वाह रे पाकिस्तान! आफत में पोलियो का टीका लगाने वाले कर्मियों की जान; जानें हुआ क्या है
पाकिस्तान अभी तक पोलियो से मुक्त नहीं हुआ है। जिस तरह के हालात हैं उसे देखकर तो यही लगता है कि यहां पोलियो उन्मूलन के लिए काम करने का मतलब जान की बाजी लगाना है। चलिए आपको बताते हैं कि आखिर हुआ क्या है।

वाह रे पाकिस्तान! आफत में पोलियो का टीका लगाने वाले कर्मियों की जान; जानें हुआ क्या है
AVP Ganga
लेखिका: सुष्मिता रॉय, टीम नेटानागरी
परिचय
पाकिस्तान में स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए स्थिति बेहद चिंताजनक हो गई है। वहां पोलियो रोधी टीका लगाते समय कर्मचारियों की जान को खतरा हो रहा है। इस लेख में हम उस भयावह स्थिति पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जिसमें स्वास्थ्य कर्मचारी अपने जीवन का जोखिम उठाने के बावजूद बच्चों को पोलियो के टीके लगाते हैं।
पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम का महत्व
पोलियो एक जानलेवा बीमारी है जो मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करती है। पाकिस्तान जैसे देशों में जहां बीमारी का खतरा अधिक है, वहां पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम की आवश्यकता और भी अधिक बढ़ जाती है। हालांकि, हाल के समय में टीकाकरण करने वाले कर्मचारियों पर हमले की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिससे उनका जीवन संकट में पड़ा हुआ है।
हमलों की बढ़ती संख्या
हाल ही में, पाकिस्तान के विभिन्न क्षेत्रों में टीकाकरण टीमों पर हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं। सूत्रों के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में कई स्वास्थ्यकर्मियों की जान चली गई है। यह हमले आतंकवादियों की ओर से किए जा रहे हैं, जिन्हें पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम की सफलता से खतरा महसूस होता है।
सरकार की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान की सरकार ने इन घटनाओं की निंदा की है और स्वास्थ्य कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है। लेकिन क्या यह आश्वासन स्वास्थ्य कर्मचारियों को महसूस कराता है कि वे सुरक्षित हैं? इस सवाल का कोई स्पष्ट उत्तर नहीं है। सुरक्षा उपायों को सख्त करने की आवश्यकता है ताकि वे अपनी जान की परवाह किए बिना बच्चों को पोलियो का टीका लगा सकें।
समाज का उत्तरदायित्व
इस स्थिति में समाज को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। पोलियो जैसे खतरनाक रोग से बच्चों को बचाने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। यह केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हमें भी जागरूकता फैलाने में योगदान देना चाहिए।
निष्कर्ष
पोलियो रोधी टीकाकरण न केवल बच्चों के लिए, बल्कि पूरी मानवता के लिए आवश्यक है। पाकिस्तान में स्वास्थ्य कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। जब तक टीकाकरण करने वाले कर्मियों की जान सुरक्षित नहीं होगी, तब तक हम पोलियो के खिलाफ लड़ाई नहीं जीत सकते।
अंत में, हम सबको मिलकर इस मुश्किल समय में स्वास्थ्य कर्मियों का समर्थन करना चाहिए। यह उनके योगदान के बिना संभव नहीं है।
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