पूर्व गृहमंत्री शिवराज पाटिल का 90 की उम्र में निधन:इंदिरा-राजीव के भरोसेमंद थे; मुंबई हमले की नैतिक जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा दिया था

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का शुक्रवार को 90 की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने लातूर में सुबह 6.30 बजे अंतिम सांस ली। शिवराज पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। लातूर में उनके घर देवघर में उनका इलाज चल रहा था। शिवराज के परिवार में उनके बेटे शैलेश पाटिल, बहू अर्चना (जो भाजपा नेता हैं) और दो पोतियां हैं। पाटिल लातूर लोकसभा सीट से 7 बार सांसद रहे। शिवराज को इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का विश्वासपात्र माना जाता था। वे 1980 के दशक में इंदिरा और राजीव की सरकारों में रक्षा मंत्री रहे। इसके अलावा वे 1991 से 1996 तक लोकसभा के 10वें अध्यक्ष रहे। 2004 से 2008 तक केंद्र में गृह मंत्री रहे। हालांकि मुंबई हमले में सुरक्षा चूक की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। 26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकवादी हमलों के दौरान उन्हें काफी आलोचना झेलनी पड़ी। देश में इतने बड़े संकट के बावजूद शिवराज ने एक ही दिन में कई बार ड्रेस बदली। इसके लिए उनकी आलोचना हुई। बायोग्राफी में नहीं किया था मुंबई हमले का जिक्र शिवराज पाटिल ने अपनी बायोग्राफी ओडिसी ऑफ माय लाइफ में मुंबई हमलों का जिक्र नहीं किया था। बायोग्राफी के होम मिनिस्टर चैप्टर में उन्होंने गृह मंत्रालय के काम और शक्तियों, केंद्र-राज्य संबंधों, आतंकवाद और नक्सलवाद की व्याख्या की थी। लेकिन उन्होंने मुंबई पर हुए आतंकी हमले का कोई जिक्र नहीं किया। गीता की तुलना कुरान से की थी... शिवराज पाटिल ने गीता और कुरान की तुलना करते हुए एक विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था- जिहाद न केवल इस्लाम में, बल्कि भगवद् गीता और ईसाई धर्म में भी था। पाटिल ने कहा था कि गीता में श्री कृष्ण ने अर्जुन से जिहाद की बात कही है। 2022 में पूर्व केंद्रीय मंत्री मोहसिना किदवई की बायोग्राफी के विमोचन के दौरान में शिवराज पाटिल ने कहा था-सिर्फ कुरान में ही नहीं, गीता के हिस्से में श्री कृष्ण भी अर्जुन से जिहाद की बात करते हैं। यह बात सिर्फ कुरान या गीता में नहीं बल्कि ईसाई धर्म में भी है। ईसाइयों ने भी लिखा है कि वे सिर्फ शांति स्थापित करने के लिए नहीं आए हैं, बल्कि साथ में तलवारें भी लाए हैं।

Dec 12, 2025 - 09:33
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पूर्व गृहमंत्री शिवराज पाटिल का 90 की उम्र में निधन:इंदिरा-राजीव के भरोसेमंद थे; मुंबई हमले की नैतिक जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा दिया था
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का शुक्रवार को 90 की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने लातूर में सुबह 6.30 बजे अंतिम सांस ली। शिवराज पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। लातूर में उनके घर देवघर में उनका इलाज चल रहा था। शिवराज के परिवार में उनके बेटे शैलेश पाटिल, बहू अर्चना (जो भाजपा नेता हैं) और दो पोतियां हैं। पाटिल लातूर लोकसभा सीट से 7 बार सांसद रहे। शिवराज को इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का विश्वासपात्र माना जाता था। वे 1980 के दशक में इंदिरा और राजीव की सरकारों में रक्षा मंत्री रहे। इसके अलावा वे 1991 से 1996 तक लोकसभा के 10वें अध्यक्ष रहे। 2004 से 2008 तक केंद्र में गृह मंत्री रहे। हालांकि मुंबई हमले में सुरक्षा चूक की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। 26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकवादी हमलों के दौरान उन्हें काफी आलोचना झेलनी पड़ी। देश में इतने बड़े संकट के बावजूद शिवराज ने एक ही दिन में कई बार ड्रेस बदली। इसके लिए उनकी आलोचना हुई। बायोग्राफी में नहीं किया था मुंबई हमले का जिक्र शिवराज पाटिल ने अपनी बायोग्राफी ओडिसी ऑफ माय लाइफ में मुंबई हमलों का जिक्र नहीं किया था। बायोग्राफी के होम मिनिस्टर चैप्टर में उन्होंने गृह मंत्रालय के काम और शक्तियों, केंद्र-राज्य संबंधों, आतंकवाद और नक्सलवाद की व्याख्या की थी। लेकिन उन्होंने मुंबई पर हुए आतंकी हमले का कोई जिक्र नहीं किया। गीता की तुलना कुरान से की थी... शिवराज पाटिल ने गीता और कुरान की तुलना करते हुए एक विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था- जिहाद न केवल इस्लाम में, बल्कि भगवद् गीता और ईसाई धर्म में भी था। पाटिल ने कहा था कि गीता में श्री कृष्ण ने अर्जुन से जिहाद की बात कही है। 2022 में पूर्व केंद्रीय मंत्री मोहसिना किदवई की बायोग्राफी के विमोचन के दौरान में शिवराज पाटिल ने कहा था-सिर्फ कुरान में ही नहीं, गीता के हिस्से में श्री कृष्ण भी अर्जुन से जिहाद की बात करते हैं। यह बात सिर्फ कुरान या गीता में नहीं बल्कि ईसाई धर्म में भी है। ईसाइयों ने भी लिखा है कि वे सिर्फ शांति स्थापित करने के लिए नहीं आए हैं, बल्कि साथ में तलवारें भी लाए हैं।

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