जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में एनकाउंटर, 1 आतंकी मारा गया:4 आतंकियों का ग्रुप पिछले साल से इलाके में छिपा, दोनों तरफ से फायरिंग जारी
जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में बसंतगढ़ इलाके में गुरुवार सुबह से जारी एनकाउंटर में एक आतंकी मारा गया है। इलाके में तीन और आतंकियों के छिपे होने की आशंका है। सेना और पुलिस का सर्च ऑपरेशन जारी है। IGP जम्मू जोन भीम सेन ने बताया कि बसंतगढ़ के बिहाली इलाके में पिछले एक साल से 4 आतंकियों के छिपे होने की खबर थी। गुरुवार सुबह साढ़े 8 बजे इनकी जानकारी मिलने के बाद सर्च ऑपरेशन चलाया गया। इस दौरान आतंकियों ने सिक्योरिटी फोर्सेज के जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में एक आतंकी मारा गया है। सोर्स के अनुसार, इलाके में 3 और आतंकी हैं। दोनों तरफ से फायरिंग जारी है। एनकाउंटर की 3 तस्वीरें... अप्रैल में 5 आतंकी और 6 पाकिस्तानी घुसपैठिए मारे थे 23 अप्रैल को बारामूला के उरी सेक्टर में LoC के पास आतंकी घुसपैठ की कोशिश की गई थी। सेना ने 2 आतंकवादियों को मार गिराया। सेना के अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा बलों ने 2-3 आतंकियों को घुसपैठ की कोशिश करते देखा था। अखनूर में 12 अप्रैल को आतंकवादियों से मुठभेड़ में 9 पंजाब रेजिमेंट के JCO कुलदीप चंद शहीद हो गए थे। अखनूर के केरी बट्टल इलाके में एक रात पहले एनकाउंटर शुरू हुआ था। इसके अलावा 11 अप्रैल को ही किश्तवाड़ के जंगलों में एनकाउंटर के दौरान सुरक्षाबलों ने 3 आतंकियों को मार गिराया। तीनों आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के हैं। इनमें टॉप कमांडर सैफुल्लाह भी शामिल था। इससे पहले 4 और 5 अप्रैल की दरमियानी रात जम्मू में LoC पर आरएस पुरा सेक्टर पर BSF के जवानों ने एक पाकिस्तानी घुसपैठिए को मार गिराया था। वहीं, 1 अप्रैल को LoC पर सेना के एनकाउंटर में 4-5 पाकिस्तानी घुसपैठियों को मारा गया था। घटना पुंछ में LoC पर कृष्णा घाटी सेक्टर के फॉरवर्ड एरिया में हुई थी। कठुआ में एक महीने में 3 एनकाउंटर मार्च 2025 में कठुआ में सुरक्षाबलों की आतंकियों तीन मुठभेड़ हुईं। पहली मुठभेड़ 23 मार्च को हीरानगर सेक्टर में हुई थी। सुरक्षाबलों को जैश-ए-मोहम्मद के प्रॉक्सी संगठन पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट से जुड़े 5 आतंकवादियों के छिपे होने की खबर मिली थी, लेकिन वे भागने में कामयाब रहे थे। 28 मार्च दूसरी बार मुठभेड़ हुई। जिसमें 2 आतंकी मारे गए थे। इस दौरान स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) के 4 जवान तारिक अहमद, जसवंत सिंह, जगबीर सिंह और बलविंदर सिंह शहीद हुए थे। इनके अलावा DSP धीरज सिंह समेत तीन जवान घायल हुए थे। उनका इलाज जारी है। 31 मार्च की रात कठुआ में पंजतीर्थी मंदिर के पास तीसरी मुठभेड़ हुई। तीन आतंकियों के इलाके में छिपे होने की सूचना मिली। एक आतंकी के मारे जाने की भी बात सामने आई, लेकिन आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई। 28 मार्च: एनकाउंटर में मारे गए थे 2 आतंकी, 4 जवान भी शहीद 23 मार्च: आतंकियों ने एक परिवार को बंधक बनाया, लेकिन वे बच निकले 23 मार्च को हीरानगर सेक्टर में आतंकवादियों के एक ग्रुप को सुरक्षाबलों ने घेर लिया था, लेकिन वे भागने में कामयाब रहे। माना जा रहा है कि ये वही आतंकवादी हैं, जो सान्याल से निकलकर जखोले गांव के पास देखे गए। हीरानगर सेक्टर में सुरक्षाबलों ने आतंकियों के एक ग्रुप को घेर लिया था। उस दिन आतंकियों ने एक बच्ची और उसके माता-पिता को पकड़ लिया था। मौका मिलने पर तीनों आतंकियों के चंगुल से भाग निकले थे। इस दौरान बच्ची की मामूली चोटें आई थीं। उन्होंने ही आतंकियों के छिपे होने की सूचना पुलिस को दी थी। महिला ने बताया था कि सभी ने दाढ़ी बढ़ा रखी थी और वे कमांडो की वर्दी पहने हुए थे। जाखोले गांव हीरानगर सेक्टर से लगभग 30 किमी दूर है। जानकारी मिलते ही सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।

जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में एनकाउंटर, 1 आतंकी मारा गया: 4 आतंकियों का ग्रुप पिछले साल से इलाके में छिपा, दोनों तरफ से फायरिंग जारी
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जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले के बसंतगढ़ इलाके में गुरुवार सुबह से जारी एनकाउंटर में एक आतंकवादी को मार गिराया गया है। इस मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों को यह संदेह है कि इलाके में तीन और आतंकवादी छिपे हुए हैं। सेना और पुलिस का सर्च ऑपरेशन अब भी जारी है। IGP जम्मू जोन भीम सेन ने जानकारी दी कि पिछले एक साल से चार आतंकियों के इस क्षेत्र में छिपे होने की खबर थी।
एनकाउंटर की शुरुआत
गुरुवार सुबह साढ़े 8 बजे, जब सुरक्षा बलों को आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली, तब सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। जैसे ही सेना के जवान क्षेत्र में पहुंचे, आतंकियों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी। सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए एक आतंकी को ढेर कर दिया। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि आतंकवादियों ने इस क्षेत्र में अपनी जगह मजबूत की हुई है, जो पिछले साल से सक्रिय हैं।
जानकारी के अनुसार, एनकाउंटर से पहले ही मामले की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा बलों ने पूरे क्षेत्र को चारों ओर से घेर लिया था, जिससे आतंकियों के भागने की संभावना कम हो गई। आतंकियों की मौजूदगी की पुष्टि करने के लिए अतिरिक्त बल भी तैनात किए गए हैं।
मानवाधिकार और सुरक्षा बलों की चुनौतियाँ
इस एनकाउंटर के दौरान स्थानीय निवासियों की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है। सुरक्षा बलों को नागरिकों की सुरक्षा के साथ-साथ आतंकियों का सफाया करने के बीच संतुलन बनाए रखना पड़ा। एनकाउंटर वाले क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और सुरक्षा बलों को चौकसी बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
पिछले एनकाउंटर और घुसपैठ की कोशिशें
यह पहली बार नहीं है जब जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ इस तरह के सर्च ऑपरेशन चले हैं। हाल के महीनों में, सेना ने कई आतंकी घटनाओं को रोकने में सफलता हासिल की है। सप्ताह पहले ही, सुरक्षा बलों ने एक बड़ी घुसपैठ की कोशिश को भी नाकाम किया था, जिसमें कई आतंकवादी मारे गए थे।
आंकड़ों के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में कई मुठभेड़ें हुई हैं, जिनमें कई आतंकवादी मारे गए हैं। यह दर्शाता है कि सुरक्षा बल अभी भी क्षेत्र में अत्यधिक सतर्क हैं और आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
निष्कर्ष
जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में चल रहे इस एनकाउंटर से यह स्पष्ट होता है कि क्षेत्र में आतंकवाद अभी भी एक गंभीर मुद्दा है। सरकार और सुरक्षा बलों की कोशिशें जारी हैं ताकि स्थानीय निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। भविष्य में भी इस तरह के ऑपरेशनों की अपेक्षा की जा रही है जब तक कि क्षेत्र से आतंकवाद का सफाया नहीं हो जाता।
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