियड से जुड़े नियमों को बिना किसी अपवाद के लागू करे। ALPA इंडिया ने कहा कि सिलेक्टिव छूट न दे। यह छूट कुछ ऑपरेटरों के लाभ के लिए दी जा रही है। जबकि DGCA का मुख्य उद्देश्य विमानन सुरक्षा सुनिश्चित करना है। संगठन ने कहा कि डिस्पेंसेशन (छूट) और डिफरमेंट (टालना) जैसी प्रक्रियाएं पायलटों से बात किए बिना अपनाई जा रही हैं। जबकि पायलट ही इन नियमों के कारण थकान और सुरक्षा से सीधे तौर पर प्रभावित होते हैं। नए प्रावधानों में पायलटों के लिए अधिक रेस्ट पीरियड तय नियामक संस्था DGCA के संशोधित सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट (CAR) 2024 में फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) से संबंधित नए प्रावधानों में पायलटों के लिए अधिक रेस्ट पीरियड तय किया है। एयरलाइनों ने शुरुआत में इन प्रावधानों का विरोध किया था। एयरलाइंस का कहना था कि इससे पायलटों की थकान के चलते उड़ानों पर असर पड़ सकता है। शुरुआत में ये नए नियम 1 जून 2024 से लागू होने वाले थे।
हालांकि, इस साल की शुरुआत में DGCA ने दिल्ली हाई कोर्ट में दिए अपने हलफनामे में कहा कि नए FDTL नियमों को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। 1 नवंबर से लागू होनी थीं 22 प्रस्तावित धाराओं में से 15 धाराएं 1 जुलाई 2024 को लागू की गईं, जबकि शेष धाराएं जिनमें रात में दो लैंडिंग (पहले छह थीं) की सीमा भी शामिल है 1 नवंबर से लागू होनी थीं। ALPA इंडिया ने DGCA को लिखे अपने पत्र में कहा, “अदालत के स्पष्ट निर्देशों और FDTL CAR-Rev 2 जारी हुए डेढ़ साल से अधिक बीत जाने के बावजूद यह अत्यंत चिंताजनक है कि DGCA अभी भी FDTL के प्रावधानों को चयनात्मक रूप से और ऑपरेटरों की सहमति के आधार पर लागू कर रहा है।” ये खबर भी पढ़ें... अहमदाबाद प्लेन क्रैश, SC बोला-पायलट की गलती की चर्चा अफसोसजनक: सुप्रीम कोर्ट ने अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश में पायलट की गलती को लेकर उठ रही चर्चाओं को अफसोसजनक बताया है। इसके लिए कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) से जवाब मांगा है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की बैंच ने इस मामले में स्वतंत्र जांच करवाने की संभावना पर भी ध्यान दिया है। इसको लेकर एविएशन सुरक्षा NGO सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन ने PIL दायर की है। पढ़ें पूरी खबर...