जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ आपदा में लैंसडौन की देवरानी-जेठानी की मौत, परिवार के साथ गईं थीं मंदिर

कोटद्वार : जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में गुरुवार को बादल फटने की घटना में लैंसडौन की देवरानी-जेठानी की मौत हो गई। दीपा का शव पहले मिल चुका था। जबकि उनकी जेठानी लापता थी। बाद में नकी जेठानी का शव भी मिल गया। मृतक दोनों की पहचान होने के बाद लैंसडौन स्थित उनके मायके और ऊधम सिंह […] The post जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ आपदा में लैंसडौन की देवरानी-जेठानी की मौत, परिवार के साथ गईं थीं मंदिर appeared first on Dainik Uttarakhand.

Aug 18, 2025 - 09:33
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जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ आपदा में लैंसडौन की देवरानी-जेठानी की मौत, परिवार के साथ गईं थीं मंदिर
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ आपदा में लैंसडौन की देवरानी-जेठानी की मौत, परिवार के साथ गईं थीं मंदिर

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ आपदा में लैंसडौन की देवरानी-जेठानी की मौत, परिवार के साथ गईं थीं मंदिर

कोटद्वार: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में एक दुखद हादसा सामने आया है, जहां बादल फटने की घटना में लैंसडौन की देवरानी-जेठानी की मौत हो गई। घटना के दिन, दीपा अग्रवाल अपने परिवार के साथ प्रसिद्ध मचैल माता मंदिर में पूजा करने गई थीं। जबकि दीपा का शव पहले ही मिल चुका था, उनकी जेठानी नीता अग्रवाल लापता थीं। बाद में, नीता का शव भी बरामद कर लिया गया। मृतक दोनों की पहचान होने के बाद उनके मायके लैंसडौन और ऊधम सिंह नगर स्थित ससुराल में मातम का माहौल है। परिवार इस संकट से गहराई से प्रभावित है।

घटनास्थल की स्थिति

गुरुवार को, दीपा अग्रवाल (50) अपने पति संदीप अग्रवाल, बेटे दक्ष अग्रवाल (16), जेठ अशोक अग्रवाल और जेठानी नीता अग्रवाल के साथ मंदिर में दर्शन करने गई थीं। मचैल माता के दर्शन के बाद, पूरा परिवार वहां लगे लंगर में बैठा था। अचानक, बादल फटने से आई बाढ़ की चपेट में आकर दीपा और नीता दोनों बह गईं।

इस हादसे में सुरक्षित रह गए अशोक और उनके बेटे दक्ष ने जैसे-तैसे खुद को बचा लिया। दीपा के भाई मोहित गुप्ता ने बताया कि दीपा और नीता के शव जल्द ही बरामद कर लिए गए। इस घटना ने पूरे परिवार को बुरी तरह से प्रभावित किया है और लैंसडौन में लोग पीड़ित परिवार को सांत्वना देने पहुंच रहे हैं।

वास्तविकता का सामना

इस त्रासदी का सामना करने वाले परिवार को सिर्फ दो दिन पहले की खुशियों की यादें थीं, जब वे एक धार्मिक यात्रा पर निकले थे। अब, इस हादसे ने उनके जीवन को संजीवनी मात्र में बदल दिया है। स्थानीय व्यापारी और सामाजिक कार्यकर्ता रामदास गुप्ता की बेटी दीपा की मृत्यु ने क्षेत्र में व्याप्त समुदाय की दिल दहला देने वाली प्रतिक्रिया को जन्म दिया है।

जवाबदेही और सुरक्षा

इस घटना ने क्षेत्र की प्राकृतिक आपदाओं की सुरक्षा स्थिति पर गंभीर प्रश्न उठाए हैं। क्या सरकार ने पर्याप्त सुरक्षा उपाय किए हैं? क्या مناطकों में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाए गए हैं? स्थानीय प्रशासन को स्थिति की गंभीरता को समझना होगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सुनिश्चित उपाय करने होंगे।

समाज का समर्थन

समुदाय के सदस्य अब एकजुट होकर पीड़ित परिवार की मदद करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। इस संकट के समय में सहानुभूति, समर्थन और प्यार का माहौल बनना बहुत आवश्यक है। पीड़ित परिवार को नुकसान के इस समय में समाज का सहयोग मिलना चाहिए ताकि वे इस कठिन समय को झेल सकें।

इस दुखद घटना से प्रतित होता है कि प्राकृतिक आपदाएँ कभी-कभी अचानक आती हैं और जीवन को बदल देती हैं। हमें आशा है कि सभी संबंधित पक्ष इस संकट का हल निकालने के लिए सक्रिय भूमिका निभाएंगे।

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