दिल्ली में 36 साल पहले खरीदी गई जमीनों का हाईकोर्ट ने बढ़ाया रेट, ब्याज समेत मिलेगा मुआवजा

Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने 1989 में अधिग्रहित की गई जमीनों को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। अदालत ने उन सैकड़ों जमीन मालिकों को राहत दी है जिनकी जमीनें शहरी विकास और यमुना नदी के तटीकरण परियोजना के लिए सरकार ने अधिग्रहित कर ली थीं। हाईकोर्ट ने इन जमीन मालिकों के मुआवजे में भारी बढ़ोतरी करते हुए प्रति बीघा 89,600 रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये प्रति बीघा करने का आदेश दिया है।

Oct 6, 2025 - 18:33
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दिल्ली में 36 साल पहले खरीदी गई जमीनों का हाईकोर्ट ने बढ़ाया रेट, ब्याज समेत मिलेगा मुआवजा
दिल्ली में 36 साल पहले खरीदी गई जमीनों का हाईकोर्ट ने बढ़ाया रेट, ब्याज समेत मिलेगा मुआवजा

दिल्ली में 36 साल पहले खरीदी गई जमीनों का हाईकोर्ट ने बढ़ाया रेट, ब्याज समेत मिलेगा मुआवजा

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दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जिसमें 1989 में अधिग्रहित की गई जमीनों के मुआवजे में बड़ी वृद्धि की गई है। इस निर्णय के अंतर्गत उन सैकड़ों जमीन मालिकों को राहत मिली है, जिनकी संपत्तियाँ शहरी विकास और यमुना नदी के तटीकरण परियोजना के लिए सरकार द्वारा अधिग्रहित की गई थीं।

हाईकोर्ट का फैसला

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि मुआवजे की दर को प्रति बीघा 89,600 रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये प्रति बीघा करने का निर्णय लिया गया है। इस फैसले से न केवल उन किसानों और ज़मीन मालिकों को आर्थिक लाभ मिलेगा, बल्कि उनके वर्षों से चले आ रहे संघर्ष को भी एक नया मोड़ मिलेगा।

किसानों का संघर्ष

बीते तीन दशकों में, इन जमीन मालिकों ने कई बार सरकार से उचित मुआवजे की मांग की है। इनमें से कई लोग अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए इन जमीनों पर निर्भर थे। 1989 में जब इन ज़मीनों को अधिग्रहित किया गया था, तब उन लोगों को निर्धारित दर पर मुआवजा दिया गया था, जो अब के मुकाबले अत्यंत कम था। यह फैसला उन्हें न केवल आर्थिक सुरक्षा देगा, बल्कि न्याय की एक मिसाल भी प्रस्तुत करेगा।

सरकार का रोल

सरकार के पास यह अवसर है कि वह किसानों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझे और इस निर्णय को उचित ढंग से लागू करे। इससे यह संदेश जाएगा कि जिन लोगों की ज़मीनें अधिग्रहित की गई हैं, उनके अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए। कार्यवाही को तेज़ी से अंजाम देना बेहद आवश्यक है ताकि प्रभावित परिवार जल्द से जल्द मुआवजा प्राप्त कर सकें।

निष्कर्ष

दिल्ली हाईकोर्ट का यह निर्णय एक महत्वपूर्ण कदम है जो न केवल ज़मीन मालिकों को राहत देगा बल्कि समाज में न्याय को भी बढ़ावा देगा। इस निर्णय से प्रभावित सभी किसानों और ज़मीन मालिकों को उनकी कठिनाईयों का सही समाधान मिलेगा। बहुत सी अदालतों के निर्णयों के विपरीत, यह निर्णय कोर्ट द्वारा दिए गए यथार्थवादी और न्यायपूर्ण फैसलों का एक बेहतरीन उदाहरण है। हमारी टीम, avpganga, इस महत्वपूर्ण मामले की आगे की घटनाओं पर नजर रखेगी। अधिक अपडेट के लिए, कृपया हमारी वेबसाइट पर जाएँ: avpganga.com.

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