हाईकोर्ट पहुंची जागेश्वर मंदिर समिति की अव्यवस्थाएं, कई गंभीर बिंदुओं के साथ PIL दाखिल

High Court News:जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति का गठन नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर 2013 में हुआ था। हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति का गठन किया था, ताकि इसमें पारदर्शिता लाई जा सके। पांच सदस्यीय समिति के पदेन चेयरमैन जिलाधिकारी अल्मोड़ा होते हैं। साथ ही क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी भी इस संस्था में एक सदस्य होते हैं।  समिति में उपाध्यक्ष (अवैतनिक) और प्रबंधक (वैतनिक) का चयन राज्यपाल करते हैं। पंजीकृत पुजारी मतदान के जरिए पुजारी प्रतिनिधि का चयन करते हैं। उपाध्यक्ष, प्रबंधक और पुजारी प्रतिनिधि का कार्यकाल तीन साल निर्धारित होता है। मंदिर प्रबंधन समिति में प्रबंधक का पद करीब 15 माह से खाली चल रहा है। साथ ही उपाध्यक्ष का पद भी करीब चार माह से रिक्त चल रहा है। इसके अलावा पुजारी प्रतिनिधि का कार्यकाल भी पूरा हो चुका है। मंदिर समिति में राजनैतिक दखल के आरोप भी समय-समय पर लगते रहते हैं। इसके अलावा बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास होने के बाद भी मंदिर समिति सूचना के अधिकार अधिनियम के दायरे में अब तक नहीं आ पाई है। जिला प्रशासन भी सरकारी स्तर से इस समिति से संबंधित आईटीआई नहीं दे रहा है। इसी को लेकर आज एक पीआईएल हाईकोर्ट की डिवीजन ब्रांच में दाखिल हुई है। ये पीआईएल अधिवक्ता विनोद तिवारी, प्रभाकर जोशी और रक्षित जोशी के माध्यम से दाखिल की गई है। याचिकाकर्ता वरिष्ठ पत्रकार रमेश जोशी निवासी दन्या हैं।

Dec 18, 2025 - 18:33
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हाईकोर्ट पहुंची जागेश्वर मंदिर समिति की अव्यवस्थाएं, कई गंभीर बिंदुओं के साथ PIL दाखिल
High Court News:जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति का गठन नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर 2013 में हुआ था। हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति का गठन किया था, ताकि इसमें पारदर्शिता लाई जा सके। पांच सदस्यीय समिति के पदेन चेयरमैन जिलाधिकारी अल्मोड़ा होते हैं। साथ ही क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी भी इस संस्था में एक सदस्य होते हैं।  समिति में उपाध्यक्ष (अवैतनिक) और प्रबंधक (वैतनिक) का चयन राज्यपाल करते हैं। पंजीकृत पुजारी मतदान के जरिए पुजारी प्रतिनिधि का चयन करते हैं। उपाध्यक्ष, प्रबंधक और पुजारी प्रतिनिधि का कार्यकाल तीन साल निर्धारित होता है। मंदिर प्रबंधन समिति में प्रबंधक का पद करीब 15 माह से खाली चल रहा है। साथ ही उपाध्यक्ष का पद भी करीब चार माह से रिक्त चल रहा है। इसके अलावा पुजारी प्रतिनिधि का कार्यकाल भी पूरा हो चुका है। मंदिर समिति में राजनैतिक दखल के आरोप भी समय-समय पर लगते रहते हैं। इसके अलावा बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास होने के बाद भी मंदिर समिति सूचना के अधिकार अधिनियम के दायरे में अब तक नहीं आ पाई है। जिला प्रशासन भी सरकारी स्तर से इस समिति से संबंधित आईटीआई नहीं दे रहा है। इसी को लेकर आज एक पीआईएल हाईकोर्ट की डिवीजन ब्रांच में दाखिल हुई है। ये पीआईएल अधिवक्ता विनोद तिवारी, प्रभाकर जोशी और रक्षित जोशी के माध्यम से दाखिल की गई है। याचिकाकर्ता वरिष्ठ पत्रकार रमेश जोशी निवासी दन्या हैं।

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