कोटद्वार : सिद्धबली मंदिर के पास दर्दनाक हादसा, वाहन पर गिरी भारी चट्टान, दो लोगों की मौत, पांच घायल
कोटद्वार : कोटद्वार-पौड़ी हाईवे पर सिद्धबली मंदिर के पास सोमवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हो गया। किल्बोखाल से कोटद्वार आ रही मैक्स पर अचानक पहाड़ी से भारी चट्टान और मलबा गिर गया। हादसे में वाहन सवार दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पांच लोग घायल हो गए। मृतकों की पहचान सतबीर […] The post कोटद्वार : सिद्धबली मंदिर के पास दर्दनाक हादसा, वाहन पर गिरी भारी चट्टान, दो लोगों की मौत, पांच घायल appeared first on Dainik Uttarakhand.

कोटद्वार : सिद्धबली मंदिर के पास दर्दनाक हादसा
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कोटद्वार : कोटद्वार-पौड़ी हाईवे पर सिद्धबली मंदिर के पास सोमवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हो गया। किल्बोखाल से कोटद्वार आ रही मैक्स पर अचानक पहाड़ी से भारी चट्टान और मलबा गिर गया। इस हादसे में वाहन सवार दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पांच अन्य लोग घायल हो गए। मृतकों की पहचान सतबीर (20) और रविंद्र उर्फ मोटा (32) के रूप में हुई है, जो पौड़ी गढ़वाल जनपद के निवासी थे।
घायल लोगों की स्थिति
घायल लोगों को बेस अस्पताल कोटद्वार में भर्ती कराया गया है। इनमें से गंभीर रूप से घायल चालक देवेंद्र और दिनेश को हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है। अन्य घायलों में मीनाक्षी, पंकज, सिमरन और दिनेश शामिल हैं। हादसे के बाद प्रशासन और राहत टीमें मौके पर पहुंची और घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने में जुट गईं।
स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई
स्थानीय प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, पहाड़ी क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। इस घटना ने स्थानीय निवासियों में चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि इस तरह के हादसे पहले भी घटित हो चुके हैं। प्रशासन ने लोगों को सचेत रहने की अपील की है और इस पर नियंत्रण पाने के लिए निवारक कदम उठाने की बातचीत भी चल रही है। अधिकारियों ने घटनास्थल पर एहतियात बरतने का आदेश दिया है।
कोटद्वार की भौगोलिक स्थिति और मुसीबतें
कोटद्वार, जो कि उत्तराखंड में स्थित है, अपनी भव्य पहाड़ियों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। हालाँकि, यहाँ की भौगोलिक स्थिति और लगातार हो रही बारिश ने स्थानीय निवासी के लिए चुनौतियाँ बढ़ा दी हैं। भूस्खलन की संभावना, जो बाद में ढेरों जानलेवा हादसों का कारण बन सकती है, शहर वालों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन गई है।
निष्कर्ष
यह हादसा केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं है, बल्कि एक स्थानीय समस्या की भी पहचान करता है। पहाड़ी क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों का न होना और भूस्खलन के प्रति सामाजिक जागरूकता की कमी ऐसे हादसों को बढ़ावा देने का काम करती है। हमें सड़कों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी अनहोनी घटनाओं को टाला जा सके।
मृतकों के परिवारों प्रति हमारी संवेदनाएँ हैं। इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। इसके साथ ही, स्थानीय प्रशासन को डामरीकरण और भूस्खलन रोकने के लिए ठोस योजनाओं पर काम करने की आवश्यकता है।
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