छड़ी मुबारक अमरनाथ गुफा पहुंची, यात्रा का समापन:बारिश के चलते 3 अगस्त को रोकी गई थी; इस साल 4.1 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए
अमरनाथ यात्रा का समापन शनिवार को छड़ी मुबारक के पवित्र गुफा मंदिर पहुंचने के साथ हुआ। पारंपरिक तरीके से महंत दीपेंद्र गिरि की अगुआई में सैकड़ों साधुओं के साथ विशेष पूजा की गई, इसके बाद भक्तों को साल के अंतिम दर्शन कराए गए। अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू हुई थी और भारी बारिश के कारण रास्ते खराब होने की वजह से 3 अगस्त से ही रोक दी गई थी। इस साल 4.10 लाख श्रद्धालु अमरनाथ गुफा में दर्शन किए, जबकि पिछले साल 5.10 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे थे। यात्रा 3 जुलाई से शुरू हुई थी अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू हुई थी। इस दौरान सुबह बाबा अमरनाथ की पहली आरती की गई थी। इस बार यात्रा केवल 1 महीना ही चल पाई। यात्रा के दौरान लगभग 50,000 CRPF जवान तैनात किए गए थे। यात्रा की 3 तस्वीरें... 5 जुलाईः यात्रियों को ले जा रही बसों की टक्कर, 36 घायल 5 जुलाई को यात्रियों को लेकर जा रहे काफिले की चार बसों में टक्कर हो गई थी। रामबन जिले में चंदरकोट लंगर के पास हुए हादसे में करीब 36 यात्री घायल हो गए। हादसा तब हुआ, जब ब्रेक फेल होने के कारण एक बस का ड्राइवर नियंत्रण खो बैठा। इससे काफिले में शामिल तीन और बसें आपस में टकरा गईं। पूरी खबर पढ़ें... 2024 में पहुंचे थे 5 लाख यात्री 2024 में यह यात्रा 52 दिनों की थी। 2023 में 62 दिन, 2022 में 43 दिन और 2019 में 46 दिनों तक यात्रा चली। 2020-21 में कोरोना महामारी के कारण यात्रा स्थगित रही। 2024 में 52 दिनों तक चली अमरनाथ यात्रा में 5.1 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन किए थे। 2023 में 4.5 लाख यात्री शामिल हुए थे। साल 2012 में रिकॉर्ड 6.35 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए थे। 2022 में कोविड के कारण आंकड़ा घटा था और 3 लाख तीर्थयात्री दर्शन के लिए पहुंचे थे। 3888 मीटर की ऊंचाई पर है अमरनाथ गुफा --------------------------- अमरनाथ यात्रा की यह खबर पढे़ें... अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था रवाना:जम्मू में LG मनोज सिन्हा ने हरी झंडी दिखाई, अब तक 3.5 लाख श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन कराया अमरनाथ यात्रा के लिए 2 जुलाई को पहला जत्था जम्मू से रवाना हो गया। उपराज्यपाल (LG) मनोज सिन्हा ने भगवती नगर बेस कैंप से जत्थे को झंडी दिखाई। इस दौरान श्रद्धालु 'हर हर महादेव' और 'बम बम भोले' के जयकारे लगाते रहे। आधिकारिक तौर पर यात्रा की शुरुआत 3 जुलाई से होगी। पूरी खबर पढ़ें...

छड़ी मुबारक अमरनाथ गुफा पहुंची, यात्रा का समापन:बारिश के चलते 3 अगस्त को रोकी गई थी; इस साल 4.1 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए
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अमरनाथ यात्रा का समापन शनिवार को छड़ी मुबारक के पवित्र गुफा मंदिर पहुंचने के साथ हुआ। महंत दीपेंद्र गिरि की अगुआई में सैकड़ों साधुओं के साथ विशेष पूजा आयोजित की गई, जिसके बाद भक्तों को साल के अंतिम दर्शन कराए गए। इस साल यात्रा का विषय रहस्यमय रहा, जिसमें बारिश के चलते पहले से ही तय कार्यक्रम प्रभावित हुए। अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू की गई थी और 3 अगस्त को भारी बारिश के कारण इसे रोकना पड़ा था। इस साल 4.10 लाख श्रद्धालुओं ने अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन किए, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 5.10 लाख से अधिक था।
अमरनाथ यात्रा का महत्व
अमरनाथ गुफा, जो 3888 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है, हर साल श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखती है। यहां, भक्त बाबा बर्फानी की बर्फ की बनी शिवलिंग का दर्शन करते हैं। यह यात्रा केवल 1 महीने तक चली, जिसके कारण श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आई। 2024 के लिए कुछ नई योजनाओं के तहत श्रद्धालुओं को और सुविधाएं देने पर विचार किया जा रहा है। पिछली यात्रा में 5 लाख यात्रियों का आना इस साल के मुकाबले कहीं अधिक था।
अवरुद्ध यात्रा और सुरक्षा व्यवस्थाएं
भगवान शिव के प्रति समर्पण दिखाते हुए यात्रा के दौरान सुरक्षा का व्यापक ध्यान दिया गया। इस वर्ष लगभग 50,000 CRPF जवानों को सुरक्षा व्यवस्थाओं के लिए तैनात किया गया था, ताकि श्रद्धालुओं की यात्रा सुरक्षित रहे। हालांकि, 5 जुलाई को यात्रियों को ले जा रही बसों के साथ एक गंभीर हादसा हुआ, जिसमें 36 लोग घायल हो गए थे। इस दुखद घटना ने यात्रा के दौरान सुरक्षा उपायों की गंभीरता को और अधिक बढ़ा दिया।
भविष्य के लिए योजनाएं
अगले वर्ष की अमरनाथ यात्रा को लेकर कई नई योजनाओं पर विचार किया जा रहा है ताकि यात्रा को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाया जा सके। 2024 में यात्रा 52 दिनों तक चलने की संभावना जताई जा रही है। पिछले वर्षों में कोविड महामारी के कारण भी यात्रियों की संख्या में उतार-चढ़ाव आया था। 2012 में, रिकॉर्ड 6.35 लाख तीर्थयात्री यहां दर्शन करने आए थे, जबकि 2022 में कोविड के कारण केवल 3 लाख श्रद्धालु ही इसके दर्शन कर सके थे।
निष्कर्ष
अमरनाथ यात्रा हर साल महाकाल के भक्तों के लिए एक विशेष अवसर होता है। इस बार की यात्रा ने कई चुनौतियों का सामना किया, फिर भी श्रद्धालुओं का उत्साह बरकरार रहा। हम सबको उम्मीद है कि अगले वर्ष हम सब सफलता और खुशियों के साथ बाबा बर्फानी के दर्शन करेंगे।
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