हरिद्वार में सर्व पितृ अमावस्या पर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब, दिखी गंगा घाटों पर भीड़
Uttarakhand News: 15 दिनों तक चलने वाले पितृ पक्ष का आज (21 सितंबर, रविवार) अंतिम दिन है। सर्व पितृ अमावस्या पर अपने पूर्वजों की मोक्ष और शांति की कामना करते हुए देशभर से आए श्रद्धालुओं की हरिद्वार और कोलकाता समेत अन्य धार्मिक स्थलों भीड़ दिखाई दी।

हरिद्वार में सर्व पितृ अमावस्या पर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब, दिखी गंगा घाटों पर भीड़
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उत्तarakhand News: देशभर के श्रद्धालुओं ने हरिद्वार में सर्व पितृ अमावस्या के अवसर पर अपने पूर्वजों की मोक्ष और शांति की कामना में गंगा घाटों का दौरा किया। 15 दिनों तक चलने वाले पितृ पक्ष का आज (21 सितंबर, रविवार) अंतिम दिन है, और इस मौके पर हरिद्वार की पवित्रता और श्रद्धा का सैलाब देखा गया।
अपूर्व श्रद्धा का संचार
हरिद्वार में आज श्रद्धालुओं की अपार भीड़ देखी गई। लोग विभिन्न स्थानों से आकर गंगा नदी में आस्था के साथ स्नान कर रहे थे और अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा अर्पित कर रहे थे। यह पर्व केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह अपने परिवार और पूर्वजों के साथ संबंधों को जोड़ने का भी एक अवसर है।
गंगा घाटों पर उमड़ी भीड़
सर्व पितृ अमावस्या के दिन हरिद्वार के गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी भारी थी कि लगता था मानो पूरा शहर ही श्रद्धा में डूबा हुआ है। लोग अपने परिवार के सामूहिक स्नान के साथ-साथ अपने पुरखों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण कर रहे थे। इस दिन को लेकर लोगों में विशेष उत्साह था, क्योंकि यह मान्यता है कि इस दिन पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने से उनकी आत्माएं शांति प्राप्त करती हैं।
अन्य धार्मिक स्थलों पर भी रौनक
हरिद्वार के अलावा, कोलकाता जैसे अन्य धार्मिक स्थलों पर भी इसी तरह की भीड़ देखी गई। यहाँ भी पितृ पक्ष के दौरान श्रद्धालुओं ने मंदिरों का दौरा कर अपने पूर्वजों को याद किया। यह एक सांस्कृतिक और धार्मिक परंपरा है जिसका पालन हर साल किया जाता है, जिससे श्रद्धालुओं के मन में गहरी श्रद्धा का भाव पैदा होता है।
COVID-19 के बाद की वापसी
इस वर्ष सर्व पितृ अमावस्या का महोत्सव एक विशेष महत्वपूर्णता रखता है, क्योंकि कोरोना महामारी के प्रभाव के बाद यह पहला मौका है जब श्रद्धालुओं की इतनी बड़ी संख्या एकत्रित हुई है। लोग उत्साहित हैं कि उन्होंने लंबे समय के बाद अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन किया।
अंत में एक संदेश
सर्व पितृ अमावस्या केवल एक दिन का पर्व नहीं है, बल्कि यह हमारे पूर्वजों की याद और उनके प्रति हमारी श्रद्धा का एक जरिया है। यह अवसर हमें यह भी याद दिलाता है कि हमें अपने परिवार और पूर्वजों की विरासत को संजोए रखना चाहिए। हरिद्वार की पवित्रता और गंगा की धाराओं में श्रद्धा का यह सैलाब आज हमारे सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को भी जगाता है।
लेखिका : सपना शर्मा, नेहा वर्मा, सौम्या सिंह
टीम avpganga
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