सप्ताह में 70 घंटे काम की सलाह पर नारायण मूर्ति का आया नया बयान, जानें उन्होंने क्या कहा?

मूर्ति ने कहा, ‘‘यदि मैं कड़ी मेहनत करूंगा, यदि मैं समझदारी से काम करूंगा, यदि मैं अधिक राजस्व अर्जित करूंगा, यदि मैं अधिक कर चुकाऊंगा, तो वह बच्चा बेहतर स्थिति में होगा।’’

Jan 21, 2025 - 02:03
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सप्ताह में 70 घंटे काम की सलाह पर नारायण मूर्ति का आया नया बयान, जानें उन्होंने क्या कहा?
मूर्ति ने कहा, ‘‘यदि मैं कड़ी मेहनत करूंगा, यदि मैं समझदारी से काम करूंगा, यदि मैं अधिक राजस्व अर्�

सप्ताह में 70 घंटे काम की सलाह पर नारायण मूर्ति का आया नया बयान

प्रसिद्ध भारतीय व्यवसायी और इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने हाल ही में सप्ताह में 70 घंटे काम करने की सलाह पर एक नया बयान जारी किया है। उन्होंने इस विषय पर अपनी राय साझा करते हुए कहा है कि यह विचार युवाओं और कर्मचारियों के सेहत और मानसिक भलाई के लिए सही नहीं है।

नारायण मूर्ति के बयान का संक्षिप्त विवरण

नारायण मूर्ति का मानना है कि लगातार अधिक घंटे काम करने से न केवल काम की गुणवत्ता में कमी आती है, बल्कि यह कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। उन्होंने कहा कि एक संतुलित कार्य-जीवन संतुलन स्थापित करना महत्वपूर्ण है जिससे कर्मचारियों की उत्पादकता बनी रहे।

कैसे काम के घंटे प्रभावित करते हैं मानसिक स्वास्थ्य

अधिक काम करने के घंटों का सीधा संबंध तनाव से होता है, जो लोगों की मानसिक सेहत को प्रभावित करते हैं। मूर्ति ने सुझाव दिया कि काम करने का सही समय और रणनीति तय करने से न केवल कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ेगी, बल्कि उनकी सेहत भी बेहतर होगी।

युवाओं के लिए नारायण मूर्ति का संदेश

नारायण मूर्ति ने विशेष रूप से युवाओं को यह समझाने का प्रयास किया कि सफलता केवल लंबे समय तक काम करने से नहीं आती, बल्कि इसे समझदारी और रणनीतिक सोच के साथ मिलाने से प्राप्त की जा सकती है। उनकी सलाह है कि युवा पीढ़ी अपने कार्यों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करें।

यह बयान ऐसे समय में आया है जब कार्य स्थलों पर लंबी कार्य अवधि की प्राथमिकता लगातार बढ़ रही है। मूर्ति ने यह स्पष्ट किया कि संतुलित जीवन और काम के बीच एक संयुक्त दृष्टिकोण आवश्यक है।

समापन विचार

नारायण मूर्ति का यह बयान कार्य संस्कृति पर एक महत्वपूर्ण सवाल उठाता है और यह हमें सोचने पर मजबूर करता है कि हमें किस प्रकार की कार्य-संस्कृति को बढ़ावा देना चाहिए। उनकी बातें निश्चित रूप से जानकारीपूर्ण हैं और भविष्य में कर्मचारियों की भलाई के लिए नई नीतियों को विकसित करने में सहायक हो सकती हैं।

अंत में, यह ध्यान रखना जरूरी है कि एक उत्पादक कार्य वातावरण बनाने से ना केवल कंपनियों को लाभ होगा, बल्कि इससे कर्मचारियों की गुणवत्ता जीवन स्तर में भी सुधार होगा।

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