UP: पुलिस ने रोकी BJP विधायक की कलश यात्रा, जमकर हुई धक्का-मुक्की; बेहोश होकर गिरे

गाजियाबाद में विधायक नंदकिशोर गुर्जर और पुलिस के बीच झड़प हो गई। इस दौरान उनके समर्थकों से भी धक्का-मुक्की हुई। इस दौरान विधायक के कपड़े भी फट गए।

Mar 21, 2025 - 11:33
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UP: पुलिस ने रोकी BJP विधायक की कलश यात्रा, जमकर हुई धक्का-मुक्की; बेहोश होकर गिरे
UP: पुलिस ने रोकी BJP विधायक की कलश यात्रा, जमकर हुई धक्का-मुक्की; बेहोश होकर गिरे

UP: पुलिस ने रोकी BJP विधायक की कलश यात्रा, जमकर हुई धक्का-मुक्की; बेहोश होकर गिरे

टैगलाइन: AVP Ganga

लेखिका: सृष्टि शर्मा, टीम नेतानगरी

परिचय

उत्तर प्रदेश में भाजपा विधायक की कलश यात्रा को लेकर पुलिस और विधायकों के समर्थकों के बीच जबरदस्त टकराव देखने को मिला। यह घटनाक्रम सीतापुर जिले में हुआ, जहां विधायक की यात्रा को पुलिस ने रुकवाया। इसकी वजह से समर्थकों में आक्रोश फैल गया और धक्का-मुक्की की स्थिति बन गई। इस दौरान कुछ समर्थक बेहोश भी हो गए। आइए जानते हैं इस घटना के बारे में विस्तार से।

घटनास्थल का मंजर

कलश यात्रा एक धार्मिक अनुष्ठान के तहत आयोजित की जा रही थी और इस यात्रा का नेतृत्व बीजो पासी, स्थानीय भाजपा विधायक कर रहे थे। जब यात्रा सीतापुर की सड़कों पर आगे बढ़ी, तब पुलिस ने उस पर रोक लगा दी। पुलिस की इस कार्रवाई से समर्थकों में गुस्सा बढ़ गया और उन्होंने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी शुरू कर दी।

धक्का-मुक्की और बेहोशी का आलम

पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बल का इस्तेमाल किया, जिसके दौरान धक्का-मुक्की शुरू हो गई। इस झगड़े में कई लोग घायल हो गए और कुछ समर्थक बेहोश होकर गिर पड़े। चिकित्सा टीम को मौके पर बुलाया गया, जिन्होंने बेहोश हुए लोगों को प्राथमिक उपचार देकर अस्पताल पहुंचाया। घटना के कारण स्थानीय प्रशासन में भी हड़कंप मच गया।

पुलिस का बयान

पुलिस ने कहा कि कलश यात्रा बिना अनुमति के निकाली जा रही थी और सुरक्षा कारणों से इसे रोका गया। पुलिस की ओर से स्पष्ट किया गया कि किसी भी स्थिति में कानून का पालन करना आवश्यक है और यात्रा के आयोजकों से पहले अनुमति लेने के लिए कहा गया था।

समर्थकों का आक्रोश

उधर, भाजपा विधायक बीजो पासी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें राजनीतिक दबाव में रोकने की कोशिश की। उन्होंने कहा, "यह धार्मिक यात्रा है और हमें अपनी धार्मिक परंपराओं का पालन करने का अधिकार है। ऐसा व्यवहार हमें उन मूल्यों से दूर कर रहा है।”

निष्कर्ष

इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि राजनीतिक एवं धार्मिक गतिविधियों को लेकर राज्य में स्थिति कितनी संवेदनशील हो सकती है। सपोर्टर और पुलिस के बीच टकराव ने स्थानीय स्थिति को और जटिल बना दिया है। ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि वो धार्मिक आयोजनों को सम्मान दे और सुरक्षा के साथ ही उचित मार्गदर्शन भी प्रदान करे। इसके साथ ही, भाजपा को भी चाहिए कि वो अपने समर्थकों को संयमित और शांतिपूर्ण रहने के लिए प्रेरित करे।

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