वाई पूरन कुमार DGP विवाद से चर्चा में रहे:SC अफसरों की फील्ड पोस्टिंग का मुद्दा उठाया, नई इनोवा न मिलने पर कार लौटाई

हरियाणा के सीनियर IPS ऑफिसर वाई पूरन कुमार ने मंगलवार को सुसाइड कर लिया। उन्होंने चंडीगढ़ स्थित अपनी कोठी के बेसमेंट में खुद को गोली मार ली। वाई पूरन कुमार रोहतक स्थित सुनारिया पुलिस ट्रेनिंग सेंटर (PTC) में IG के पद पर तैनात थे। 2001 बैच के हरियाणा कैडर के अफसर वाई पूरन कुमार अपनी पोस्टिंग के दौरान कई बार चर्चा में रहे। साल 2020 में उन्होंने तत्कालीन DGP पर छुट्‌टी के दिन मंदिर जाने को लेकर हुए विवाद के बाद उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए अंबाला SP को शिकायत दी थी। इसके साथ ही, उन्होंने अनुसूचित जाति के अफसरों की फील्ड पोस्टिंग में भेदभाव का मुद्दा भी उठाया था। इसके अलावा, 2024 में हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने एक IPS ऑफिसर की पोस्टिंग को लेकर चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने कहा था कि वह अधिकारी सत्ताधारी पार्टी का करीबी है, इसलिए उसका ट्रांसफर होना चाहिए। पिछले साल ही उन्होंने नई इनोवा कार न मिलने पर अपनी पुरानी होंडा सिटी कार लौटा दी थी और चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखकर अधिकारियों के व्हीकल अलॉटमेंट सिस्टम पर सवाल उठाए थे। वाई पूरन कुमार से जुड़े विवाद सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें.... 2020 में DGP पर उत्पीड़न के आरोप लगाए साल 2020 में वाई पूरन कुमार का तत्कालीन DGP मनोज यादव के साथ विवाद हो गया था। 3 अगस्त 2020 को छुट्‌टी के दिन वाई पूरन कुमार शहजादपुर थाने में बने मंदिर में गए थे। तत्कालीन डीजीपी मनोज यादव ने उनसे पूछा था कि क्या मंदिर स्थापित करने से पहले सरकार से अनुमति ली गई थी। वाई पूरन कुमार ने जवाब दिया था कि मंदिर उनकी नियुक्ति से पहले का है और मनोज यादव उन्हें सार्वजनिक अवकाश के दिन पूजा करने से नहीं रोक सकते। इसके बाद उन्होंने DGP मनोज यादव के खिलाफ अंबाला एसपी को शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन कार्रवाई न होने पर उन्होंने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, गृह मंत्रालय और केंद्र सरकार तक शिकायत पहुंचाई। हालांकि, बाद में गृह विभाग ने पूरे मामले की जांच की और उनकी शिकायत को खारिज कर दिया। इसके बाद वे हाईकोर्ट गए, लेकिन हाईकोर्ट ने भी इसे अनावश्यक बताते हुए खारिज कर दिया। IPS अफसरों के 2 सरकारी मकानों का मामला उठाया साल 2023 में वाई पूरन कुमार ने ही 9 IPS अधिकारियों द्वारा दो-दो सरकारी मकानों पर कब्जा करने का मामला उजागर किया था। इसके बाद, संबंधित अधिकारियों से एक सरकारी मकान खाली कराया गया और उन पर जुर्माना भी लगाया गया। इस घटना के बाद, प्रदेश सरकार ने आदेश जारी किया कि कोई भी अधिकारी दो मकान नहीं रख पाएगा। SC अफसरों की फील्ड पोस्टिंग पर सवाल उठाए SC अफसरों की फील्ड पोस्टिंग को लेकर भी वाई पूरन कुमार ने आवाज उठाई थी। उन्होंने 16 फरवरी और 28 जून 2024 को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को पत्र लिखकर बताया था कि हरियाणा में अफसरों की फील्ड पोस्टिंग में भेदभाव हो रहा है। SC अफसरों को फील्ड तैनाती में उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया जा रहा है और इस संबंध में हर तीन महीने में आयोग को भेजी जाने वाली रिपोर्ट भी नहीं भेजी जा रही है। चुनाव आयोग से IG की शिकायत की थी साल 2024 में हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान वाई पूरन कुमार ने साउथ हरियाणा रेंज के आईजी राजेंद्र कुमार के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में उन्होंने कहा था कि आईजी राजेंद्र कुमार 31 अक्टूबर 2024 को रिटायर होने वाले हैं और सत्ताधारी पार्टी के काफी करीबी हैं। इसलिए, चुनाव आयोग की गाइडलाइन के अनुसार उनका तबादला किया जाना चाहिए। इसके बाद चुनाव आयोग ने गृह विभाग से 24 घंटे में जवाब मांगा था। IPS अफसरों के प्रमोशन पर सवाल उठाए साल 2024 में वाई पूरन कुमार ने हरियाणा के 1991, 1996, 1997 और 2005 बैच के IPS अफसरों के प्रमोशन पर सवाल उठाए थे। उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सैनी को पत्र लिखकर कहा कि ये प्रमोशन गलत तरीके से किए गए हैं। वित्त विभाग ने गृह मंत्रालय के नियमों को अनदेखा करके सिर्फ अपनी सहमति से ये प्रमोशन कर दिए। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा कि उन्होंने पहले 11 अक्टूबर 2022 को गृह विभाग के बड़े अफसर को बताया था कि 2001 बैच के अफसरों को DIG के पद पर प्रमोशन देने के लिए गृह मंत्रालय के नियमों का पालन किया जाए। उन्होंने यह भी मांग की कि उनकी सैलरी फिर से तय की जाए और उन्हें बकाया पैसे भी दिए जाएं। 2006 बैच के अफसरों की पोस्टिंग पर शिकायत की साल 2024 में पूरन कुमार ने हरियाणा में 2006 बैच के IPS अफसरों को प्रमोशन के बाद भी पोस्टिंग न मिलने पर मुख्यमंत्री नायब सैनी को शिकायत भेजी थी। शिकायत में उन्होंने लिखा था कि 2006 बैच के अफसरों को प्रमोशन तो दे दिया गया है, लेकिन उनकी पोस्टिंग अभी तक पेंडिंग है। उन्होंने तीन अफसरों का जिक्र करते हुए बताया कि वे तीनों ही अभी तक अपनी पुरानी पोस्टिंग पर काम कर रहे हैं, जो कि गलत है। पुरानी कार लौटाई, चीफ सेक्रेटरी को लेटर लिखा साल 2024 में वाई पूरन कुमार ने अपनी 7 साल पुरानी होंडा सिटी कार को लेकर सवाल उठाए थे। नई इनोवा क्रिस्टा कार न मिलने पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने अपनी कार वापस कर दी। साथ ही, उन्होंने तत्कालीन मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद को पत्र लिखकर IPS ऑफिसर्स को ऑफिशियल व्हीकल के अलॉटमेंट सिस्टम पर भी सवाल उठाए। उन्होंने पत्र में लिखा था कि उन्हें जो वाहन (होंडा सिटी) दिया गया था, वह उस रैंक के अनुरूप नहीं था जिसके वे हकदार थे। उन्होंने यह भी लिखा था कि नवंबर 2023 में IGP दूरसंचार की जिम्मेदारी संभालने और आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली के प्रभारी होने के बाद उन्हें 2017 मॉडल की कार (होंडा सिटी) आवंटित की गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें आवंटित कार 7 साल पुरानी और खराब हालत में थी, जबकि उनके पूर्ववर्ती (ADGP रैंक के अधिकारी) को उनके कार्यकाल के दौरान एक नई टोयोटा इनोवा क्रिस्टा दी गई थी। ----------------------------- ये खबर भी पढ़ें :- हरियाणा के सीनियर IPS अफसर ने गोली मारकर सुसाइड किया:कोठी

