मनरेगा का नया नाम होगा पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना:मोदी कैबिनेट ने बिल को मंजूरी; दिनों की संख्या भी बढ़कर 125 होगी

महात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट का नाम अब पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना होगा। शुक्रवार को केंद्रीय कैबिनेट ने एक्ट का नाम बदलने और काम के दिनों की संख्या बढ़ाने वाले बिल को मंजूरी दे दी। न्यूज एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि काम के दिनों की संख्या 100 से बढ़ाकर 125 दिन कर दी जाएगी। महात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी स्कीम को MGNREGA (मनरेगा) या NREGA (नरेगा) के नाम से जाना जाता है। यह सरकार की एक खास स्कीम है जिसका मकसद ग्रामीण इलाकों में परिवारों की रोजी-रोटी की सुरक्षा बढ़ाना है। इसके तहत हर उस परिवार को एक फाइनेंशियल ईयर में कम से कम 100 दिनों की गारंटी वाली मजदूरी वाला काम दिया जाता है, जिसके बड़े सदस्य बिना हुनर ​​का काम करने के लिए अपनी मर्जी से तैयार होते हैं। इसे 2005 में लागू किया गया था। विपक्ष बोला- फ्रस्टेशन के कारण नाम बदले जा रहे केंद्र सरकार के MGNREGA का नाम बदलकर पूज्य बापू ग्रामीण रोज़गार योजना करने की खबरों पर शिवसेना (UBT) की MP प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा- फ्रस्ट्रेशन की वजह से ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं। यह ध्यान भटकाने का एक और तरीका है। वंदे मातरम पर चर्चा से जनता को समझ आ गया है कि इतिहास का वॉट्सएप वर्जन कौन सा है और असली वर्जन कौन सा है। इसलिए जो लोग वॉट्सएप वर्जन पर यकीन करते हैं, वे गांधी परिवार से नाराज होंगे। जो लोग सच्चा इतिहास जानते हैं, वे गांधी परिवार के योगदान के लिए हमेशा उनका सम्मान करेंगे।

Dec 13, 2025 - 09:33
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मनरेगा का नया नाम होगा पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना:मोदी कैबिनेट ने बिल को मंजूरी; दिनों की संख्या भी बढ़कर 125 होगी
महात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट का नाम अब पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना होगा। शुक्रवार को केंद्रीय कैबिनेट ने एक्ट का नाम बदलने और काम के दिनों की संख्या बढ़ाने वाले बिल को मंजूरी दे दी। न्यूज एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि काम के दिनों की संख्या 100 से बढ़ाकर 125 दिन कर दी जाएगी। महात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी स्कीम को MGNREGA (मनरेगा) या NREGA (नरेगा) के नाम से जाना जाता है। यह सरकार की एक खास स्कीम है जिसका मकसद ग्रामीण इलाकों में परिवारों की रोजी-रोटी की सुरक्षा बढ़ाना है। इसके तहत हर उस परिवार को एक फाइनेंशियल ईयर में कम से कम 100 दिनों की गारंटी वाली मजदूरी वाला काम दिया जाता है, जिसके बड़े सदस्य बिना हुनर ​​का काम करने के लिए अपनी मर्जी से तैयार होते हैं। इसे 2005 में लागू किया गया था। विपक्ष बोला- फ्रस्टेशन के कारण नाम बदले जा रहे केंद्र सरकार के MGNREGA का नाम बदलकर पूज्य बापू ग्रामीण रोज़गार योजना करने की खबरों पर शिवसेना (UBT) की MP प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा- फ्रस्ट्रेशन की वजह से ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं। यह ध्यान भटकाने का एक और तरीका है। वंदे मातरम पर चर्चा से जनता को समझ आ गया है कि इतिहास का वॉट्सएप वर्जन कौन सा है और असली वर्जन कौन सा है। इसलिए जो लोग वॉट्सएप वर्जन पर यकीन करते हैं, वे गांधी परिवार से नाराज होंगे। जो लोग सच्चा इतिहास जानते हैं, वे गांधी परिवार के योगदान के लिए हमेशा उनका सम्मान करेंगे।

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