सिंधु जल संधि पर रोक के बाद CM धामी बोले- अब खून और पानी साथ नहीं बह सकते

भारत सरकार द्वारा सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान आया है। उन्होंने कहा कि भारत ने सिंधु जल संधि स्थगित करके यह साफ कर दिया है कि अब खून और पानी साथ नहीं बह सकते।

Apr 25, 2025 - 00:33
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सिंधु जल संधि पर रोक के बाद CM धामी बोले- अब खून और पानी साथ नहीं बह सकते
सिंधु जल संधि पर रोक के बाद CM धामी बोले- अब खून और पानी साथ नहीं बह सकते

सिंधु जल संधि पर रोक के बाद CM धामी बोले- अब खून और पानी साथ नहीं बह सकते

कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिंधु जल संधि पर रोक लगाने की मांग करते हुए कड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि अब खून और पानी साथ नहीं बह सकते। इस मुद्दे पर उनका स्पष्ट रुख सभी को प्रेरित कर रहा है।

मुख्यमंत्री धामी का कटु बयान

सिंधु जल संधि, जिसे भारत और पाकिस्तान के बीच जल विवादों का समाधान करने के लिए 1960 में हस्ताक्षरित किया गया था, पर हालात फिर से गरमाने लगे हैं। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जब तक देश में हमारे सैनिकों और आम लोगों का खून बहाया जाएगा, तब तक हमें अपनी नदियों के पानी की रक्षा करनी होगी। उनका यह बयान राजनीति में नई बहस को जन्म दे सकता है।

पाकिस्तान की स्थिति

भारत और पाकिस्तान के बीच जल विवाद लंबे समय से चला आ रहा है। पाकिस्तान द्वारा लगातार नियंत्रण रेखा पर हमले और विभिन्न गतिविधियों के चलते भारत की चिंता बढ़ गई है। धामी का यह बयान उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो इसे केवल एक राजनीतिक बयाना मानते हैं। वे स्पष्ट करते हैं कि यह केवल बयानबाजी नहीं है, बल्कि यह एक ज्वलंत मुद्दा है, जिसका समाधान आवश्यक है।

राजनीतिक प्रभाव और प्रतिक्रियाएँ

इस लगभग जंगली स्थिति को देखते हुए विपक्षी राजनीतिक दलों ने भी अपने रुख स्पष्ट किए हैं। कई नेताओं ने धामी के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि भारत को अपने जल संसाधनों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। वहीं, कुछ अन्य विरोधियों ने इसे चुनावी मुद्दा बनाते हुए कहा कि धामी केवल अपनी छवि को मजबूत रखने की कोशिश कर रहे हैं।

क्या है भविष्य की राह?

इस मुद्दे पर आगे क्या कदम उठाए जाएंगे, यह देखना महत्वपूर्ण है। क्या भारत इस जल संधि से वापस हटेगा या फिर नए सिरे से इस पर बातचीत करेगा? सभी ने यह सवाल खड़े किए हैं। लेकिन यह निश्चित है कि इस मुद्दे पर और चर्चा होगी और यह समय की मांग भी है।

निष्कर्ष

सिंधु जल संधि और इसकी जांच पर मुख्यमंत्री धामी का बयान स्पष्ट करता है कि अब देश की अखंडता और जल संसाधनों की सुरक्षा को लेकर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर सभी देशवासियों को एकजुट होकर विचार करना चाहिए। उम्मीद करते हैं कि भविष्य में इस समस्या का सार्थक समाधान निकले।

Keywords

Sindhu Jal Sandhi, CM Dhami, India Pakistan Water Dispute, Political Statement, Water Resources Security

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