दिल्ली में फिर चढ़ेगा सियासी पारा, मानसून सत्र में BJP सरकार के खिलाफ ‘हल्ला बोल’ की तैयारी, जानिए गणित

Delhi Monsoon Session: दिल्ली में एक बार फिर सियासत में उबाल देखने को मिल रहा है। हालांकि रेखा सरकार अपने बचाव के साथ ही विपक्ष के मुद्दों पर पैनी नजर बनाए हुए है। इसके चलते दिल्ली में काफी समय से विपक्ष के लिए मुद्दा बने बुलडोजर कार्रवाई पर रेखा सरकार ने विराम लगाने का आदेश दे दिया है। इसके साथ ही झुग्गी बस्ती वाले लोगों को भी आश्वासन दिया कि जब तक हर झुग्गी बस्ती निवासी को मकान नहीं मिल जाता, तब तक झुग्गियां तोड़ी नहीं जाएंगी। इसके लिए रेखा सरकार ने शनिवार को दिल्ली में खाली पड़े 50 हजार फ्लैटों को भी ठीक करवाकर बांटने का ऐलान किया है। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी ने इसे सिर्फ जुमला बताया। इसके साथ ही दिल्ली के स्कूलों में फीस बढ़ोतरी को लेकर लाए गए रेखा सरकार के अधिनियम पर सवाल उठा दिए।

Aug 2, 2025 - 18:33
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दिल्ली में फिर चढ़ेगा सियासी पारा, मानसून सत्र में BJP सरकार के खिलाफ ‘हल्ला बोल’ की तैयारी, जानिए गणित
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दिल्ली में फिर चढ़ेगा सियासी पारा, मानसून सत्र में BJP सरकार के खिलाफ ‘हल्ला बोल’ की तैयारी, जानिए गणित

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दिल्ली में एक बार फिर सियासत में उबाल देखने को मिल रहा है। ये सब कुछ आगामी मानसून सत्र के दौरान हो रहा है, जहाँ भाजपा सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों ने 'हल्ला बोल' की तैयारी की है। इस बार के सत्र में मुख्य मुद्दा बनेगा बुलडोजर कार्रवाई और स्कूलों में फीस वृद्धि। आइए, जानते हैं इस राजनीतिक गणित के पीछे की कहानी।

रेखा सरकार की तैयारी और विपक्ष की योजना

हालाँकि रेखा सरकार अपने बचाव के साथ ही विपक्ष के मुद्दों पर पैनी नजर बनाए हुए है। हाल ही में रेखा सरकार ने सबसे ज्यादा विवादास्पद मुद्दा, जो झुग्गी बस्ती वाले लोगों का है, उसके लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। सरकार ने घोषणा की है कि जब तक हर झुग्गी बस्ती निवासी को आश्रय नहीं मिल जाता तब तक झुग्गियां नहीं तोड़ी जाएंगी।

उदाहरण के लिए, रेखा सरकार ने शनिवार को दिल्ली में खाली पड़े 50,000 फ्लैटों को ठीक करके बांटने का ऐलान किया है। यह कदम उन झुग्गी बस्तियों के निवासियों के लिए राहत का स्रोत बन सकता है जो लंबे समय से मकान की तलाश में हैं। हालांकि, आम आदमी पार्टी ने इसे केवल एक जुमला बताया है, यह कहकर कि यह केवल चुनावी चालाकी है।

आम आदमी पार्टी का विरोध

आम आदमी पार्टी (AAP) ने रेखा सरकार की इन घोषणाओं को चुनौती दी है। पार्टी ने बताया है कि भाजपा सत्ताधारी सरकार केवल दिखावे की राजनीति कर रही है। न केवल यह, बल्कि दिल्ली के स्कूलों में फीस बढ़ोतरी को लेकर लाए गए अधिनियम पर भी सवाल उठा दिए गए हैं। AAP ने यह आरोप लगाया है कि यह कदम गरीब परिवारों की शिक्षा का अधिकार छीनने का प्रयास है।

विपक्ष की मजबूती और चुनावी गणित

इस सत्र में विपक्ष की ताकत और उसके मुद्दों की धार को देखते हुए भाजपा को सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी। AAP और अन्य विपक्षी दल इस बात को जानते हैं कि चुनाव नजदीक हैं, इसलिए उन्हें जनता के मुद्दों को उठाना होगा ताकि अपनी स्थिति को मजबूत किया जा सके।

निष्कर्ष

दिल्ली का ये मानसून सत्र सियासी टकराव की नई मिसाल पेश कर सकता है। रेखा सरकार के लिए यह एक अवसर है कि वे अपनी योजनाओं को लागू करके जनता के बीच अपनी छवि को सुधारें, वहीं विपक्ष के लिए यह एक मौका है कि वह अपनी आवाज़ उठा सके और जनता के मुद्दों को सही तरीके से पेश करे।

इसलिए, अगली बार जब भी आप दिल्ली की सियासत की चर्चा करें, याद रखें कि यह केवल एक सत्र नहीं, बल्कि राजनीतिक गणित का खेल है जिसमें सभी पार्टियों की मुस्तैदी शामिल है।

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