DRDO गेस्ट हाउस मैनेजर के मोबाइल ने उगले राज:पाक हैंडलर को भेजी सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां, 8 दिन पहले पकड़ा गया था

जैसलमेर में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के गेस्ट हाउस मैनेजर महेंद्र प्रसाद (32) को मंगलवार को ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। महेंद्र प्रसाद के पास से मिले 2 मोबाइल फोन की जांच में पाकिस्तानी हैंडलर को भारतीय सेना की खुफिया जानकारियां भेजने की पुष्टि हुई है। इसके बाद पुलिस सीआईडी (सिक्योरिटी) इंटेलिजेंस ने यह कार्रवाई की। 4 अगस्त को सुरक्षा एजेंसियों ने महेंद्र प्रसाद को DRDO के गेस्ट हाउस से पकड़ा था। उस पर पाकिस्तानी हैंडलर को अपने मोबाइल के माध्यम से सामरिक महत्व की महत्वपूर्ण जानकारियां भेजने का शक था। जैसलमेर में पूछताछ के बाद उसे जयपुर ले जाया गया था। यहां मोबाइल फोन की तकनीकी रिपोर्ट आने के बाद उस पर मामला दर्ज (शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत) कर गिरफ्तार किया गया। DRDO के गेस्ट हाउस में 7 साल से मैनेजर पुलिस सीआईडी (सिक्योरिटी) के आईजी डॉ. विष्णुकांत ने बताया- राज्य में स्वतंत्रता दिवस समारोह को ध्यान में रखते हुए राजस्थान सीआईडी इंटेलिजेंस राष्ट्रविरोधी एवं विध्वंसकारी गतिविधियों पर निगरानी रखी जा रही है। डीआरडीओ गेस्ट हाउस चांधन फील्ड फायरिंग रेंज जैसलमेर में संविदा कर्मी महेन्द्र प्रसाद पुत्र चनीराम मैनेजर के पद पर कार्यरत था। आरोपी पल्यूं, अल्मोड़ा, उत्तराखंड का रहने वाला है। उसे पाक हैंडलर को सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां लीक करने और भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। डीआरडीओ वैज्ञानिकों व सैन्य अधिकारियों की जानकारियां भेजी महेंद्र प्रसाद जैसलमेर की पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में स्थित DRDO के गेस्ट हाउस में मैनेजर के पद पर कार्यरत था। इस दौरान वह सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के कॉन्टैक्ट में था। फील्ड फायरिंग रेंज जैसलमेर में मिसाइल व अन्य हथियारों के परीक्षण के काम के लिए आने वाले डीआरडीओ वैज्ञानिकों व भारतीय सेना के अधिकारियों के आने-जाने के संबंधित गोपनीय सूचनाएं पाक हैडलर को उपलब्ध करवा रहा था। पुलिस सीआईडी (सिक्योरिटी) के आईजी डॉ. विष्णुकांत ने बताया- संदिग्ध महेन्द्र प्रसाद से सिक्योरिटी एजेंसियों ने संयुक्त पूछताछ करने और उसके मोबाइल की तकनीकी परीक्षण करवाने पर डीआरडीओ व भारतीय सेना से संबंधित संवेदनशील सूचनाएं पाक हैडलर उपलब्ध करवाना पाया गया। सबसे लंबी 1070 किलोमीटर लंबी सीमा राजस्थान से, इसलिए ISI एक्टिव राजस्थान की सीमावर्ती क्षेत्र जासूसों की रडार पर रहते हैं, क्योंकि पाकिस्तान की सबसे लंबी 1070 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है। तीन बड़े एयरबेस हैं और कई सैन्य ठिकाने। पाक खुफिया एजेंसी का टारगेट होता है कि सीमावर्ती क्षेत्र की हर छोटी से छोटी इन्फॉर्मेशन किसी भी तरीके से हासिल हो। श्रीगंगानगर के हिंदुमलकोट से लेकर बाड़मेर के बाखासर तक भारतीय खुफिया एजेंसियां भी अलर्ट पर रहती हैं। जासूस इन क्षेत्रों की जानकारी पाकिस्तानी एजेंटों से शेयर करते पकड़े गए हैं। बॉर्डर के इलाकों में संदिग्ध लोगों पर नजर रखी जा रही है। सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण संस्थानों की भी सिक्योरिटी बढ़ाई गई है। लगातार पकड़े जा रहे जासूस राजस्थान में मार्च के बाद से एनआईए सहित कई सुरक्षा एजेंसियां लगातार एक्टिव हैं। मार्च से मई के बीच ही 5 जासूसों को प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से गिरफ्तार किया गया है। अब जानिए इन जासूसों के बारे में... 26 मार्च : पहलगांव आतंकी हमले से पहले राजस्थान इंटेलिजेंस ने चांधन फील्ड फायरिंग रेंज के करीब करमों की ढाणी निवासी पठान खान को ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था। 23 मई : डीग के पहाड़ी थाना इलाके के गंगौरा गांव निवासी मोहम्मद कासिम (32) को दिल्ली की स्पेशल सेल ने डिटेन किया। कासिम अगस्त 2024 में टूरिस्ट वीजा पर पाकिस्तान गया था। 26 मई : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के ASI मोतीराम जाट को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया। 28 मई : राजस्थान इंटेलिजेंस ने पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में सरकारी कर्मचारी व कांग्रेस के पूर्व मंत्री सालेह मोहम्मद के निजी सहायक रहे शकूर खान को डिटेन किया और 3 जून को गिरफ्तार किया। 30 मई : डीग के पहाड़ी थाना इलाके के गंगौरा गांव निवासी मोहम्मद कासिम (32) के बड़े भाई मोहम्मद हसीन (34) को भी डिटेन किया। हसीन भी पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारी दानिश से संपर्क में था। --- जासूस के पकड़े जाने की यह खबर भी पढ़िए... जासूसी के शक में DRDO गेस्ट हाउस मैनेजर को पकड़ा:यहां रुकते हैं इंडिया के बड़े रक्षा विशेषज्ञ, वैज्ञानिक और सैन्य अधिकारी जैसलमेर में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के गेस्ट हाउस मैनेजर को जासूसी के शक में हिरासत में लिया गया है। आरोपी महेंद्र प्रसाद पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज के गेस्ट हाउस में पोस्टेड है। पूरी खबर पढ़िए

