सीएम धामी ने साहित्यकार शैलेश मटियानी, गिरीश तिवारी, शेरदा अनपढ़, हीरा सिंह राणा, सोमवारी लाल उनियाल व अतुल शर्मा को उत्तराखंड दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान से सम्मानित किया
दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान के अंतर्गत साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले साहित्यकारों को ₹5 लाख की पुरस्कार राशि राज्य सरकार द्वारा साहित्यकारों को ‘उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान’,… The post सीएम धामी ने साहित्यकार शैलेश मटियानी, गिरीश तिवारी, शेरदा अनपढ़, हीरा सिंह राणा, सोमवारी लाल उनियाल व अतुल शर्मा को उत्तराखंड दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान से सम्मानित किया first appeared on .

सीएम धामी ने साहित्यकारों को सम्मानित किया
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के साहित्यिक परिदृश्य को नया आकार देने वाले प्रतिभाशाली साहित्यकारों को 'दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान' से सम्मानित किया। इस समारोह का आयोजन हिंदी दिवस के अवसर पर आईआरडीटी सभागार, सर्वे चौक, देहरादून में किया गया। उत्तराखंड के साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले शैलेश मटियानी, गिरीश तिवारी, शेरदा अनपढ़, हीरा सिंह राणा, सोमवारी लाल उनियाल और अतुल शर्मा को इस सम्मान से विभूषित किया गया।
सम्मान का उद्देश्य
इस सम्मान का मुख्य उद्देश्य उन साहित्यकारों को पहचानना और सम्मानित करना है, जिन्होंने साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया है। यह सम्मान ₹5 लाख की पुरस्कार राशि के साथ आता है, जो साहित्यकारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्थानीय भाषाओं और बोलियों के संरक्षण के लिए सतत प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री का उद्बोधन
मुख्यमंत्री धामी ने समारोह में उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कहा, “हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि यह हमारी आत्मा की अभिव्यक्ति है।” उन्होंने हिंदी के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि साहित्य समाज का दर्पण होता है और साहित्यकार समाज की संवेदनाओं के सच्चे मार्गदर्शक होते हैं।
साहित्य का संरक्षण
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि उत्तराखंड भाषा संस्थान स्थानीय साहित्य को संरक्षित करने और संकलित करने के लिए ठोस कार्य कर रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमारे पूर्वजों द्वारा सौंपी गई साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत केवल हमारे अतीत की धरोहर नहीं, बल्कि हमारी पहचान और सभ्यता की नींव हैं।
नवीनतम घोषणाएं
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि सरकार द्वारा दो साहित्य ग्राम स्थापित किए जाएंगे, जहां साहित्यकारों के लिए आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे उत्तराखंड को एक साहित्यिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में प्रगति होगी। इसके अलावा, रचनात्मक लेखन प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी, जिसमें 100 से अधिक युवा रचनाकारों को पुरस्कृत किया जा चुका है।
उपसंहार
यह सम्मान समारोह केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि हमारे साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत को सहेजने की दिशा में एक बड़ी पहल है। मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में, उत्तराखंड के साहित्यिक परिदृश्य को नई दिशा मिलेगी और हमें उम्मीद है कि यह नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
टीम avpganga
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