बनासकांठा में दो दिनों में 16 इंच से ज्यादा बरसात:गुजरात-पाकिस्तान बॉर्डर के दर्जनों गांव डूबे, कच्छ का रेगिस्तान तालाब में हुआ तब्दील

गुजरात के बनासकांठा जिले में पिछले दो दिनों में 16 इंच से ज्यादा बरसात हो चुकी है। इतनी बारिश से वाव-थराद और सुईगाम तालुका में बाढ़ आ गई है। तीनों तालुकाओं के दर्जनों गांवों में 5 फीट तक पानी भरा हुआ है। वहीं, कच्छ का रेगिस्तान भी तालाब में तब्दील हो गया है। भारी बारिश से बनासकांठा, पाटण और कच्छ जिलों में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है। राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों सहित सड़कों पर पानी बहने से कुछ जगहों पर यातायात ठप हो गया है और कुछ जगहों पर वाहन मुश्किल से गुजर पा रहे हैं। राज्य में 8 सितंबर सुबह 6 बजे तक मौसम की 107 प्रतिशत बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने अगले 6 दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान जताया है। राज्य के कुछ इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश की भी संभावना जताई गई है। बनासकांठा जिले में आई बाढ़ की 5 तस्वीरें... बनासकांठा के सुईगाम तालुका से संपर्क कटा बनासकांठा जिले में भारी बारिश ने कई इलाकों में जनजीवन प्रभावित किया है। भाभर-सुइगाम राजमार्ग पर पानी भर जाने से पिछले 10 घंटों से यातायात पूरी तरह ठप है। इसके अलावा, वाव-थराद-सुइगाम राजमार्ग पर भी पानी भर गया है, जिससे यातायात बाधित हुआ है। सुईगाम तालुका की ग्रामीण सड़कों पर भी बारिश का पानी भरा हुआ है। इसके चलते सुईगाम तालुका का बनासकांठा जिले से संपर्क टूट गया है। कच्छ में दो दिनों से भारी बारिश कच्छ, बनासकांठा और पाटन जिलों में आज रेड अलर्ट जारी किया गया है। इन इलाकों में 10 से 15 इंच तक की अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा, मेहसाणा, साबरकांठा, द्वारका, जामनगर, महिसागर और मोरबी में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जबकि पोरबंदर, जूनागढ़, राजकोट, मेहसाणा और साबरकांठा में येलो अलर्ट और सामान्य बारिश का अनुमान है। रेड अलर्ट के बीच कच्छ जिले में दो दिनों से भारी बारिश हो रही है। अकेले रापर तालुका में दो दिनों में 10 इंच से अधिक बारिश हुई है। रापर के अलावा, अन्य तालुकाओं में भी भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया। कच्छ के धोरडा के सफेद रेगिस्तान में भी समुद्र जैसा दृश्य दिखाई दे रहा है।

Sep 9, 2025 - 18:33
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बनासकांठा में दो दिनों में 16 इंच से ज्यादा बरसात:गुजरात-पाकिस्तान बॉर्डर के दर्जनों गांव डूबे, कच्छ का रेगिस्तान तालाब में हुआ तब्दील
बनासकांठा में दो दिनों में 16 इंच से ज्यादा बरसात:गुजरात-पाकिस्तान बॉर्डर के दर्जनों गांव डूबे, कच�

बनासकांठा में दो दिनों में 16 इंच से ज्यादा बरसात: गुजरात-पाकिस्तान बॉर्डर के दर्जनों गांव डूबे, कच्छ का रेगिस्तान तालाब में हुआ तब्दील

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गुजरात के बनासकांठा जिले में पिछले दो दिनों में 16 इंच से ज्यादा की तीव्र बारिश हुई है, जिससे वाव, थराद और सुईगाम तालुकों के दर्जनों गांव डूब गए हैं। इस बारिश ने न केवल जल स्तर को बढ़ाया है, बल्कि कच्छ जिले के रेगिस्तान को भी तालाब में तब्दील कर दिया है। इस गंभीर स्थिति के परिणामस्वरूप अनेक गांवों में 5 फीट तक पानी भर गया है, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है। यह अत्यधिक बारिश केवल बनासकांठा और कच्छ में ही नहीं, बल्कि पाटन जिले में भी जलभराव की स्थिति पैदा कर रही है।

बाढ़ की स्थिति और यातायात पर प्रभाव

बनासकांठा जिले में भारी बारिश ने न केवल जनजीवन को प्रभावित किया है, बल्कि यातायात में भी बाधाएँ उत्पन्न की हैं। भाभर-सुइगाम राजमार्ग पर जलभराव के कारण पिछले 10 घंटों से यातायात पूरी तरह से ठप है। वहीं, वाव-थराद-सुइगाम राजमार्ग पर भी परेशानी बढ़ी है। इस स्थिति से स्थानीय निवासियों को खासी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, खासकर खाद्य आपूर्ति और जरूरी सामानों की उपलब्धता में।

मौसम की भविष्यवाणी

मौसम विभाग ने 8 सितंबर को सुबह 6 बजे तक बारिश का स्तर 107 प्रतिशत दर्ज किया है और अगले छह दिनों के लिए हल्की से मध्यम बारिश का पूर्वानुमान जताया है। विभाग ने यह भी चेताया है कि कुछ इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना बनी हुई है। रेड अलर्ट की स्थिति ने कच्छ, बनासकांठा और पाटन में स्थानीय प्रशासन और आपात सेवाओं की तैयारियों को बढ़ा दिया है।

कच्छ का रेगिस्तान—एक नया दृश्य

कच्छ जिले में भारी बारिश के कारण धोरडा में सफेद रेगिस्तान का दृश्य समुद्र की तरह नजर आ रहा है। पिछले दो दिनों में रापर तालुका में 10 इंच से अधिक बारिश हुई है। इस अप्रत्याशित बारिश से क्षेत्र के पर्यावरण और जनसंख्या पर दुष्प्रभाव भी पड़े हैं। लोग अपने जान-माल की रक्षा हेतु अपने घरों से पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं।

छवि गैलरी

बनासकांठा में बाढ़ की स्थिति की कुछ झलकियाँ, जो हालात की गंभीरता को दर्शाती हैं:

  • ग्रामीण इलाकों में 5 फीट तक पानी भरा हुआ।
  • सुईगाम तालुका से संपर्क टूटना।
  • भाभर और सुइगाम राजमार्ग पर जलभराव।

निष्कर्ष

गुजरात का बनासकांठा और कच्छ क्षेत्र अत्यधिक बारिश से जूझ रहा है, जिसने न केवल दर्जनों गांवों को प्रभावित किया है, बल्कि स्थानीय जनजीवन और अर्थव्यवस्था को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। आने वाले दिनों में मौसम की स्थिति पर नजर रखना महत्वपूर्ण होगा। सभी स्थानीय निवासियों से अनुरोध है कि वे अपनी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें और जरूरी उपायों को अपनाएं।

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