CJI की मां बोलीं– RSS के कार्यक्रम में नहीं जाऊंगी:अनावश्यक विवाद के कारण फैसला लिया, 5 अक्टूबर को अमरावती में चीफ गेस्ट थीं

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई की मां कमल गवई 5 अक्टूबर को महाराष्ट्र के अमरावती में आयोजित RSS के शताब्दी समारोह में शामिल नहीं होंगी। उन्हें इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनाया गया है। 84 साल की कमल गवई ने ओपन लेटर में लिखा- इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाए जाने की खबर के बाद अनावश्यक विवाद और आरोप लगने लगे, जिसकी वजह से कार्यक्रम में न जाने का फैसला लिया है। उन्होंने लिखा है कि कुछ लोग उन्हें कार्यक्रम में आमंत्रित करने आए थे और वे सभी के लिए शुभकामनाएं देती हैं, लेकिन हालात को देखते हुए वे इसमें शामिल नहीं होंगी। नागपुर कार्यक्रम के चीफ गेस्ट हैं पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद वहीं, 2 अक्टूबर को दशहरा के मौके पर महाराष्ट्र के नागपुर में होने वाले RSS के कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद चीफ गेस्ट होंगे। इस साल संघ अपनी स्थापना के 100 साल पूरे कर रहा है। संघ के शताब्दी वर्ष में यह एक ऐतिहासिक समारोह होगा। रामनाथ कोविंद दूसरे पूर्व राष्ट्रपति हैं जो RSS के किसी कार्यक्रम में चीफ गेस्ट बन रहे हैं। इससे पहले 2018 में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी संघ के एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बने थे। तब वे एक ट्रेनिंग कैंप के समापन समारोह में शामिल हुए थे। संघ विजयादशमी पर अपना स्थापना दिवस मनाता है। 1925 में विजयादशमी के दिन डॉ. बलराम कृष्ण हेडगेवार ने इसकी शुरुआत की थी। --------------------- भागवत बोले- न रिटायर हो रहा, न किसी से कहा: संघ चाहे तो 75 की उम्र के बाद भी काम करूंगा मैंने यह नहीं कहा कि मैं रिटायर हो जाऊंगा या किसी और को रिटायर हो जाना चाहिए। मैं 80 की उम्र में भी शाखा लगाऊंगा। हम किसी भी समय रिटायर होने के लिए तैयार हैं। संघ हमसे जिस भी समय तक काम कराना चाहेगा, हम काम करने के लिए तैयार हैं। पूरी खबर पढ़ें...

Oct 2, 2025 - 00:33
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CJI की मां बोलीं– RSS के कार्यक्रम में नहीं जाऊंगी:अनावश्यक विवाद के कारण फैसला लिया, 5 अक्टूबर को अमरावती में चीफ गेस्ट थीं
CJI की मां बोलीं– RSS के कार्यक्रम में नहीं जाऊंगी:अनावश्यक विवाद के कारण फैसला लिया, 5 अक्टूबर को अमरा

CJI की मां बोलीं– RSS के कार्यक्रम में नहीं जाऊंगी: अनावश्यक विवाद के कारण फैसला लिया

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चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई की मां, कमल गवई, ने 5 अक्टूबर को महाराष्ट्र के अमरावती में आयोजित RSS के शताब्दी समारोह में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया है। 84 वर्षीय कमल गवई ने सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक ओपन लेटर में बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनने की सूचना के बाद से उनके ऊपर अनावश्यक विवाद और आरोप लगे, जिसके कारण उन्होंने इस कार्यक्रम में न जाने का निर्णय लिया।

कमल गवई का पत्र: विवाद और निर्णय

कमल गवई ने अपने पत्र में लिखा है कि उन्हें कार्यक्रम में आमंत्रित करने वाले लोग सभी के लिए शुभकामनाएं भेजते हैं। फिर भी, हालात को देखते हुए, उन्होंने इस महत्वपूर्ण समारोह में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया। उनका यह निर्णय समय की तात्कालिकता और व्यक्तिगत कारणों से प्रेरित है, जो वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

कार्यक्रम की स्थिति और अन्य मुख्य अतिथि

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी शामिल होंगे। 5 अक्टूबर को आयोजित इस समारोह में संघ की स्थापना के 100 साल पूरे होने का जश्न मनाया जाएगा। यह समारोह भारतीय जनता को संघ के महत्व और इसके ऐतिहासिक योगदान के बारे में जागरूक करता है। पहले भी, 2018 में, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने संघ के एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया था। इस तरह के समारोह न केवल संघ के सदस्यों के लिए, बल्कि आम जनता के लिए भी महत्वपूर्ण होते हैं।

भविष्य की योजनाएं और संघ का योगदान

संघ अपने स्थापना दिवस को विजयादशमी के दिन मनाता है, जो 1925 में डॉ. बलराम कृष्ण हेडगेवार द्वारा शुरू किया गया था। संघ के कार्य में समाज के उत्थान के लिए अनेक योजनाएं शामिल हैं, जो सदियों से चल रही हैं। इस बार, कार्यक्रम के संदर्भ में संघ के महासचिव मोहन भागवत ने भी अपनी बात रखी, जिसमें उन्होंने कहा कि वह न तो रिटायर हो रहे हैं और न ही किसी को रिटायर होने के लिए कह रहे हैं। वह 75 साल की उम्र के बाद भी संघ के कार्य में सक्रिय रहेंगे।

निष्कर्ष

कमल गवई का फैसला न केवल व्यक्तिगत है, बल्कि यह समाज में हो रहे वर्तमान घटनाक्रमों को भी दर्शाता है। समाज में बदलाव और प्रभाव के लिए ऐसे निर्णय अक्सर सामने आते हैं। इस स्थिति को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि आगे चलकर समुदाय और सरकार के बीच के रिश्तों को और मजबूती देने की आवश्यकता है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए, समाज को आगे बढ़ाने के लिए सभी को एकजुटता के साथ काम करना चाहिए।

अंत में, हर कार्यक्रम और विचारधारा में सकारात्मता और समजस्य की आवश्यकता होती है, जिससे हमारे समाज में सद्भावना बनी रहे।

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