अधिकारी बोले-श्रीनगर थाने में ब्लास्ट तेज रोशनी के कारण हुआ:ये आतंकी हमला नहीं; घटना में 9 लोगों की मौत हुई थी

श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में 14 नवंबर को सैंपलिंग के दौरान हुए ब्लास्ट को फॉरेंसिक टीम ने एक दुर्घटना बताया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह आतंकी हमला नहीं था। फॉरेंसिक टीम की शुरुआती जांच में सामने आया है कि FSL और NSG की टीम हरियाणा के फरीदाबाद से जब्त विस्फोटक सामग्री अमोनियम नाइट्रेट और अन्य केमिकल्स के लास्ट बॉक्स से सैंपल की जांच कर रही थीं, तभी बहुत ज्यादा रोशनी होने के कारण बाहर गर्मी बढ़ी और धमाका हो गया। दरअसल श्रीनगर के नौगाम थाने में दिल्ली ब्लास्ट मामले में फरीदाबाद से जब्त लगभग 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम नाइट्रेट, सल्फर और अन्य केमिकल्स की जांच चल रही थी। तभी 14 नवंबर की रात करीब 11:20 बजे थाने में ब्लास्ट हो गया, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई और 32 लोग घायल हुए हैं। इनका 92 आर्मी बेस और SKIMS सौरा हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। पुलिस ने आतंकी हमले की अटकलों को खारिज किया जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी नलिन प्रभात और संयुक्त सचिव (कश्मीर) प्रशांत लोखंडे ने संयुक्त बयान में कहा कि जब्त केमिकल बहुत खतरनाक और संवेदनशील थे, इसलिए टीम ज्यादा सावधानी से काम कर रही थी। इसके बावजूद धमाका हो गया। उन्होंने आतंकी हमले की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि जांच में किसी बाहरी हस्तक्षेप के सबूत नहीं मिले हैं। घटना में मारे गए 9 लोगों में से एक इंस्पेक्टर, 3 फोरेंसिक टीम मेंबर, 2 क्राइम ब्रांच फोटोग्राफर, 2 राजस्व अधिकारी और एक दर्जी शामिल हैं। विस्फोटक फरीदाबाद से टाटा-407 गाड़ी में नौगाम लाए गए थे जम्मू कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि विस्फोटकों को 9-10 नवंबर को फरीदाबाद से गिरफ्तार डॉ. मुजम्मिल गनई के किराए के घर से जब्त किया गया था। उसे बाद में पूरे प्रोटोकॉल का पालन करते हुए छोटे-छोटे बैगों में एक टाटा 407 वाहन में कश्मीर पहुंचाया गया। गनई को दिल्ली ब्लास्ट केस में पहले ही अरेस्ट किया जा चुका है। 10 नवंबर को दिल्ली में लाल किला के पास कार ब्लास्ट में 13 लोगों की मौत हो गई थी। विस्फोटकों को नौगाम ले जाने के कारण के बारे में अधिकारी ने कहा कि चूंकि 19-20 अक्टूबर को नौगाम पुलिस स्टेशन में केस दर्ज हुआ था। इसलिए फरीदाबाद से बरामद विस्फोटक उस केस प्रॉपर्टी से जुड़ा था। लिहाजा उसे जब्त कर थाने लाया गया था। शुक्रवार रात जब इसमें धमाका हुआ, तब उस समय एक्सपर्ट उसकी सैंपलिंग करते हुए जांच कर रहे थे। ------------------------------ घटना से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... 300-600 मीटर दूर गिरे बॉडी पार्ट्स, लोग बोले- हमने खोपड़ी गिरते देखी; विस्फोटक में बिना डेटोनेटर के धमाका बना सस्पेंस पुलिस ने पहले हमारे रिश्तेदार टेलर मोहम्मद शफी को सुबह बुलाया था। फिर शाम को भी बुलाया था। पुलिस के बुलाने पर वो चले गए थे। रात में हमने जोरदार धमाके की आवाज सुनी। हमें नहीं पता था कि वो उसी थाने में अंदर थे। हम लोग घायलों की मदद करने लगे थे। हमें पुलिस स्टेशन से 300 से 600 मीटर दूर तक बॉडी पार्ट्स मिले। पूरी खबर पढ़ें...

