UKSSSC पेपर लीक के विरोध में सड़कों पर उतरा युवाओं का हुजूम, सीबीआई जांच की मांग उठाई
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UKSSSC पेपर लीक के विरोध में सड़कों पर उतरा युवाओं का हुजूम, सीबीआई जांच की मांग उठाई
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रैबार डेस्क: उत्तराखंड में रविवार को अझीनस्थ सेवा चयन आयोग का पेपर लीक होने के बाद एक बार फिर युवाओं में आक्रोश है। बेरोजगार संघ के आह्वान पर आज हजारों युवा धारा 163 लागू होने के बावजूद परेड ग्राउंड पहुंचे और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। युवाओं के प्रदर्शन को स्वाभिमान मोर्चा और यूकेडी का भी साथ मिला। युवाओं ने भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच की मांग की।
आक्रोश का कारण
रविवार को बेरोजगार संघ ने यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर लीक होने का दावा किया। ऐसे में गुस्साए बेरोजगार आज सचिवालय कूच करने पहुंचे। युवाओं का सवाल है आखिर पेपर बाहर कैसे आया। गुस्साए युवाओं ने सड़कें जाम कर दी। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर 9 स्थानों पर धारा 163 लागू कर दी थी जिसके तहत किसी भी रैली, प्रदर्शन या धरने पर बैन लगा दिया गया था। बावजूद इसके हजारों युवा परेड ग्राउंड पहुंचे और भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता के लिए ऐसे मामलों की सीबीआई जांच की मांग की।
पेपर लीक की समयसीमा
यूकेएसएसएससी की परीक्षा रविवार सुबह 11 बजे से प्रदेश के 445 केंद्रों में आयोजित हुई। लेकिन बेरोजगार संघ का दावा है कि परीक्षा शुरू होने के करीब आंधे घंटे बाद ही 11:35 बजे पेपर का एक सेट लीक हो गया। इस संबंध में प्रेस क्लब में पत्रकारों से बात करते हुए संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल ने कहा, हरिद्वार के एक केंद्र से पेपर लीक हुआ है। इससे पेपर की गोपनीयता भंग हुई है। इतना ही नहीं जो पेपर बाहर आया था और परीक्षा में अभ्यर्थियों के मिले पेपर का मिलान किया गया तो कई प्रश्न मिल रहे थे।
शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आयोजन
संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल के साथ पेपर लीक से गुस्साए प्रदेश भर के युवा आज देहरादून के परेड मैदान में एकत्र हुए। उत्तराखंड बेरोजगार संघ के बैनर तले युवाओं ने 'पेपर चोर गद्दी छोड़' जैसे नारे लगाकर सरकार के खिलाफ अपना विरोध जताया। बेरोजगारों ने आज सचिवालय कूच करने का प्लान बनाया था, लेकिन बाद में संघ के नेताओं ने युवाओं से शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से परेड ग्राउंड के पास सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। इस मामले पर उत्तराखंड बेरोजगार संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कहा कि जिस तरह प्रशासन ने धारा 163 लागू करके युवाओं को डराने की कोशिश की है, यह लोकतंत्र का गला घोटने के समान है।
पुलिस का बयान और एफआईआर
बेरोजगार संघ और बॉबी पंवार के आरोपों के बाद देर रात देहरादून SSP अजय सिंह और UKSSSC अध्यक्ष जीएस मार्तोलिया ने प्रेस वार्ता में जवाब दिया। SSP ने कहा कि जांच में किसी संगठित गैंग की संलिप्तता नहीं पाई गई, बल्कि एक केंद्र से किसी व्यक्ति ने पेपर के कुछ पन्नों की फोटो भेजी। पेपर शुरू होने से पहले कोई लीक की सूचना नहीं थी, लेकिन 1:30 बजे सोशल मीडिया पर स्क्रीनशॉट वायरल हुए। सबसे पहले लीक पेपर का फोटो टिहरी में एसिस्टेंट प्रोफेसर पद पर तैनात महिला सुमन देवी के पास पहुंचा। उन्हें सरकारी कर्मचारी खालिद ने ये फोटो व्हाट्सएप्प पर भेजा था। इस मामले में पुलिस ने सुमन, औऱ खालिद समेत 5 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
निष्कर्ष
उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी पेपर लीक से युवाओं में फैली निराशा और गुस्से का यह मुद्दा एक बार फिर भर्ती परीक्षाओं की सत्यता पर सवाल उठाता है। युवा अपनी आवाज उठा रहे हैं, और उनकी यह मांग है कि पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए। सीबीआई जांच की मांग अब इस मुद्दे की गंभीरता को और बढ़ा देती है। आशा है कि सरकार त्वरित और उचित कदम उठाएगी, ताकि युवाओं का विश्वास बहाल किया जा सके।
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