देहरादून में बादल फटने से हाहाकार, दुकानें, होटल और पुल बहा, दो लोग लापता
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सहस्त्रधारा में कल रात भारी बारिश के दौरान बादल फटने की घटना ने पूरे इलाके में हाहाकार मचा दिया। करलीगाड़ नदी उफान पर आ गई, जिसके चलते तेज बहाव ने कई दुकानें, होटल और एक पुल को बहा दिया। स्थानीय बाजार में बनी करीब आठ दुकानें पूरी तरह ध्वस्त हो गईं, जबकि टपकेश्वर महादेव मंदिर भी पानी में डूब गया। प्रशासन के अनुसार, दो लोग लापता बताए जा रहे हैं, और रातभर चले बचाव अभियान में 100 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानांतरित किया गया।

देहरादून में बादल फटने से हाहाकार, दुकानें, होटल और पुल बहा, दो लोग लापता
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उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सहस्त्रधारा में कल रात भारी बारिश के दौरान बादल फटने की घटना ने पूरे इलाके में हाहाकार मचा दिया। करलीगाड़ नदी उफान पर आ गई, जिसके चलते तेज बहाव ने कई दुकानें, होटल और एक पुल को बहा दिया। स्थानीय बाजार में बनी करीब आठ दुकानें पूरी तरह ध्वस्त हो गईं, जबकि टपकेश्वर महादेव मंदिर भी पानी में डूब गया। प्रशासन के अनुसार, दो लोग लापता बताए जा रहे हैं, और रातभर चले बचाव अभियान में 100 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानांतरित किया गया।
घटनास्थल का नज़ारा
घटनास्थल पर हालात बेहद चिंताजनक हैं। भारी बारिश के कारण सहस्त्रधारा और आसपास के क्षेत्रों में जलभराव हो गया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि बादल फटने के बाद एक साथ कई दुकानों में पानी भरने लगा, जिससे सभी सामान बह गए। सहस्त्रधारा का यह दृश्य न केवल स्थानीय व्यापारियों के लिए, बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक बड़ा झटका है। प्रशासन द्वारा तुरंत बचाव कार्य शुरू किया गया और इलाके में राहत सामग्री भेजी गई।
प्रशासन की सक्रियता
सरकारी अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और कहा कि लापता लोगों की खोजबीन हेतु प्रयास जारी हैं। क्षेत्रीय अधिकारियों ने बताया कि रात भर चलाए गए अभियान में 100 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानांतरित किया गया है। "हमारी प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा है और प्रशासन संकट से निपटने के लिए पूरी कोशिश कर रहा है," एक स्थानीय प्रशासक ने कहा।
स्थानीय व्यापारियों का हाल
स्थानीय व्यवसायियों में हाहाकार है, क्योंकि उनकी दुकानें और होटल बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। कई व्यापारियों ने कहा कि इस नुकसान की भरपाई उनके लिए कठिन होगी। "हम इस बाढ़ से बचने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन यह सब कुछ एक पल में बर्बाद हो गया," एक स्थानीय व्यापारी ने कहा।
भविष्य की तैयारी
इस त्रासदी ने एक बार फिर उत्तराखंड में बाढ़ प्रबंधन के मुद्दों को सामने ला दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को ऐसे मौसम की स्थितियों के लिए पहले से तैयार रहना होगा। "अगले सालों में मौसम और बदल सकता है; हमें इसकी तैयारी करनी होगी," एक पर्यावरण विशेषज्ञ ने कहा।
निष्कर्ष
देहरादून में बादल फटने की घटना ने न केवल स्थानीय居民 के लिए बल्कि पूरे उत्तराखंड के लिए एक गंभीर संकट खड़ा कर दिया है। प्रशासन की तेजी से बचाव कार्य से कई लोगों को सुरक्षित निकाला गया है, लेकिन अभी भी कुछ लापता लोग हैं। इस प्रकार की आपदाओं से निपटने के लिए हमें बेहतर योजनाएं और संरचनाएँ स्थापित करने की आवश्यकता है। इसके लिए सभी स्तरों पर जागरूकता और कार्यवाही की आवश्यकता है।
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