22 मार्च: जब देशभर में गूंज उठी थी ताली-थाली, PM मोदी ने लगाया था ‘जनता कर्फ्यू’

22 मार्च 2020 के दिन को जनता कर्फ्यू के नाम से जाना जाता है। पीएम मोदी की एक अपील पर भारतवासियों ने खुद को घरों में कैद कर लिया था और फिर शाम को कोरोना योद्धाओं के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए 5 मिनट ताली और थाली बजाई थी।

Mar 22, 2025 - 01:33
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22 मार्च: जब देशभर में गूंज उठी थी ताली-थाली, PM मोदी ने लगाया था ‘जनता कर्फ्यू’
22 मार्च: जब देशभर में गूंज उठी थी ताली-थाली, PM मोदी ने लगाया था ‘जनता कर्फ्यू’

22 मार्च: जब देशभर में गूंज उठी थी ताली-थाली, PM मोदी ने लगाया था ‘जनता कर्फ्यू’

AVP Ganga

लेखिका: सुमिता शर्मा, टीम नेटानागरी

परिचय

22 मार्च 2020 को, भारत ने एक ऐसा दिन देखा जब हर एक व्यक्ति ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ एकजुट होकर ताली-थाली बजाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दिन को 'जनता कर्फ्यू' के रूप में घोषित किया, जिसका उद्देश्य नागरिकों को घरों में रहने और सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए प्रेरित करना था। आइए जानते हैं इस दिन की विशेष महत्वपूर्ण बातें और उसके पीछे के उद्देश्य।

जनता कर्फ्यू का आगाज

प्रधानमंत्री मोदी ने 19 मार्च को एक वीडियो संदेश में 'जनता कर्फ्यू' की घोषणा की थी। उन्होंने देशवासियों से अनुरोध किया था कि वे 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक अपने-अपने घरों में रहें और सिर्फ अत्यावश्यक कार्यों के लिए बाहर निकलें। यह कदम एक तरह से भारत में कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए उठाया गया था।

ताली-थाली की गूंज

22 मार्च का दिन जब शुरू हुआ, तब देश के हर कोने में लोग अपने balconies में निकले और ताली-थाली बजाकर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के प्रति अपनी सराहना व्यक्त की। यह दृश्य बेहद अभूतपूर्व था, जिसमें लाखों लोगों ने एकजुट होकर अपनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की कोशिश की। यह एक प्रतीकात्मक प्रक्रिया थी, जो भारतीय एकता और साहस को दर्शाती है।

जनता कर्फ्यू का महत्व

जनता कर्फ्यू का मूल उद्देश्य था लोगों को जागरूक करना और उन्हें सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रेरित करना। इस दौरान, कई लोगों ने धार्मिक स्थलों में या डाक घरों में जाकर पूजन या यथासंभव सुरक्षित साधनों के माध्यम से अपने प्रियजनों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना की। इसने लोगों के बीच एकजुटता की भावना को भी बढ़ावा दिया।

इतिहास में महत्व

यह दिन न केवल एक कर्फ्यू था, बल्कि यह एक विशेष पल था जिसने नागरिकों को महामारी से लड़ने के लिए एकजुट किया। कई विशेषज्ञों ने इसे भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा, जहां लोगों ने एक दूसरे का हाथ थाम लिया और सामूहिक रूप से खड़े हुए।

निष्कर्ष

22 मार्च 2020 को का जनता कर्फ्यू और ताली-थाली की गूंज ने देश को एक नई राह दिखाई। यह दिन हमें याद दिलाता है कि एकजुटता और सामूहिक प्रयासों से हम किसी भी कठिनाई का सामना कर सकते हैं। आज, जब हम आगे बढ़ रहे हैं, हमे इस एकता की भावना को बनाए रखना चाहिए और सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना चाहिए।

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