मतदान के 48 घंटे पूर्व समाप्त हो जायेगा चुनाव प्रचार सार्वजनिक सभा
दी टॉप टेन न्यूज़/ देहरादून देहरादून दिनांक 22 जुलाई 2025, जिलाधिकारी/ जिला निर्वाचन अधिकारी सविन बंसल ने अवगत कराया है कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा दिये गये निर्देशों के… The post मतदान के 48 घंटे पूर्व समाप्त हो जायेगा चुनाव प्रचार सार्वजनिक सभा first appeared on .

मतदान के 48 घंटे पूर्व समाप्त हो जायेगा चुनाव प्रचार सार्वजनिक सभा
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दी टॉप टेन न्यूज़/ देहरादून
देहरादून दिनांक 22 जुलाई 2025, जिलाधिकारी/ जिला निर्वाचन अधिकारी सविन बंसल ने अवगत कराया है कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में त्रिस्तरीय पंचायतों के सामान्य निर्वाचन-2025 में किसी भी प्रत्याशी के पक्ष में किसी प्रकार को चुनाव प्रचार एवं सार्वजनिक सभा का आयोजन मतदान समाप्ति से 48 घंटे पूर्व तक ही किया जा सकता है।
क्या हैं चुनाव आयोग के निर्देश?
निर्वाचन आयोग के ताजा निर्देशों के अनुसार, 24.07.2025 को होने वाले मतदान के लिए चुनाव प्रचार और सार्वजनिक सभाएँ 22.07.2025 की शाम 5:00 बजे तक ही संपन्न होनी चाहिए। इसी प्रकार, 28.07.2025 को प्रस्तावित मतदान के लिए प्रचार, प्रचारक द्वारा 26.07.2025 की शाम 5:00 बजे तक ही किया जा सकता है। इस समय सीमा के बाद चुनाव प्रचार में शामिल होने वाले किसी भी व्यक्ति को संबंधित त्रिस्तरीय पंचायत क्षेत्र छोड़ देना होगा।
इन निर्देशों का उद्देश्य क्या है?
इन कदमों का मुख्य उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना है। जब चुनाव प्रचार की अवधि सीमित कर दी जाती है, तो यह संभावित आचार संहिता का उल्लंघन करने से रोकता है। इससे मतदाता अपने निर्णय को उचित रूप से विचार कर पाते हैं। इसके साथ ही, स्थानीय प्रशासन को भी समय पर चुनाव संबंधी कार्यों को पूरा करने के लिए समय मिलता है।
स्थानीय मतदाताओं की प्रतिक्रियाएँ
स्थानीय मतदाता इस निर्देश का स्वागत कर रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि इससे चुनावी प्रक्रिया अधिक व्यवस्थित होगी। रामू, एक स्थानीय निवासी, का कहना है, "इससे हम सभी को विचार करने का समय मिलेगा। चुनाव प्रचार का ज्यादा समय एक सुनियोजित ढंग से होने से हानि होती है।"
क्या हैं आगे की संभावनाएँ?
चुनाव प्रक्रिया के इस महत्वपूर्ण चरण के बाद, सभी की नजरें मतगणना पर रहेंगी, जो कि चुनावों के निष्कर्ष को निश्चित करेगी। यदि यह प्रक्रिया सफल रहती है, तो अन्य राज्यों में भी ऐसे नियम लागू किए जा सकते हैं ताकि चुनाव अधिक निष्पक्ष हो।
निष्कर्ष
संक्षेप में, निर्वाचन आयोग के नए निर्देश चुनावों के पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह कदम स्थानीय समुदायों के स्वशासी अधिकार को सशक्त बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है। अधिक जानकारी के लिए, कृपया हमारी वेबसाइट पर जाएं https://avpganga.com.
लेखिका: सुषमा शर्मा, कविता रॉय, एवं टीम avpganga
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