Delhi High Court : दिल्ली हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में साफ किया है कि केवल अपने पेशेवर कर्तव्यों का पालन करने के कारण किसी वकील को गवाह नहीं माना जा सकता। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने एक अधिवक्ता को नोटिस जारी किया, जिस पर कोर्ट ने रोक लगाते हुए कहा कि इस तरह की कार्रवाई कानूनी पेशे की स्वतंत्रता को नुकसान पहुंचा सकती है। यह मामला न सिर्फ वकीलों के अधिकारों से जुड़ा है, बल्कि जांच एजेंसियों की सीमाओं को भी स्पष्ट करता है। हाईकोर्ट यह सुनवाई अधिवक्ता सचिन बाजपेयी की याचिका पर कर रहा था, जिसमें उन्होंने सीबीआई के उस नोटिस को चुनौती दी थी, जिसके तहत उनसे अपने मुवक्किल से जुड़े दस्तावेज प्रस्तुत करने और व्यक्तिगत रूप से बयान दर्ज कराने को कहा गया था। कोर्ट ने प्रथम दृष्टया माना कि यह नोटिस सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्देशों के खिलाफ है।