देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की उड़ान सेवाएं सोमवार को भी पटरी पर नहीं लौट सकीं हैं। दिल्ली, श्रीनगर, हैदराबाद, बेंगलुरु एयरपोर्ट से सुबह 9 बजे तक 300 से ज्यादा फ्लाइट कैंसिल हो चुकी हैं। एक दिन पहले भी एयरलाइन ने 650 से ज्यादा उड़ानें रद्द कर दी थीं। हालांकि कंपनी ने 2,300 दैनिक उड़ानों में से 1,650 संचालित करने का दावा किया है। इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने कहा- स्थिति रोज बेहतर हो रही है। 10 दिसंबर तक नेटवर्क स्थिर होने की उम्मीद है। पहले कंपनी ने 10 से 15 दिसंबर तक सामान्य होने की बात कही थी। इंडिगो ने हालिया उड़ान संकट के दौरान ₹610 करोड़ के रिफंड प्रोसेस किए हैं। इसके साथ ही 3,000 यात्रियों का बैगेज वापस पहुंचा दिया है। सरकार ने 1 दिन पहले ही रिफंड रविवार शाम 8 बजे तक पूरा करने और अलग हुए बैगेज 48 घंटे में यात्रियों को लौटाने का निर्देश दिया था। कंपनी का दावा- पायलट पर्याप्त, बफर कम इंडिगो ने कहा- मौजूदा संकट की वजह जानने के लिए ‘रूट कॉज एनालिसिस’ होगा। एक अधिकारी ने बताया, नई एफडीटीएल व्यवस्था लागू होने के चलते क्रू प्लानिंग में बफर की कमी संकट का प्रमुख कारण रही। हमारे पास पायलटों की कमी नहीं। बस अन्य एयरलाइनों जितना ‘बफर’ स्टाफ नहीं था। संसद की परिवहन, पर्यटन और संस्कृति मामलों की समिति भी इंडिगो और डीजीसीए के अधिकारियों को तलब कर सकती है। डीजीसीए ने इंडिगो के सीईओ को 24 घंटे और दिए डीजीसीए ने इंडिगो के सीईओ और अकाउंटेबल मैनेजर को कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए 24 घंटे और दे दिए। दोनों सोमवार शाम तक जवाब दे सकेंगे। कंपनी प्रबंधन ने समय बढ़ाने का आग्रह किया था।