CM उमर बोले- जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिले:भाजपा से कोई समझौता नहीं; मोदी ने कभी नहीं कहा ये भाजपा सरकार में मिलेगा

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने कभी नहीं कहा कि राज्य का दर्जा सिर्फ भाजपा के सत्ता में आने पर ही मिलेगा।​ उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह अपना वादा पूरा करे और जल्द से जल्द राज्य का दर्जा बहाल करे। उमर ने साफ कहा कि वह राज्य बहाली के लिए भाजपा से कोई समझौता नहीं करेंगे।​ उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाते वक्त संसद में तीन कदम बताए गए थे- पहले सीमांकन, फिर चुनाव और आखिर में राज्य का दर्जा। सीमांकन और चुनाव हो चुके हैं, लेकिन राज्य का दर्जा अब तक नहीं मिला।​ उमर अब्दुल्ला ने सरकार का एक साल पूरा होने पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने मीडिया से कहा कि केंद्र सरकार को अपना कमिटमेंट पूरा करना चाहिए। कहा कि पिछले एक साल में उनकी सरकार ने विकास के काम तेज किए हैं। लेकिन राज्य का दर्जा न होने से कई मुश्किलें आ रही हैं। ​राज्यसभा चुनाव में पता चलेगा कौन भाजपा का साथ दे रहा है सीएम ने राज्यसभा चुनावों पर भी चर्चा की और कहा कि यह चुनाव दिखाएगा कि कौन भाजपा का साथ दे रहा है। उन्होंने सज्जाद लोन से सवाल किया कि उन्होंने भाजपा की मदद क्यों की।​ लोगों को भाजपा की हार की सजा ना मिले उन्होंने कहा कि पिछले साल हमारी सरकार बनी लेकिन कुछ वादे केंद्र सरकार की तरफ से अटके हैं। उमर ने कहा कि लोगों को भाजपा की हार की सजा नहीं मिलनी चाहिए।​ प्रदेश की असली पहचान लोकतांत्रिक ढांचे से है उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की असली पहचान उसके लोकतांत्रिक ढांचे और स्वशासन में रही है, जिसे बहाल किए बिना यहां की राजनीतिक स्थिरता और विकास की दिशा अधूरी है। राज्य का दर्ज मिलते ही पब्लिक सेफ्टी ऐक्ट हटा देंगे सीएम ने कहा कि राज्य का दर्जा मिलने के बाद पीएसए को तुरंत खत्म कर देंगे। यह कानून लोगों की आजादी पर रोक लगाता है, इसलिए इसे हटाना जरूरी है। पहलगाम हमले से राज्य के दर्जे का कोई मतलब नहीं पहलगाम आतंकी हमले को राज्य के दर्जे से जोड़ने की कोशिश हो रही है। यह यहां के लोगों के साथ अन्याय है, क्योंकि इसके लिए चुनी हुई सरकार ज़िम्मेदार नहीं है। मुठभेड़ों में मारे गए लोग, जो हमले के लिए जिम्मेदार थे, जम्मू-कश्मीर के नहीं थे। ------------------------ जम्मू कश्मीर से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... केंद्र बोला- JK के 99.9% लोग सरकार के साथ:सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के दर्जे पर 4 हफ्ते में जवाब मांगा; 6 साल पहले हटी थी धारा-370 सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जम्मू-कश्मीर को दोबारा राज्य का दर्जा देने से जुड़ी याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने के लिए 4 हफ्तों का समय दिया। 10 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि इस मुद्दे पर केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के बीच बातचीत चल रही है। 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटाने के बाद केंद्र सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश बनाया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में केंद्र के फैसले को चुनौती दी गई। दिसंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य से आर्टिकल 370 हटाने और विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने को सही माना था। पूरी खबर पढ़ें...

Oct 18, 2025 - 18:33
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CM उमर बोले- जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिले:भाजपा से कोई समझौता नहीं; मोदी ने कभी नहीं कहा ये भाजपा सरकार में मिलेगा
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने कभी नहीं कहा कि राज्य का दर्जा सिर्फ भाजपा के सत्ता में आने पर ही मिलेगा।​ उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह अपना वादा पूरा करे और जल्द से जल्द राज्य का दर्जा बहाल करे। उमर ने साफ कहा कि वह राज्य बहाली के लिए भाजपा से कोई समझौता नहीं करेंगे।​ उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाते वक्त संसद में तीन कदम बताए गए थे- पहले सीमांकन, फिर चुनाव और आखिर में राज्य का दर्जा। सीमांकन और चुनाव हो चुके हैं, लेकिन राज्य का दर्जा अब तक नहीं मिला।​ उमर अब्दुल्ला ने सरकार का एक साल पूरा होने पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने मीडिया से कहा कि केंद्र सरकार को अपना कमिटमेंट पूरा करना चाहिए। कहा कि पिछले एक साल में उनकी सरकार ने विकास के काम तेज किए हैं। लेकिन राज्य का दर्जा न होने से कई मुश्किलें आ रही हैं। ​राज्यसभा चुनाव में पता चलेगा कौन भाजपा का साथ दे रहा है सीएम ने राज्यसभा चुनावों पर भी चर्चा की और कहा कि यह चुनाव दिखाएगा कि कौन भाजपा का साथ दे रहा है। उन्होंने सज्जाद लोन से सवाल किया कि उन्होंने भाजपा की मदद क्यों की।​ लोगों को भाजपा की हार की सजा ना मिले उन्होंने कहा कि पिछले साल हमारी सरकार बनी लेकिन कुछ वादे केंद्र सरकार की तरफ से अटके हैं। उमर ने कहा कि लोगों को भाजपा की हार की सजा नहीं मिलनी चाहिए।​ प्रदेश की असली पहचान लोकतांत्रिक ढांचे से है उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की असली पहचान उसके लोकतांत्रिक ढांचे और स्वशासन में रही है, जिसे बहाल किए बिना यहां की राजनीतिक स्थिरता और विकास की दिशा अधूरी है। राज्य का दर्ज मिलते ही पब्लिक सेफ्टी ऐक्ट हटा देंगे सीएम ने कहा कि राज्य का दर्जा मिलने के बाद पीएसए को तुरंत खत्म कर देंगे। यह कानून लोगों की आजादी पर रोक लगाता है, इसलिए इसे हटाना जरूरी है। पहलगाम हमले से राज्य के दर्जे का कोई मतलब नहीं पहलगाम आतंकी हमले को राज्य के दर्जे से जोड़ने की कोशिश हो रही है। यह यहां के लोगों के साथ अन्याय है, क्योंकि इसके लिए चुनी हुई सरकार ज़िम्मेदार नहीं है। मुठभेड़ों में मारे गए लोग, जो हमले के लिए जिम्मेदार थे, जम्मू-कश्मीर के नहीं थे। ------------------------ जम्मू कश्मीर से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... केंद्र बोला- JK के 99.9% लोग सरकार के साथ:सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के दर्जे पर 4 हफ्ते में जवाब मांगा; 6 साल पहले हटी थी धारा-370 सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जम्मू-कश्मीर को दोबारा राज्य का दर्जा देने से जुड़ी याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने के लिए 4 हफ्तों का समय दिया। 10 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि इस मुद्दे पर केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के बीच बातचीत चल रही है। 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटाने के बाद केंद्र सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश बनाया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में केंद्र के फैसले को चुनौती दी गई। दिसंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य से आर्टिकल 370 हटाने और विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने को सही माना था। पूरी खबर पढ़ें...

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