Aug 13, 2025 - 00:33
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DRDO गेस्ट हाउस मैनेजर के मोबाइल ने उगले राज:पाक हैंडलर को भेजी सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां, 8 दिन पहले पकड़ा गया था
DRDO गेस्ट हाउस मैनेजर के मोबाइल ने उगले राज:पाक हैंडलर को भेजी सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारि

DRDO गेस्ट हाउस मैनेजर के मोबाइल ने उगले राज: पाक हैंडलर को भेजी सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां, 8 दिन पहले पकड़ा गया था

जैसलमेर में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के गेस्ट हाउस मैनेजर महेंद्र प्रसाद को हाल ही में सुरक्षा से जुड़ी गंभीर चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इस मामले ने सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बन गया है, जबकि देश की सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ विदेशी हैंडलर के पास पहुँच गई हैं। इस घटना ने रक्षा प्रतिष्ठानों की सुरक्षा पर भी सवाल उठाए हैं।

क्या हुआ?

महेंद्र प्रसाद, जो DRDO के गेस्ट हाउस में पिछले 7 वर्षों से मैनेजर के पद पर कार्यरत थे, को 4 अगस्त को पकड़ा गया था। उनके पास से मिले दो मोबाइल फोन की जांच में पता चला कि उन्होंने पाकिस्तानी हैंडलर को भारतीय सेना की संवेदनशील जानकारियाँ भेजी थीं। पुलिस सीआईडी (सिक्योरिटी) ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की और उन्होंने गिरफ्तार किया।

पकड़े जाने के बाद की कार्रवाई

जैसलमेर की सुरक्षा एजेंसियों ने महेंद्र प्रसाद से पूछताछ करने के बाद उन्हें जयपुर ले जाया गया। वहां उनकी मोबाइल फोन की तकनीकी रिपोर्ट आने के बाद उन्हें आधिकारिक गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत गिरफ्तार किया गया।

सुरक्षा से संबंधित जानकारियों का लीक होना

महेंद्र प्रसाद ने सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के संपर्क में रहते हुए, फील्ड फायरिंग रेंज में आने वाले वैज्ञानिकों और सैन्य अधिकारियों की गतिविधियों की जानकारी लीक की। इस घटना ने उस पर सवाल उठाए हैं जो सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों का संरक्षण करने के लिए जिम्मेदार थे।

राजस्थान की सीमा पर बढ़ती जासूसी की गतिविधियाँ

राजस्थान की 1070 किलोमीटर लंबी सीमा पाकिस्तान से लगती है, और यह क्षेत्र अक्सर जासूसों के रडार पर रहता है। इस वजह से सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। महत्वपूर्ण संस्थानों की सुरक्षा बढ़ाई गई है, और एजेंसियां जासूसी के लिए संदिग्ध लोगों पर निगरानी रख रही हैं।

निष्कर्ष

यह घटना न केवल महेंद्र प्रसाद की व्यक्तिगत कार्रवाई का परिणाम है, बल्कि यह उस सुरक्षा ढांचे पर भी गंभीर प्रश्न उठाती है जो हमारी सेना और वैज्ञानिकों की रक्षा के लिए जिम्मेदार है। हमें ऐसी घटनाओं से सबक लेना चाहिए और सुरक्षा में सुधार करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।

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