भिक्षावृति एवं बाल मजदूरी उन्मूलन अभियान के तहत रविवार को ऋषिकेश से आठ बच्चे रेस्क्यू

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Jul 7, 2025 - 18:33
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भिक्षावृति एवं बाल मजदूरी उन्मूलन अभियान के तहत रविवार को ऋषिकेश से आठ बच्चे रेस्क्यू
भिक्षावृति एवं बाल मजदूरी उन्मूलन अभियान के तहत रविवार को ऋषिकेश से आठ बच्चे रेस्क्यू

भिक्षावृति एवं बाल मजदूरी उन्मूलन अभियान के तहत रविवार को ऋषिकेश से आठ बच्चे रेस्क्यू

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दी टॉप टेन न्यूज़/ देहरादून देहरादून दिनांक 07 जुलाई 2025 : जिला प्रशासन की रेस्क्यू टीम द्वारा 6 जुलाई को ऋषिकेश से आठ बच्चे रेस्क्यू किए गए हैं। यह कदम भिक्षावृति और बाल मजदूरी के उन्मूलन हेतु चले रहे अभियान का हिस्सा है। ये सभी बच्चे विभिन्न स्थानों से रेस्क्यू किए गए हैं, जिनकी उम्र 6 से 14 साल के बीच है।

रविवार की रेस्क्यू प्रक्रिया की सफलता

रविवार को आयोजित इस अभियान का मुख्य उद्देश्य बच्चों को उनके कठिन जीवन से मुक्त कर उन्हें शिक्षा प्रदान करना है। जिलाधिकारी सविन बंसल के दिशा-निर्देशों में जिला प्रशासन की भिक्षावृति उन्मूलन टीम ने यह रेस्क्यू अभियान शुरू किया। पहले की रिपोर्टों के मुताबिक, ऋषिकेश में अक्टूबर 2024 से जून 2025 तक 12 बच्चों को बाल श्रम के तहत और 17 बच्चों को भिक्षावृत्ति में रेस्क्यू किया गया था।

रेस्क्यू के बाद बच्चों के लिए प्लान

जिला प्रशासन ने रेस्क्यू किए गए बच्चों के लिए माइक्रो प्लान तैयार किया है, ताकि उन्हें बेहतर शिक्षा और मानसिक सहायता मिल सके। रेस्क्यू टीम ने बच्चों को साधु राम इंटर कॉलेज में स्थापित आधुनिक इंटेंसिव केयर सेंटर में भेजा है। यहां बच्चों के मानसिक विकास के लिए विशेषज्ञों द्वारा कार्य किए जा रहे हैं।

भिक्षावृत्ति और बाल श्रम पर ध्यान केंद्रित

यह अभियान न केवल बच्चों को रेस्क्यू करने पर केंद्रित है, बल्कि उनके मन में सकारात्मक बदलाव लाने का भी प्रयास कर रहा है। स्कूल में दाखिले के बाद, 19 बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा गया है, जिसमें कंप्यूटर, संगीत, योगा, और खेल शामिल हैं। इस केंद्र में बच्चों को एक्टिविटी बेस्ट लर्निंग का भी अवसर मिल रहा है।

समुदाय की भूमिका

इस कार्यक्रम में स्थानीय समुदाय की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। स्थानीय निवासियों को जागरूक किया जा रहा है कि वे इन बच्चों की सहायता करें, ताकि वे भिक्षावृति और बाल श्रम के जाल से बाहर निकल सकें। जिला प्रशासन की सफलता इस बात में है कि अब तक 231 से अधिक बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्त कर मुख्यधारा में लाया गया है।

निष्कर्ष

भिक्षावृति और बाल मजदूरी उन्मूलन अभियान न केवल बच्चों की जीवन स्तर को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहा है, बल्कि उन्हें स्वतंत्रता और शिक्षा का अधिकार भी दिला रहा है। ये कदम समाज के भविष्य के लिए आवश्यक हैं, ताकि हर बच्चा एक सुरक्षित और उज्ज्वल भविष्य का सपना देख सके।

यह अभियान हम सभी के लिए एक उदाहरण है कि कैसे एक संगठित प्रयास से हम समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। विवरण के लिए और अधिक अपडेट्स के लिए, यहां क्लिक करें.

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