इंदौर में 3 मंजिला बिल्डिंग गिरी, 11 लोग घायल:परिजन ने कहा- 2 लोग अभी भी मलबे में दबे; रेस्क्यू में जुटी टीमें
इंदौर में सोमवार रात करीब सवा 9 बजे बड़ा हादसा हो गया। शहर के रानीपुरा इलाके में 3 मंजिला मकान गिर गया। इस हादसे में 11 लोग घायल हो गए। इनमें एक 3 साल की बच्ची भी शामिल हैं। सभी घायलों को एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रत्यक्षदर्शी मोहम्मद अंसारी ने बताया कि यह मकान सम्मू बाबा का है। यहां 17 लोग घर के अंदर थे। दो लोग अभी भी अंदर फंसे हुए है। रेस्क्यू टीम उन्हें निकालने की कोशिश में जुटी है। अंसारी ने मलबे में फंसे लोगों से फोन पर बात कर हाल भी जाना। एमवाय अस्पताल से भी डॉक्टरों की टीम मौके पर पहुंची है। फिलहाल दो जेसीबी मशीनों से मलबा हटाया जा रहा है। मेयर समेत कई जनप्रतिनिधि पहुंचे मौके पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के साथ ही महापौर पुष्यमित्र भार्गव और भाजपा विधायक गोलू शुक्ला समेत कई जनप्रतिनिधि भी पहुंचे हैं। मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई है। बिजली कंपनी ने इलाके की बिजली काट दी है। रेस्क्यू टीम ने बिजली के तारों को काटा है ताकि रेस्क्यू तेजी से किया जा सके। 3 मंजिला बिल्डिंग में 4 परिवार रहते हैं बताया जा रहा है कि जो 3 मंजिला बिल्डिंग गिरी है, उसमें 4 परिवार के कुल 17 लोग रहते हैं। ये मकान किसी सम्मू बाबा का है, जो करीब 10-15 साल पुराना है। ये भी बताया जा रहा है कि बारिश के कारण बिल्डिंग में दरारें पड़ गई थीं। हादसे के दौरान बिल्डिंग के ज्यादातर लोग बाहर थे। इसके चलते बड़ा हादसा होने से बच गया। मौके की तस्वीरें देखिए - ये 10 लोग घायल हुए खबर में मिनट टु मिनट अपडेट के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए।

इंदौर में 3 मंजिला बिल्डिंग गिरी, 11 लोग घायल: परिजन ने कहा- 2 लोग अभी भी मलबे में दबे; रेस्क्यू में जुटी टीमें
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इंदौर में सोमवार रात को एक बड़ा हादसा हुआ, जब रानीपुरा इलाके में एक 3 मंजिला बिल्डिंग अचानक गिर गई। इस दुर्घटना में 11 लोग घायल हो गए, जिनमें एक 3 साल की बच्ची भी शामिल है। सभी घायलों को एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह मकान किसी "सम्मू बाबा" का था और यहां 17 लोग घर के अंदर थे।
घटना का स्थान और प्रारंभिक जानकारी
रात करीब सवा 9 बजे के आस-पास यह घटना हुई। रानीपुरा क्षेत्र में स्थित यह इमारत 10-15 साल पुरानी बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश के कारण इस इमारत में दरारें पड़ी थीं। घटनास्थल पर मौजूद साक्षी मोहम्मद अंसारी ने यह जानकारी साझा की कि बिल्डिंग गिरने के समय अधिकांश लोग घर से बाहर थे, जिससे बड़ा हादसा टल गया।
रेस्क्यू ऑपरेशन और राहत कार्य
हादसे के तुरंत बाद ही रेस्क्यू टीमों ने मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू कर दिया। फिलहाल, दो लोग अभी भी मलबे के नीचे दबे हुए हैं। रेस्क्यू टीम उन्हें निकालने की कोशिश में जुटी है। पुलिस, प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। एमवाय अस्पताल से डॉक्टरों की एक टीम भी राहत कार्य में मदद करने के लिए मौके पर पहुंची।
जनप्रतिनिधियों और पब्लिक का वहां समर्पण
घटना के बाद महापौर पुष्यमित्र भार्गव और भाजपा विधायक गोलू शुक्ला समेत कई जनप्रतिनिधि现场 पर पहुंचे। स्थानीय बिजली कंपनी ने एहतियात के तौर पर इलाके की बिजली काट दी थी, ताकि रेस्क्यू कार्य बिना किसी बाधा के जारी रह सके। रेस्क्यू टीम ने बिजली के तारों को काटा ताकि राहत कार्य में तेजी लाई जा सके।
संभावित कारण और निगरानी
इस मामले में सबसे प्रमुख तत्व यह है कि इमारत पुरानी हो चुकी थी और बारिश के कारण उसके ढांचे में कमजोरी आ गई थी। शहर में ऐसी इमारतों की तत्काल निगरानी और जांच की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे से बचा जा सके। स्थानीय निवासियों ने इस मुद्दे को लेकर चिंता व्यक्त की है और खतरे में रहने वाले अन्य इमारतों का भी सर्वेक्षण करने की मांग की है।
निष्कर्ष
यह घटना एक गंभीर खतरे को उजागर करती है, जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती। नगर निगम और संबंधित प्रशासन को ऐसी इमारतों पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। हादसे में घायल हुए व्यक्तियों की ओर से परिवार और समाज को संवेदनाएं व्यक्त की जा रही हैं। इस घटना से जुड़े हर पहलू पर नजर रखी जा रही है। मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने रेस्क्यू कार्य की तेजी और सुरक्षा उपायों में सुधार की जरूरत को महसूस किया है।
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