हिंद महासागर में पाक नौसेना को मजबूत करने में जुटा 'ड्रैगन', दूसरी पनडुब्बी सौंपी, आठ पनडुब्बियों का है करार
अरब सागर में चीनी नौसेना का लगातार विस्तार हो रहा है। वह बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को विकसित करने के साथ-साथ हिंद महासागर में भी अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है।

हिंद महासागर में पाक नौसेना को मजबूत करने में जुटा 'ड्रैगन', दूसरी पनडुब्बी सौंपी, आठ पनडुब्बियों का है करार
AVP Ganga
पाकिस्तान की नौसेना को मजबूत करने के लिए चीन (जिसे आमतौर पर 'ड्रैगन' कहा जाता है) ने आगामी सैन्य सहयोग को एक नया आयाम दिया है। हाल ही में, चीन ने पाकिस्तान को दूसरी पनडुब्बी सौंपी है, और इस करार के तहत कुल आठ पनडुब्बियों का निर्माण होना है। इस कदम का मुख्य उद्देश्य हिंद महासागर में पाक नौसेना की क्षमता को बढ़ाना है, जो क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का एक हिस्सा है।
पनडुब्बियों की डिलीवरी का महत्व
इन पनडुब्बियों की डिलीवरी पाकिस्तान के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उसके समुद्री सुरक्षा नियमों को सुदृढ़ करने में मदद करेगी। पाकिस्तान की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा और हिंद महासागर में इसकी भूमिका को बढ़ाने के लिए ये पनडुब्बियां एक अहम भूमिका निभाएंगी।
चीन का सामरिक दृष्टिकोण
चीन ने हमेशा से ही अपने रणनीतिक सहयोगियों के साथ संबंधों को मजबूत किया है, विशेष रूप से पाकिस्तान के साथ। चीन की पनडुब्बियों की बिक्री, पारंपरिक सैन्य सहयोग के साथ-साथ रणनीतिक तंत्र को भी मजबूत करती है। विश्लेषकों का मानना है कि यह पाकिस्तान को न केवल सैन्य ताकत देगा, बल्कि भारत के साथ उसके समुद्री विवादों में भी उसका सहायक बनेगा।
रक्षा उद्योग में सहयोग
इन पनडुब्बियों का निर्माण न केवल पाकिस्तानी नौसेना के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच रक्षा उद्योग में सहयोग को भी दर्शाता है। इस प्रकार की साझेदारियों से पाकिस्तान के रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी, जो कि लंबे समय में उसके सैन्य सामर्थ्य को मजबूत करेगा।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
चीन और पाकिस्तान के बीच इस तरह के सैन्य सहयोग पर कई अन्य देशों की नजरें हैं। भारत, अमेरिका और अन्य पश्चिमी संपत्तियों ने पहले ही चिंता व्यक्त की है कि इससे क्षेत्र में शक्ति संतुलन गड़बड़ा सकता है। उन्हें आशंका है कि पाकिस्तान को मिलने वाली यह विस्तारित सैन्य सहायता आतंकवाद और समुद्री सुरक्षा संबंधी चुनौतियों को बढ़ा सकती है।
निष्कर्ष
चीन द्वारा पाकिस्तान को पनडुब्बियों की आपूर्ति, हिंद महासागर में सुरक्षा और रणनीतिक सहयोग के संदर्भ में मायने रखती है। इस कदम से स्पष्ट होता है कि 'ड्रैगन' अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए संकल्पित है। आने वाले समय में, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह कदम दोनों देशों के बीच संबंधों को कैसे प्रभावित करता है और क्षेत्रीय सुरक्षा पर इसका क्या असर पड़ता है।
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