Contempt of High Court:उपनल कर्मियों के विनियमितिकरण का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। दरअसल, हाईकोर्ट पूर्व में ही सरकार को आदेश दे चुकी है कि वह उपनल कर्मियों को पक्का करें। उत्तराखंड उपनल कर्मचारी संघ की अवमानना याचिका पर बुधवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने कहा कि 2018 में कोर्ट ने एक वर्ष में चरणबद्ध तरीके से नियमितीकरण और छह माह में न्यूनतम वेतन देने के आदेश दिए थे। उस आदेश का सरकार ने अब तक पालन नहीं किया है। इससे उपनल कर्मियों में मायूसी है। वहीं, सरकार की ओर बताया गया कि मामले में सात सदस्यीय उच्चस्तरीय कमेटी बना दी है। कर्मियों का डाटा जुटाया जा रहा है। 2018 में हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि उपनलकर्मियों को एक वर्ष में चरणबद्ध तरीके से नियमित किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने अक्तूबर 2024 में इस आदेश की पुन: पुष्टि करते हुए राज्य सरकार की याचिका खारिज कर दी थी।