एलयूसीसी चिटफंड घोटाले की होगी CBI जांच, देशभर में हुई थी 189 करोड़ की ठगी, सीएम ने दिया अनुमोदन
देहरादून : उत्तराखंड में करीब 92 करोड़ रुपये के एलयूसीसी चिटफंड घोटाले की सीबीआई जांच होगी। मामले को सीबीआई जांच के लिए हस्तांतरित करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का अनुमोदन मिल गया है। आरोप है कि फर्जी सहकारी समिति बनाकर उत्तराखंड सहित देशभर में करीब 189 करोड़ की ठगी हुई। प्रदेश के अब […] The post एलयूसीसी चिटफंड घोटाले की होगी CBI जांच, देशभर में हुई थी 189 करोड़ की ठगी, सीएम ने दिया अनुमोदन appeared first on Dainik Uttarakhand.

एलयूसीसी चिटफंड घोटाले की होगी CBI जांच, देशभर में हुई थी 189 करोड़ की ठगी, सीएम ने दिया अनुमोदन
देहरादून : उत्तराखंड में करीब 92 करोड़ रुपये के एलयूसीसी चिटफंड घोटाले की सीबीआई जांच होगी। मामले को सीबीआई जांच के लिए हस्तांतरित करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का अनुमोदन मिल गया है। आरोप है कि फर्जी सहकारी समिति बनाकर उत्तराखंड सहित देशभर में करीब 189 करोड़ की ठगी हुई। यह मामला वास्तव में प्रदेश के सबसे बड़े घोटालों में से एक बनकर उभरा है, जिसने हजारों निवेशकों को प्रभावित किया है।
घोटाले का विवरण
मामला सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में बहुत नाराजगी हुई थी, जिसके परिणामस्वरूप देहरादून, पौड़ी, उत्तरकाशी, टिहरी और रुद्रप्रयाग में कुल 13 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। चिटफंड घोटाले ने न केवल उत्तराखंड के दूरस्थ पहाड़ी गांवों को प्रभावित किया, बल्कि देश के अन्य राज्यों के लोगों को भी अपनी चपेट में लिया। विशेष रूप से, इस घटना ने चितफंड उद्योग की सुरक्षा और नियामक ढांचे की आवश्यकता को उजागर किया है।
पुलिस की कार्रवाइयाँ
पुलिस ने इस प्रकरण में पिछले दिनों अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। उसके बाद, मामले को सीबीआई जांच के लिए हस्तांतरित किया गया है। पुलिस ने इस केस में पहले ही कुछ लोगों को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन अभी भी कई अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है। चिटफंड कंपनी ने उत्तराखंड में 35 शाखाएं खोलकर विभिन्न प्रकार से निवेशकों को कम समय में अधिक मुनाफे का लालच दिया और अंततः लोगों की राशि से धोखाधड़ी की।
सीएम का बयान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "देवभूमि उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। किसी भी दोषी को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस घोटाले से प्रभावित लोगों को न्याय दिलाने के लिए सभी संभव कदम उठाए जाएंगे।
निवेशकों की मुश्किलें
यह घोटाला उन लोगों के लिए विशेष रूप से चिन्ताजनक है जिन्होंने अपनी जीवन की जमापूंजी इस चिटफंड में निवेश की थी। छानबीन में पता चला है कि कई निवेशकों को उनकी निवेश की गई राशि परिपक्व होने के बावजूद वापस नहीं लौटा दी गई। इसके चलते हज़ारों लोग मानसिक तनाव का सामना कर रहे हैं।
निष्कर्ष
एलयूसीसी चिटफंड घोटाला निश्चित रूप से उत्तराखंड में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। सरकार की इस मामले में सीबीआई जांच का निर्णय यह जताता है कि वह अपने नागरिकों के प्रति गंभीर है। सभी पीड़ितों को जल्द से जल्द न्याय मिले, ऐसी उम्मीद की जा रही है। यह मामला केवल एक चिटफंड घोटाला नहीं, बल्कि निवेश सुरक्षा और सामाजिक न्याय का भी एक बड़ा प्रश्न है। यदि आप इस मामले के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो https://avpganga.com पर जाएं।
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