रिखणीखाल करंट हादसे में अवर अभियंता, उपखण्ड अधिकारी और अधिशासी अभियंता सस्पेंड
दी टॉप टेन न्यूज़ /देहरादून पौड़ी जनपद के रिखणीखाल ब्लॉक स्थित वड्डाखाल क्षेत्र में बिजली की लाइन पर कार्य करते समय संविदा लाइनमैन की करंट लगने से हुई मृत्यु की… The post रिखणीखाल करंट हादसे में अवर अभियंता, उपखण्ड अधिकारी और अधिशासी अभियंता सस्पेंड first appeared on .

रिखणीखाल करंट हादसे में अवर अभियंता, उपखण्ड अधिकारी और अधिशासी अभियंता सस्पेंड
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संविधान के आधार पर सुरक्षित ना होने वाले क्षेत्रों में कार्य करते समय गंभीर लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। पौड़ी जिले के रिखणीखाल ब्लॉक के वड्डाखाल क्षेत्र में एक संविदा लाइनमैन की करंट लगने से हुई मौत ने स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है। इस दुर्घटना के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले को अत्यंत गंभीरता से लिया है और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री की त्वरित कार्रवाई
मुख्यमंत्री धामी ने विधायक महंत दलीप सिंह रावत की शिकायत के बाद घटना के संदर्भ में त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए। त्वरित कार्रवाई करते हुए उचित लापरवाही के लिए अवर अभियंता शुभम कुमार, उपखण्ड अधिकारी चंद्रमोहन, और अधिशासी अभियंता विनीत कुमार सक्सेना को निलंबित कर दिया गया है। यह निर्णय उन कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही को दर्शाता है जिनका पालन करें और जन सुरक्षा को सुनिश्चित करें।
सुरक्षा मानकों की अनदेखी
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि इस प्रकार की लापरवाही को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने उक्त अधिकारियों को निर्देशित किया कि विद्युत कार्यों पर पूर्ण सुरक्षा की सुनिश्चितता होनी चाहिए। कार्यस्थल पर संरक्षित उपकरणों की उपलब्धता भी अनिवार्य होनी चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से hazards जैसे शॉर्प ऑब्जेक्ट्स और फायर उपकरणों के संबंध में कर्मचारियों को उचित सुरक्षा साधनों का प्रयोग करने का सख्त निर्देश दिया।
संविधान द्वारा सुरक्षा का अधिकार
यह भी स्पष्ट किया गया है कि दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार सभी कर्मियों के खिलाफ कठोर व्यवस्थाएँ की जाएँगी। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) के उच्च अधिकारियों से स्पष्टता मांगी है कि क्या सुरक्षा उपकरणों की पर्याप्त उपलब्धता है और ये कर्मचारियों तक पहुंचे हैं या नहीं। राज्य सरकार ने कर्मचारियों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए कहा है कि सुरक्षा के दिशा में किसी भी प्रकार की लापरवाही को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
भविष्य की ध्यान देने वाली बातें
इस मामले को लेकर अब यह जरूरी हो गया है कि सभी विभागों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों को कर्तव्यों के निर्वहन में किसी भी ढिलाई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जनहित को सर्वोपरि मानते हुए त्वरित निर्णय लेना और कार्यवाही करना सभी की जिम्मेदारी है। कोई भी लापरवाही ऐसे गंभीर परिणाम ला सकती है जिनका सामाजिक प्रभाव दूरगामी हो सकता है।
सुरक्षा की सर्वोच्च प्राथमिकता
इस घटना ने एक बार फिर से इस तथ्य की पुष्टि की है कि कार्यस्थलों पर सुरक्षा मानकों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। उम्मीद की जा रही है कि इस दुर्घटना के बाद संबंधित अधिकारी भविष्य में सुरक्षा उपायों को लागू करने में चूक नहीं करेंगे।
सुरक्षा मानकों के पालन से न केवल जन जीवन की सुरक्षा होती है, बल्कि इससे कार्यस्थलों पर समृद्धि भी आती है। आशा है कि राज्य सरकार और संबंधित विभाग इस दिशा में तत्परता से कार्य करेंगे।
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