पर्सनल ईगो भुलाकर युवाओं के बीच पहुंचे सीएम धामी, सीबीआई जांच के मास्टरस्ट्रोक से साधे कई निशाने

रैबार डेस्क:  पेपरलीक पर उत्तराखंड के युवाओँ के आंदोलन के बीच एक ऐसी तस्वीर दिखी... The post पर्सनल ईगो भुलाकर युवाओं के बीच पहुंचे सीएम धामी, सीबीआई जांच के मास्टरस्ट्रोक से साधे कई निशाने appeared first on Uttarakhand Raibar.

Sep 30, 2025 - 00:33
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पर्सनल ईगो भुलाकर युवाओं के बीच पहुंचे सीएम धामी, सीबीआई जांच के मास्टरस्ट्रोक से साधे कई निशाने
पर्सनल ईगो भुलाकर युवाओं के बीच पहुंचे सीएम धामी, सीबीआई जांच के मास्टरस्ट्रोक से साधे कई निशाने

पर्सनल ईगो भुलाकर युवाओं के बीच पहुंचे सीएम धामी, सीबीआई जांच के मास्टरस्ट्रोक से साधे कई निशाने

रैबार डेस्क: उत्तराखंड के युवाओं के बीच चल रहे पेपरलीक के आंदोलन के बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक ऐसा कदम उठाया जिसे शायद ही किसी ने अपेक्षित किया था। उन्होंने न केवल अपनी पर्सनल ईगो को दरकिनार किया, बल्कि सीधे धरनास्थल पर पहुँचकर युवाओं के साथ संवाद स्थापित किया। यह पहला अवसर था जब कोई मुख्यमंत्री सीधे क्षेत्र में जलती हुई समस्या को लेकर युवाओं के सामने आया।

सीएम की पहल: संवाद का महत्व

सीएम धामी की उपस्थिति ने इस आंदोलन को नई दिशा दी। वे न केवल अपनी भूमिका को समझते थे, बल्कि युवाओं की परेशानियों को भी महसूस कर रहे थे। धरना दे रहे युवाओं के बीच उपस्थित होकर उन्होंने कहा कि "इस त्योहारी सीजन में इस गर्मी के बीच आंदोलन करना बहुत कठिन है"। उन्होंने यह भी कहा कि इस बातचीत को उनके कार्यालय में होना चाहिए था, लेकिन उन्होंने इसे धरनास्थल पर आकर करने का निर्णय लिया।

सीबीआई जांच का मास्टरस्ट्रोक

मुख्यमंत्री धनमी ने सीबीआई जांच का ऐलान करते हुए एक साहसिक निर्णय लिया। उन्होंने युवाओं से कहा कि यह कदम उनके सपनों को सुरक्षित करने के लिए है। "सरकारी नौकरी का महत्व हमारे समाज में बहुत ज्यादा है," उन्होंने यह बताते हुए कहा कि युवाओं का भविष्य इस पर निर्भर करता है। किन्तु इस बार सिर्फ एक शिकायत पर सीबीआई जांच का आदेश देने की उनकी घोषणा ने विरोधियों को काफी चौंका दिया।

बातचीत की दिशा में ठोस कदम

मुख्यमंत्री के इस सक्रिय कदम ने न केवल युवाओं की मांगों को स्वीकार किया, बल्कि उनके द्वारा उठाए गए कदमों ने सामाजिक और राजनीतिक संदर्भ में भी बेहद महत्वपूर्ण साबित हुए। धामी ने यह भी घोषणा की कि आंदोलन के दौरान सामने आए युवाओं पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे। यह उन सभी के लिए एक सकारात्मक संकेत था कि उनकी आवाज सुनी जा रही है और उन्हें सरकार का साथ प्राप्त है।

सीएम का युवाओं के प्रति दृष्टिकोण

काल की कठिनाइयों को भुलाते हुए, मुख्यमंत्री ने युवाओं को एक अभिभावक की तरह सुरक्षित भविष्य का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, "सरकार कभी भी युवाओं के सपनों को नुकसान नहीं पहुंचाएगी।" यह उनका संकल्प था जो दर्शाता था कि वे उनके अधिकारों और इच्छाओं के प्रति गंभीर हैं।

निष्कर्ष: एक बदलाव की पहल

सीएम धामी का यह कदम न केवल युवाओं के बीच विश्वास का स्थापित करने का कार्य कर रहा है, बल्कि यह उनके विरोधियों की राजनीति को भी ध्वस्त कर रहा है। यह स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री ने अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लिया है और अपने कार्यों के माध्यम से समर्थन का आश्वासन दिया है। उनके इस मास्टरस्ट्रोक ने साबित कर दिया है कि संवाद और विश्वास के माध्यम से ही समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।

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