दिव्यागों का मुख्यमंत्री आवास कूच…जमकर किया प्रदर्शन, पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया
देहरादून : पेंशन बढ़ाने व रोजगार देने समेत विभिन्न मांगो को लेकर दिव्यांगों ने मुख्यमंत्री आवास कूच किया। इस दौरान पुलिस ने दिव्यांगों को हाथीबड़कला में रोका, लेकिन दिव्यांग मुख्यमंत्री आवास तक पहुंच गए। इस दौरान दिव्यांगों ने मुख्यमंत्री आवास के सामने जमकर प्रदर्शन किया। दिव्यांगों ने मांग रखी कि उनकी पेंशन को 1500 से […] The post दिव्यागों का मुख्यमंत्री आवास कूच…जमकर किया प्रदर्शन, पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया appeared first on Dainik Uttarakhand.
दिव्यागों का मुख्यमंत्री आवास कूच…जमकर किया प्रदर्शन, पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया
देहरादून: पेंशन बढ़ाने व रोजगार देने समेत विभिन्न मांगों को लेकर दिव्यांगों ने मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच किया। इस दौरान पुलिस ने उन्हें हाथीबड़कला में रोकने का प्रयास किया, लेकिन दिव्यांग प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री आवास तक पहुँचने में सफल रहे। दिव्यांगों ने मुख्यमंत्री आवास के सामने जमकर प्रदर्शन किया और अपनी प्रमुख मांगें रखी।
प्रदर्शन का उद्देश्य
दिव्यांगों ने अपनी पेंशन को 1500 से बढ़ाकर पांच हजार रुपये करने की मांग की है। साथ ही, उन्होंने बिना इंटरेस्ट के लोन देने की मांग भी की। उनका कहना है कि यह कदम उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने और आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण होगा। इस प्रदर्शन में उत्तराखंड के विभिन्न शहरों से दिव्यांग संगठन शामिल हुए, जिससे यह आंदोलन और भी व्यापक रूप ले लिया।
पुलिस की कार्रवाई
जब दिव्यांगों ने मुख्यमंत्री आवास के समक्ष प्रदर्शन शुरू किया, तो पुलिस ने उन्हें रोका और गिरफ्तार करने की कोशिश की। एसएसपी अजय सिंह और सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह ने दिव्यांगों को समझाने का प्रयास किया लेकिन उनके वादे सुनने के लिए दिव्यांगों का धैर्य समाप्त हो गया। परिणामस्वरूप, पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।
दिव्यांगों की अन्य मांगें
इसके अलावा, दिव्यांगों ने अपने साथियों के लिए रोजगार सृजन, सामाजिक सुरक्षा, और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की भी मांग की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उनकी आवाज को सुनने का समय आ गया है और वे अपनी हक की आवाज उठाने में पीछे नहीं हटेंगे। उनके इस हक के लिए वे आवश्यक कदम उठाने को भी तैयार हैं।
समाज का समर्थन
इस आंदोलन ने सिर्फ दिव्यांगों को ही नहीं, बल्कि पूरे समाज को प्रेरित किया है। कई सामाजिक संगठनों और आम लोगों ने भी दिव्यांगों के इस प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया है। उनका मानना है कि दिव्यांगों के अधिकार और उनकी आवश्यकताओं की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए। यदि सरकार इस मुद्दे पर ध्यान नहीं देगी, तो सामाजिक परिवर्तन की संभावनाएं क्षीण हो जाएंगी।
निष्कर्ष
दिव्यांगों का यह प्रदर्शन न सिर्फ उनकी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने का एक माध्यम है, बल्कि यह समाज में एक जागरूकता का संकेत भी है। उनके संघर्ष और संकल्प ने यह सिद्ध किया कि वे अपने हक़ के लिए लड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। अब यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वे इन मांगों पर ध्यान दे और दिव्यांगों के लिए एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित करे।
इस घटना के माध्यम से यह बात स्पष्ट हो गई है कि जब तक दिव्यांगों के मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया जाता, तब तक उनकी स्थिति में सुधार की कोई संभावना नहीं है। अधिक जानकारी के लिए, कृपया हमारे वेबपेज पर जाएं: https://avpganga.com
Keywords:
disabled protest, chief minister residence, Dehradun news, pension increase, employment for disabled, police detain, social justice for disabled, Indian disabled rights, inclusive policies, public demonstrationsWhat's Your Reaction?






