छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में गुरुवार को SCEL (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) के गेवरा खदान में प्रदर्शन कर रहे भू-विस्थापितों पर CISF (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) ने लाठीचार्ज किया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में CISF के जवान ग्रामीणों को दौड़ा-दौड़ाकर मारते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह प्रदर्शन अखिल भारतीय किसान सभा के तत्वाधान में किया जा रहा था। लाठीचार्ज में छत्तीसगढ़ किसान सभा के जिला सचिव दीपक साहू, रमेश दास, बिमल दास, गुलाब दास समेत 10 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। ये भू-विस्थापित रोजगार, पुनर्वास और मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि प्रदर्शन स्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस और CISF बल तैनात था। प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा था। SECL के अधिकारी प्रदर्शनकारियों को बातचीत के लिए बुला रहे थे। इसी दौरान CISF के एक अधिकारी ने प्रदर्शनकारियों के साथ कथित तौर पर अभद्र व्यवहार और गाली-गलौज की। इसके बाद CISF ने अचानक लाठीचार्ज शुरू कर दिया। लाठीचार्ज के बाद घायलों को जबरन उठाकर दीपका थाने ले जाया गया। ग्रामीणों ने अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। वहीं इस मामले में SECL प्रबंधन का कहना है कि कोयला उत्पादन की गतिविधि को बाधित करने का प्रयास किया गया। कार्य में व्यवधान करने पर CISF की टीम ने उन्हें रोका। काम में बाधा डालने वाले प्रदर्शनकारियों को वापस भेजने का प्रयास किया गया है। देखिए लाठीचार्ज की ये तस्वीरें- ग्रामीणों ने की अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग घटना की जानकारी मिलने पर बड़ी संख्या में ग्रामीण भी दीपका थाना पहुंचे। जहां उन्होंने मारपीट और लाठीचार्ज का आदेश देने वाले अधिकारियों पर केस दर्ज करने की मांग की। थाना प्रभारी प्रेमचंद साहू ने घायलों का मुलाहिजा करवाने और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उग्र आंदोलन की चेतावनी छत्तीसगढ़ किसान सभा के प्रदेश संयुक्त सचिव प्रशांत झा ने लाठीचार्ज की निंदा की। उन्होंने कहा कि भू-विस्थापितों की समस्याओं का समाधान किए बिना खदान विस्तार नहीं होने दिया जाएगा। अगर प्रबंधन ने जबरन विस्तार की कोशिश की, तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। उन्होंने प्रभावित हर छोटे खातेदार को नियमित रोजगार, उचित मुआवजा और पुनर्वास सुविधा देने की मांग की। साथ ही नए और पुराने मुआवजा मामलों में की जा रही कटौती को तत्काल बंद करने और विस्थापितों के साथ न्याय करने की बात कही। आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण था- किसान संघ किसान सभा के जिला सचिव दीपक साहू ने बताया कि आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण था। इसके बावजूद CISF ने जबरन लाठीचार्ज किया। उन्होंने कहा कि बंदूक और लाठी के बल पर खदान विस्तार नहीं होगा। पहले रोजगार, पुनर्वास और मुआवजे की समस्याओं का समाधान जरूरी है। कोयला उत्पादन बाधित करने का प्रयास किया- प्रबंधन इस पूरे मामले में दीपका थाना प्रभारी प्रेम साहू ने बताया कि ग्रामीणों की ओर से शिकायत की गई है। मामले की जांच की जा रही है। वहीं, SECL पीआरओ सनीश चंद्र का कहना है कि ग्राम नराई बोध और भडोरा के प्रदर्शनकारी खदान क्षेत्र में पहुंचे थे। कोयला उत्पादन को बाधित करने का प्रयास किया। कार्य में व्यवधान करने पर CISF की टीम ने उन्हें रोका। काम में बाधा डालने वाले प्रदर्शनकारियों को वापस भेजने का प्रयास किया गया है।