12 मेडिकल स्टोर के लाइसेंस निरस्त, प्रतिबंधित कफ सिरफ के खिलाफ अभियान तेज
Raids on Medical Stores:कफ सिरफ से एमपी और राजस्थान में बच्चों की मौत का मामला सामने आने से उत्तराखंड में भी हड़कंप मचा हुआ है। बीते दिनों स्वास्थ्य महकमे ने राज्य में कुछ सिरफ की बिक्री बैन कर दी थी। साथ ही एफडीए की टीमें मेडिकल स्टोरों की जांच में भी जुटी हुई हैं। जांच के बाद गुरुवार को राज्य में 12 मेडिकल स्टोर के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए। एफडीए के अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी के मुताबिक गुरुवार को हरिद्वार में तीन, यूएस नगर में 15 मेडिकल स्टोरों की जांच की गई, जिनमें से 8 प्रतिष्ठानों पर नियमों का उल्लंघन पाया गया। देहरादून में एक और नैनीताल में तीन मेडिकल स्टोर का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया। इसमें एक जन औषधि केंद्र के अलावा अन्य सभी मेडिकल स्टोर हैं। मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौत के बाद छापेमारी अभियान चल रहा है। गुरुवार को सौ से अधिक मेडिकल स्टोरों की जांच की गई। इस अभियान से हड़कंप मचा हुआ है।
12 मेडिकल स्टोर के लाइसेंस निरस्त, प्रतिबंधित कफ सिरफ के खिलाफ अभियान तेज
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लेखिका: सृष्टि शर्मा, प्रिया वर्मा, टीम avpganga
उत्तराखंड में हाल ही में महाकालीन कफ सिरफ से जुड़े मामलों की बढ़ती संख्या ने स्वास्थ्य महकमे को गंभीर कार्रवाई के लिए प्रेरित किया है। मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरफ के कारण बच्चों की मौत के मामलों की खबरों के बाद, राज्य में हड़कंप मच गया है। इसके परिणामस्वरूप, स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में अनुचित औषधियों की बिक्री के खिलाफ एक सख्त अभियान प्रारंभ किया है।
जांच कार्रवाई का विवरण
एफडीए (भारतीय खाद्य एवं औषधि प्रशासन) ने एक व्यापक जांच अभियान चलाया। अनुमान के अनुसार, गुरुवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में 100 से अधिक मेडिकल स्टोरों की जांच की गई। इस जांच के बाद, 12 मेडिकल स्टोर के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं। एफडीए के अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी के अनुसार, हरिद्वार में तीन और यूएस नगर में 15 मेडिकल स्टोरों की जांच की गई, जिसमें से 8 प्रतिष्ठानों पर नियमों का उल्लंघन पाया गया।
प्रतिबंधित कफ सिरफ का मुद्दा
स्वास्थ्य विभाग ने कुछ सिरफ की बिक्री पर बेहद सख्त बैन लगा दिया है, जो कि बच्चों में खराब स्वास्थ्य की स्थिति का प्रमुख कारण बनता जा रहा है। इसके अंतर्गत, ऐसी औषधियों को प्रतिबंधित किया गया है, जिन्हें अत्यधिक मात्रा में इस्तेमाल किया गया था। यह ठोस एहतियात बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रख कर उठाए जा रहे हैं।
स्थानीय प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासियों और मेडिकल स्टोर संचालकों की राय में यह अभियान एक आवश्यक कदम है। बहुत से लोगों ने कहा कि इस अभियान से लोगों में जागरूकता आएगी और ऐसे कुख्यात उत्पादों की बिक्री पर लगाम लगेगी। हालांकि, कुछ मेडिकल स्टोर संचालकों ने अलग-अलग दृष्टिकोण अपनाया और कार्रवाई को अत्यधिक कहा।
अगले कदम
एफडीए और स्वास्थ्य विभाग ने यह सुनिश्चित करने का संकल्प लिया है कि सभी मेडिकल स्टोर उच्चतम मानकों का पालन करें। स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि सभी मेडिकल स्टोरों को नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है, अन्यथा उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष
कफ सिरफ पर इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि राज्य में स्वास्थ्य के मामले में कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा। स्वास्थ्य अधिकारी सुनिश्चित कर रहे हैं कि बच्चों की सेहत के मामले में कोई भी लापरवाही न हो। इस प्रकार की छापेमारी और नियामक कार्रवाई न केवल बच्चों के जीवन को बचाने के लिए आवश्यक है, बल्कि यह एक बड़ा संदेश भी देती है कि स्वास्थ्य संबंधी नियमों का पालन करना सभी के लिए अनिवार्य है। इस अभियान की निरंतरता जरूरी है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में ऐसे गंभीर मामलों से बचा जा सके।
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