डीएम के अनुरोध पर एसजीआरआर एजुकेशन मिशन ने आर्थिक रूप से कमजोर छात्रा की पिछले सेशन की 50% फीस माफ की आगे की शिक्षा होगी प्रोजेक्ट नंदा सुनंदा से
दी टॉप टेन न्यूज़/ देहरादून देहरादून दिनांक 17 अगस्त 2025 विगत वर्ष से जिला प्रशासन देहरादून की कार्यशैली में भारी बदलाव देखने को मिले हैं। जहां आम जनमानस, व्यथित,बुजुर्ग, दिव्यांग,असहायों,… The post डीएम के अनुरोध पर एसजीआरआर एजुकेशन मिशन ने आर्थिक रूप से कमजोर छात्रा की पिछले सेशन की 50% फीस माफ की आगे की शिक्षा होगी प्रोजेक्ट नंदा सुनंदा से first appeared on .

डीएम के अनुरोध पर एसजीआरआर एजुकेशन मिशन ने आर्थिक रूप से कमजोर छात्रा की पिछले सेशन की 50% फीस माफ की आगे की शिक्षा होगी प्रोजेक्ट नंदा सुनंदा से
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देहरादून, 17 अगस्त 2025: विगत वर्ष से जिला प्रशासन देहरादून के कार्यशैली में आश्चर्यजनक परिवर्तन देखने को मिले हैं। यहां पर, आम जनमानस, बुजुर्ग, दिव्यांग, और असहायों की समस्याओं को सुनने के लिए एक नया मंच तैयार किया गया है। इसी दिशा में, जिलाधिकारी सविन बंसल ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसने आर्थिक रूप से कमजोर छात्रा शिवानी के लिए राहत का मार्ग प्रशस्त किया है।
डीएम का मानवीय पहल
शिवानी एकल माता की संतान है, जो अपने दो बच्चों के साथ किराए के मकान में रहती है और प्राइवेट नौकरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करती है। हाल ही में, शिवानी की मां रजनी ने डीएम सविन बंसल से गुहार लगाई कि उनकी बेटी की पढ़ाई का खर्च उठाना उनके लिए कठिन हो रहा है। रजनी ने डीएम से अनुरोध किया कि वह शिवानी की पढ़ाई की फीस में सहायता करें। इस पर, डीएम ने श्री गुरु राम राय एजुकेशन मिशन से संपर्क किया और 2024-25 सेशन के लिए शिवानी की 50% फीस माफ करने का अनुरोध किया।
एसजीआरआर एजुकेशन मिशन की पहल
डीएम के अनुरोध पर, एसजीआरआर एजुकेशन मिशन ने तुरंत उत्तर दिया और शिवानी की पिछले सेशन की 50% फीस माफ कर दी। यह निर्णय समुदाय के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन गया है, जो दिखाता है कि कैसे जिले की प्रशासनिक मशीनरी सच्चे अर्थों में नागरिकों के लिए काम कर रही है। इसके अलावा, जिलाधिकारी ने समिति को निर्देश दिया कि शिवानी की आगे की पढ़ाई का खर्च प्रोजेक्ट नंदा सुनंदा के तहत उठाए जाने की व्यवस्था की जाए।
प्रोजेक्ट नंदा सुनंदा: एक नई दिशा
प्रोजेक्ट नंदा सुनंदा न केवल आर्थिक सहायता मुहैया कराने के लिए बनाया गया है, बल्कि इसका उद्देश्य क्षेत्र में शिक्षा की गुणवत्ता को भी सुधारना है। यह पहल ऐसे बच्चों की मदद करेगी जो आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं लेकिन शिक्षा के प्रति समर्पण रखते हैं। इस प्रकार की योजनाएं सरकार के नीति निर्धारकों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं, ताकि सबको समान अवसर मिल सके।
समाज की प्रतिक्रिया
इस पहल पर समाज के विभिन्न वर्गों से सकारात्मक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हो रही हैं। लोगों का मानना है कि यह निर्णय न केवल शिवानी के लिए, बल्कि ऐसी अन्य छात्राओं के लिए भी एक मिसाल बनेगा जो आर्थिक संघर्ष कर रही हैं। स्कूलों और कॉलेजों में इस प्रकार की सहायता योजना को लागू करके, शिक्षा के क्षेत्र में और भी बदलाव लाए जा सकते हैं।
निष्कर्ष
जिला प्रशासन के इस मानवीय दृष्टिकोण से यह साबित होता है कि एक अच्छी सोच और संवेदनशीलता से बड़ी समस्याओं का हल किया जा सकता है। दान एवं सहानुभूति से भरे ऐसे प्रयास आगे चलकर शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक होंगे। प्रोजेक्ट नंदा सुनंदा और जिलाधिकारी के इस प्रयास की भारत में शिक्षा के प्रति समर्पण और भविष्य की दिशा के रूप में सराहना की जानी चाहिए।
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