Nov 16, 2025 - 18:33
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अधिकारी बोले-श्रीनगर थाने में ब्लास्ट तेज रोशनी के कारण हुआ:ये आतंकी हमला नहीं; घटना में 9 लोगों की मौत हुई थी
श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में 14 नवंबर को सैंपलिंग के दौरान हुए ब्लास्ट को फॉरेंसिक टीम ने एक दुर्घटना बताया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह आतंकी हमला नहीं था। फॉरेंसिक टीम की शुरुआती जांच में सामने आया है कि FSL और NSG की टीम हरियाणा के फरीदाबाद से जब्त विस्फोटक सामग्री अमोनियम नाइट्रेट और अन्य केमिकल्स के लास्ट बॉक्स से सैंपल की जांच कर रही थीं, तभी बहुत ज्यादा रोशनी होने के कारण बाहर गर्मी बढ़ी और धमाका हो गया। दरअसल श्रीनगर के नौगाम थाने में दिल्ली ब्लास्ट मामले में फरीदाबाद से जब्त लगभग 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम नाइट्रेट, सल्फर और अन्य केमिकल्स की जांच चल रही थी। तभी 14 नवंबर की रात करीब 11:20 बजे थाने में ब्लास्ट हो गया, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई और 32 लोग घायल हुए हैं। इनका 92 आर्मी बेस और SKIMS सौरा हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। पुलिस ने आतंकी हमले की अटकलों को खारिज किया जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी नलिन प्रभात और संयुक्त सचिव (कश्मीर) प्रशांत लोखंडे ने संयुक्त बयान में कहा कि जब्त केमिकल बहुत खतरनाक और संवेदनशील थे, इसलिए टीम ज्यादा सावधानी से काम कर रही थी। इसके बावजूद धमाका हो गया। उन्होंने आतंकी हमले की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि जांच में किसी बाहरी हस्तक्षेप के सबूत नहीं मिले हैं। घटना में मारे गए 9 लोगों में से एक इंस्पेक्टर, 3 फोरेंसिक टीम मेंबर, 2 क्राइम ब्रांच फोटोग्राफर, 2 राजस्व अधिकारी और एक दर्जी शामिल हैं। विस्फोटक फरीदाबाद से टाटा-407 गाड़ी में नौगाम लाए गए थे जम्मू कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि विस्फोटकों को 9-10 नवंबर को फरीदाबाद से गिरफ्तार डॉ. मुजम्मिल गनई के किराए के घर से जब्त किया गया था। उसे बाद में पूरे प्रोटोकॉल का पालन करते हुए छोटे-छोटे बैगों में एक टाटा 407 वाहन में कश्मीर पहुंचाया गया। गनई को दिल्ली ब्लास्ट केस में पहले ही अरेस्ट किया जा चुका है। 10 नवंबर को दिल्ली में लाल किला के पास कार ब्लास्ट में 13 लोगों की मौत हो गई थी। विस्फोटकों को नौगाम ले जाने के कारण के बारे में अधिकारी ने कहा कि चूंकि 19-20 अक्टूबर को नौगाम पुलिस स्टेशन में केस दर्ज हुआ था। इसलिए फरीदाबाद से बरामद विस्फोटक उस केस प्रॉपर्टी से जुड़ा था। लिहाजा उसे जब्त कर थाने लाया गया था। शुक्रवार रात जब इसमें धमाका हुआ, तब उस समय एक्सपर्ट उसकी सैंपलिंग करते हुए जांच कर रहे थे। ------------------------------ घटना से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... 300-600 मीटर दूर गिरे बॉडी पार्ट्स, लोग बोले- हमने खोपड़ी गिरते देखी; विस्फोटक में बिना डेटोनेटर के धमाका बना सस्पेंस पुलिस ने पहले हमारे रिश्तेदार टेलर मोहम्मद शफी को सुबह बुलाया था। फिर शाम को भी बुलाया था। पुलिस के बुलाने पर वो चले गए थे। रात में हमने जोरदार धमाके की आवाज सुनी। हमें नहीं पता था कि वो उसी थाने में अंदर थे। हम लोग घायलों की मदद करने लगे थे। हमें पुलिस स्टेशन से 300 से 600 मीटर दूर तक बॉडी पार्ट्स मिले। पूरी खबर पढ़ें...

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