मोक्ष दिलाने वाला कुंड, देवताओं की पूजा और 80 फीट ऊंचा मंदिर, जानिए केदारनाथ ज्योतिर्लिंग की अनसुनी कथा

Kedarnath Temple: महादेव का एक ऐसा ज्योतिर्लिंग जो हिमालय पर्वत की गोद में स्थित है, इसके साथ ही यह स्थान चार धाम और पंच केदार में से भी एक है। जहां बाबा केदार विराजते हैं, उस क्षेत्र का ऐतिहासिक नाम “केदार खंड” है। इस 80 फीट ऊंचे मंदिर के निर्माण के बारे में मान्यता है कि इसे महाभारत काल के बाद पाण्डवों ने बनवाया था।

Jul 6, 2025 - 09:33
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मोक्ष दिलाने वाला कुंड, देवताओं की पूजा और 80 फीट ऊंचा मंदिर, जानिए केदारनाथ ज्योतिर्लिंग की अनसुनी कथा
मोक्ष दिलाने वाला कुंड, देवताओं की पूजा और 80 फीट ऊंचा मंदिर, जानिए केदारनाथ ज्योतिर्लिंग की अनसुन�

मोक्ष दिलाने वाला कुंड, देवताओं की पूजा और 80 फीट ऊंचा मंदिर, जानिए केदारनाथ ज्योतिर्लिंग की अनसुनी कथा

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केदारनाथ मंदिर: महादेव का एक ऐसा ज्योतिर्लिंग जो हिमालय पर्वत की गोद में स्थित है, इसके साथ ही यह स्थान चार धाम और पंच केदार में से भी एक है। जहां बाबा केदार विराजते हैं, उस क्षेत्र का ऐतिहासिक नाम “केदार खंड” है। इस 80 फीट ऊंचे मंदिर के निर्माण के बारे में मान्यता है कि इसे महाभारत काल के बाद पाण्डवों ने बनवाया था।

केदारनाथ का धार्मिक महत्त्व

केदारनाथ मंदिर भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित है, जो अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्त्व के लिए जाना जाता है। यह मंदिर समुद्र तल से लगभग 3583 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और यह प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक है। हर साल लाखों भक्त यहां भगवान शिव की पूजा करने के लिए आते हैं, और यह जगह मोक्ष के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल मानी जाती है। कहा जाता है कि यहां स्नान करने से मनुष्य का आत्मा परमात्मा में विलीन हो जाती है, जिससे मोक्ष प्राप्त होता है।

इतिहास और पौराणिक कथा

केदारनाथ मंदिर का इतिहास बहुत प्राचीन है। मान्यता के अनुसार, इसे पाण्डवों ने महाभारत के युद्ध के बाद बनवाया था। यह स्थल उनके लिए अत्यंत श्रद्धेय था, क्योंकि उन्होंने यहां भगवान शिव से मोक्ष की प्राप्ति की थी। पौराणिक कथा में यह भी कहा गया है कि भगवान शिव ने एक बार पाण्डवों को द्रवीकरण के समय अपना वास्तविक स्वरूप दिखाया था। इस अद्भुत स्थल की धार्मिक महत्ता को देखते हुए, यह स्थान भारतीय संस्कृति और इतिहास का महत्वपूर्ण अंश बन गया है।

मंदिर की संरचना और विशेषताएं

केदारनाथ मंदिर की ऊंचाई लगभग 80 फीट है, और इसकी भव्यता देखने लायक है। मंदिर का निर्माण पत्थरों से किया गया है, जो इसकी मजबूती को दर्शाता है। यहां की आंतरिक सजावट भी शानदार है, जिसमें भगवान शिव की भव्य मूर्ति मुख्य आकर्षण है। मंदिर में हर साल हजारों भक्त आते हैं, और विशेष अवसरों पर यहां भव्य मेला लगता है, जो भक्तों के श्रद्धा को दर्शाता है।

कुंड और उसके आस-पास के स्थल

केदारनाथ के आस-पास कई कुंड हैं, जिनमें से हर कुंड के साथ एक अलग पौराणिक कथा जुड़ी हुई है। इन कुंडों का धार्मिक महत्त्व है और इन्हें भी मोक्ष के लिए आस्था का स्थान माना जाता है। यहां स्नान करने से पवित्रता की प्राप्ति होती है, जिससे भक्तों की आस्था और भी गहरी हो जाती है।

समापन

केदारनाथ का मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और विरासत का अद्भुत उदाहरण है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता, पौराणिकता, और भक्ति की भावना हर किसी को आकर्षित करती है। यहां आकर न केवल मोक्ष की प्राप्ति होती है, बल्कि यह एक अनोखा अनुभव भी प्रदान करता है। अगर आप भी जन्नत की इस धरती पर आना चाहते हैं, तो आगे की जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर अवश्य जाएं।

Written by: टीम avpganga

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