UN के मंच पर भारत ने रचा नया इतिहास, "विश्व ध्यान दिवस" पर श्री श्री रविशंकर ने दुनिया को दिया बड़ा मंत्र

भारत ने संयुक्त राष्ट्र के मंच पर शनिवार को नया इतिहास रच दिया है। विश्व ध्यान दिवस के मौके पर मुख्य वक्ता के तौर पर अध्यात्म गुरु श्री श्री रविशंकर ने दुनिया को जो अलौकिक मंत्र दिया उसे पूरा विश्व कभी भुला नहीं सकेगा।

Dec 21, 2024 - 19:03
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UN के मंच पर भारत ने रचा नया इतिहास, "विश्व ध्यान दिवस" पर श्री श्री रविशंकर ने दुनिया को दिया बड़ा मंत्र
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UN के मंच पर भारत ने रचा नया इतिहास

News by AVPGANGA.com

श्री श्री रविशंकर का बड़ा मंत्र

भारत ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के मंच पर एक ऐतिहासिक क्षण का अनुभव किया जब विश्व ध्यान दिवस पर प्रसिद्ध गुरु और ध्यान शिक्षक श्री श्री रविशंकर ने दुनिया को एक विशेष मंत्र दिया। इस अवसर पर, उन्होंने ध्यान की शक्ति और इसके मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव के बारे में महत्वपूर्ण बातें साझा की, जिससे पूरे विश्व में शांति और सद्भाव बढ़ाने का संदेश फैलता है।

विश्व ध्यान दिवस का महत्व

विश्व ध्यान दिवस, जो हर साल 21 सितंबर को मनाया जाता है, समग्र स्वास्थ्य और मानसिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए समर्पित एक दिन है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को तनाव से मुक्ति और आंतरिक शांति की ओर प्रेरित करना है। श्री श्री रविशंकर ने कहा, “अपने भीतर की शांति की खोज करना और इसे साझा करना ही असली ध्यान है।” उनकी यह बात सभी उपस्थित लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई।

भारत की वैश्विक भूमिका

भारत की एक प्रमुख भूमिका के तहत, यह कदम न केवल देश के लिए गर्व का विषय है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को उजागर करता है। कई देशों ने इस पहल का स्वागत किया है और यह विश्वास व्यक्त किया है कि ध्यान द्वारा सकारात्मक परिवर्तन लाना संभव है। भारत यूएन के समक्ष इस तरह की पहल के जरिए एक नई दिशा में आगे बढ़ रहा है।

श्री श्री रविशंकर का संदेश

श्री श्री रविशंकर ने यह भी बताया कि ध्यान केवल एक व्यक्तिगत अभ्यास नहीं है, बल्कि यह वैश्विक भावना का प्रतीक है। ध्यान से जुड़े अनुभवों को साझा करने के माध्यम से, उन्होंने सभी देशों की युवा पीढ़ी को प्रेरित किया कि वे अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानें और उसका उपयोग समाज के उत्थान के लिए करें। उनका यह संदेश पूरी दुनिया में फैल गया है और उम्मीद है कि इससे लोगों को ध्यान की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया जा सकेगा।

निष्कर्ष

संयुक्त राष्ट्र के मंच पर भारत द्वारा इस नई पहल ने न केवल एक नया इतिहास रचने का कार्य किया, बल्कि ध्यान और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को भी बढ़ावा दिया। इस अवसर पर साझा किया गया मंत्र सभी के लिए एक प्रकाशपुंज साबित हो सकता है। इस प्रकार के आयोजनों से, हम अपने समाज में शांति और साक्षरता की भावना को बढ़ा सकते हैं।

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