Oct 7, 2025 - 18:33
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वाई पूरन कुमार DGP विवाद से चर्चा में रहे:SC अफसरों की फील्ड पोस्टिंग का मुद्दा उठाया, नई इनोवा न मिलने पर कार लौटाई
वाई पूरन कुमार DGP विवाद से चर्चा में रहे:SC अफसरों की फील्ड पोस्टिंग का मुद्दा उठाया, नई इनोवा न मिलन�

वाई पूरन कुमार DGP विवाद से चर्चा में रहे: SC अफसरों की फील्ड पोस्टिंग का मुद्दा उठाया, नई इनोवा न मिलने पर कार लौटाई

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हरियाणा के सीनियर IPS ऑफिसर वाई पूरन कुमार का नाम हाल ही में विवादों के कारण चर्चा में बना हुआ है। उनकी दुखद आत्महत्या ने न केवल उनके करियर को बल्कि समाज में अनुसूचित जाति के अधिकारियों की चुनौतीपूर्ण स्थिति को भी उजागर किया है। इस लेख में हम वाई पूरन कुमार की समस्या, उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों और उनके कार्यकाल के दौरान की कुछ विवादस्पद घटनाओं पर चर्चा करेंगे।

वाई पूरन कुमार का करियर और विवाद

वाई पूरन कुमार, जो 2001 बैच के हरियाणा कैडर के अधिकारी थे, ने चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित अपनी कोठी में आत्महत्या की। उनकी आत्महत्या के पीछे कई विवादों का लंबा इतिहास रहा है। 2020 में, उन्होंने तत्कालीन DGP मनोज यादव पर मंदिर में पूजा करने से रोकने का आरोप लगाया और इसके बाद उत्पीड़न का मामला उजागर किया। यह मामला न केवल उनके निजी जीवन को प्रभावित किया, बल्कि हरियाणा पुलिस के भीतर कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए।

SC अधिकारियों की फील्ड पोस्टिंग का मुद्दा

वाई पूरन कुमार ने अनुसूचित जाति के अधिकारियों की फील्ड पोस्टिंग में भेदभाव का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि SC अधिकारियों को फील्ड में उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया जा रहा है। यह उनकी बहादुरी को दर्शाता है कि उन्होंने न केवल अपनी आवाज उठाई बल्कि अन्य अधिकारियों के हक के लिए भी खड़े रहे।

नए वाहन न मिलने पर पुरानी कार लौटाई

वाई पूरन कुमार ने अपनी नाराजगी जताते हुए अपनी 7 साल पुरानी होंडा सिटी कार को लौटाया, क्योंकि उन्हें नई इनोवा कार नहीं दी गई थी। उन्होंने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस विषय पर सवाल उठाए, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके पद की अपेक्षा वाहन की गुणवत्ता सही नहीं थी। यह घटना पुलिस प्रशासन के भीतर एक नया विवाद खड़ा करती है, जो अधिकारियों के भेदभावपूर्ण व्यवहार की ओर इशारा करती है।

वाई पूरन से जुड़े अन्य विवाद

इसके अलावा, वाई पूरन कुमार ने चुनाव आयोग के समक्ष महत्वपूर्ण शिकायतें भी दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने एक IPS ऑफिसर का ट्रांसफर मांगा था, जो कि सत्ताधारी पार्टी के नजदीकी अधिकारी थे। ऐसा माना जाता है कि उनके द्वारा उठाए गए ये मुद्दे हरियाणा के प्रशासनिक ढांचे में सुधार लाने के लिए महत्वपूर्ण थे।

निष्कर्ष

सरकार और पुलिस प्रशासन में अनुशासन और पारदर्शिता के लिए वाई पूरन कुमार द्वारा उठाए गए मुद्दे महत्वपूर्ण हैं। उनकी आत्महत्या एक दुखद घटना है, लेकिन यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर ध्यान दें और सुधार के लिए प्रयास करें। उम्मीद है कि उनकी कोशिशें सिफarişों में वास्तविक परिवर्तन लाएंगी और अनुसूचित जाति के अधिकारियों को उनके अधिकार मिलेंगे।

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